एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगने के बाद खून के थक्के जम सकते हैं. ये खुलासा यूरोपीय दवा नियामक (EMA) की स्टडी में हुआ है.
यूरोपीय दवा नियामक के मुताबिक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन और खून के थक्कों के बीच संबंध पाया गया है. हालांकि, ये काफी दुर्लभ है लेकिन फिर भी ऐसा हो सकता है. ऐसी सलाह दी गई है कि इस बात का ध्यान रखा जाए. साथ ही, ये भी कहा गया है कि वैक्सीन की वजह से जोखिम के मुकाबले इसे लगवाने के ज्यादा फायदे हैं.
यूरोप में 86 ऐसे मामलों पर की गई स्टडी के बाद, यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने वैक्सीन से होने वाले फायदों को इससे होने वाले जोखिम से बाहर रखा.
थक्के जमने के ज्यादातर मामले 60 से कम उम्र की महिलाओं में
रिपोर्ट में 2.5 करोड़ यूरोपीय लोगों के डेटा को दिखाया गया है, जिन्हें वैक्सीन लगाई गई है.
हालांकि, EMA जोखिम से जुड़े खास फैक्टर जैसे कि उम्र और लिंग को सूचीबद्ध नहीं कर पाया है, लेकिन खून के थक्के जमने के ज्यादातर मामले 60 से कम उम्र की महिलाओं में देखे गए.
यूके की वैक्सीन एडवाइजरी बॉडी ने कहा कि 30 साल के नीचे के लोगों को एस्ट्राजेनेका का वैकल्पिक इंजेक्शन लगाया गया था. यूके में मार्च के आखिर तक करीब 79 लोगों को वैक्सीन लगने के बाद खून के थक्के जमने के दुर्लभ मामले सामने आए हैं. इनमें से 19 लोगों की मौत हो गई है.
EMA ने क्या पाया?
इसकी रिपोर्ट के दो अहम एलीमेंट ये थे कि खून के थक्कों और वैक्सीन के बीच संबंध, दूसरा टीकाकरण कार्यक्रमों को ये कैसे प्रभावित कर सकता है.
यूरोपीय इकोनॉमिक एरिया में 22 मार्च तक स्टडी किए गए 86 मामलों में ज्यादातर 60 से कम उम्र की महिलाएं थीं.
लेकिन ईएमए के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एमर कुक ने कहा कि,
विशेष जोखिम वाले कारकों जैसे कि उम्र, लिंग या क्लॉटिंग डिसऑर्डर से जुड़ी पुरानी मेडिकल हिस्ट्री” का कोई उपलब्ध प्रमाण नहीं मिला है.
WHO ने कहा - अभी पुष्टि नहीं हुई है
WHO ने बुधवार को कहा था कि ऐसा हो सकता है कि एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की वजह से खून के थक्के बनने की दुर्लभ घटना के बीच संबंध हो, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है. दुनियाभर में 20 करोड़ लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई है लेकिन ऐसे ‘बहुत ही कम मामले’ सामने आए हैं.
इस पर आगे भी होती रहेगी रिसर्च
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की ग्लोबल एडवाइजरी कमेटी ऑन वैक्सीन सेफ्टी (GACVS) ने बुधवार को एक अंतरिम बयान जारी कर कहा कि ऐसी घटनाएं बहुत दुर्लभ हैं. लगभग 20 करोड़ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पाने वाले लोगों के बीच ऐसे बहुत कम मामलों की सूचना मिली है.
GACVS ने आगे कहा कि वह आंकड़ों को आगे भी इकट्ठा करता रहेगा और समीक्षा करता रहेगा. हालांकि, इस संभावित संबंध को पूरी तरह से समझने के लिए खास स्टडी की जरूरत है.
GACVS ने ये भी कहा कि खून के थक्के जमने वाले रेयर मामलों की तुलना उन आंकड़ों से करनी चाहिए कि कितने लोग वैक्सीन लेने के बाद ठीक हुए और कोविड 19 से होने वाली मौतों को कम करने में वैक्सीन कितनी प्रभावी रही.
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक दुनियाभर में रिकॉर्ड के अनुसार 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड 19 का संक्रमण हो चुका है, जिनमें से करीब 28 लाख लोगों की मौत हो चुकी है.
कई यूरोपीय देशों ने सामने आई प्रतिकूल घटनाओं के जोखिम को देखते हुए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल को रोक दिया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)