पहली बार इक्विटी मार्केट में निवेश करने वालों के लिए बजट जैसे तोहफा लेकर आया है. यह बजट विकास वाला बजट है. अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने वाला भी है जिसमें निवेश को बढ़ाया गया है और स्वास्थ्य क्षेत्र पर जबरदस्त व्यय की योजना है. राजकोषीय घाटा भले ही अधिक है लेकिन यह गलत वजह से नहीं. इसका वजह यह है कि ऑफ बजट बॉरोइंग को बजट का हिस्सा बनाया गया है और पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी की गई है. कम से कम सरकारी दखल और अधिक से अधिक गवर्नेंस के जरिए बजट भविष्य में विकास को तेज रफ्तार देगा.
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और बैंकों के विनिवेश से बाजार में बड़े बदलाव आएंगे. इससे रिसोर्स यूटिलाइजेशन और अर्थव्यवस्था को लाभ होगा. सरकारी परिसंपत्तियों जैसे सड़कों, ट्रांसमिशन टावर, स्पोर्ट्स स्टेडियम, वेयरहाउस वगैरह के मॉनिटाइजेशन से संसाधन तो बढ़ेंगे, पर टैक्स नहीं. संसाधन बढ़ेंगे तो निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा.
नतीजा सुफल देगा. वृद्धि की दर उच्च होगी और आने वाले सालों में कॉरपोरेट आय बेहतर होगी.
बाजार में नए निवेशकों को इस तरह भारत की प्रगति का सहभागी बनना चाहिए-
- अपने रिस्क प्रोफाइल और निवेश के लक्ष्य के लिहाज से वित्तीय योजना बनानी चाहिए. इसके लिए वे अच्छे म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर या फाइनांशियल प्लानर की मदद ले सकते हैं.
- एसेट क्लास में इक्विटी को भी महत्व देना चाहिए. एसेट एलोकेशन निवेश की रणनीति बनाने में मदद करता है- उसकी अवधारणा को समझें.
- एसआईपी के जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स या इक्विटी स्टॉक्स में नियमित रूप से निवेश करें, अगर इस सिलसिले में पूरी रिसर्च कर ली है.
- उनके पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा लंबी अवधि के निवेश वाला होना चाहिए.
- बाजार के उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें. एसेट एलोकेशन में अनुशासन बनाए रखें और धैर्य रखें. जब बाजार में उतार हो तो खरीदें और जब बाजार चढ़े तो बेचें.
- अगर वे कारोबारी बनना चाहते हैं तो स्टॉप लॉस की कला सीख लें. अगर निवेशक बनना चाहते हैं तो एवरेजिंग की कला में पारंगत हो जाएं.
- हर प्रकार के एसेट क्लास में निवेश करें. वे ऑफ शोर, यानी विदेशी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं.
- लालच से बचें, पर घबराइए मत. बाजार चढ़ता उतरता रहता है. बाजार में धीरज रखने पर ही मुनाफा कमाया जा सकता है.
- मुद्रास्फीति और टैक्स, दोनों पर ध्यान दें, तभी असली रिटर्न मिलेंगे.
- अनुशासित निवेशक बनने से ही वित्तीय आजादी मिलती है.
(लेखक कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के ग्रुप प्रेज़िडेंट और एमडी हैं. यहां व्यक्ति विचार व्यक्तिगत हैं और कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड से उसका कोई संबंध नहीं है.)
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