सुपरसोनिक स्पीड के साथ भारत ने कोरोना (Coronavirus) की महामारी में 5 मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया है. जी हां, भारत में 50 लाख से ज्यादा कोरोना से पीड़ित मरीजों की तादाद पहुंच चुकी है. अमेरिका से अभी भारत 17 लाख पीछे है और ब्राजील से 17 लाख आगे. भारत में कोरोना के ग्रोथ और स्थिति को समझने के लिए हम आपको कुछ आंकड़े बताते हैं.
25 से 50 लाख केस: अमेरिका से 9 दिन पहले
कोरोना संक्रमण में भारत की सुपरसोनिक स्पीड को इस रूप में समझा जा सकता है कि महज 33 दिन लगे जब भारत में कोरोना के मरीज 25 लाख से बढ़कर 50 लाख हो गये हैं. जबकि, अमेरिका को 25 लाख से 50 लाख कोरोना संक्रमण होने में 42 दिन लगे थे. ब्राजील को 25 लाख का संक्रमण पार किए हुए 49 दिन हो चुके हैं मगर अभी वहां कोरोना मरीजों का आंकड़ा 50 लाख से करीब साढ़े छह लाख पीछे है.
रूस से करीब 5 गुणा ज्यादा भारत में संक्रमण
रूस को भारत ने 6 जुलाई को पीछे छोड़ा था, जब भारत में कोरोना के 6 लाख 90 हजार से ज्यादा मामले हो गये थे और रूस में तब 6 लाख 81 हजार मामले थे.
मगर, आज भारत रूस के मुकाबले 5 गुणा के करीब अधिक कोरोना संक्रमण वाला देश है. रूस में 16 सितंबर को 10 लाख 73 हजार कोरोना के मरीज हैं जबकि भारत ने 50 लाख की बुरी ऊंचाई हासिल कर ली है.
10-25 लाख संक्रमण : अमेरिका को लगे 59 दिन, भारत को 29 दिन!
भारत में कोरोना की रफ्तार तेज होने के बावजूद हमेशा आधिकारिक स्तर पर कहा जाता रहा है कि यहां कोरोना की स्थिति संभली हुई है. जरा इस संभली हुई स्थिति को समझते हैं.
अमेरिका ने 10 लाख कोरोना संक्रमण से 25 लाख तक पहुंचने में 59 दिन का समय लिया था. 27 अप्रैल को वहां 10.18 लाख कोरोना केस थे, जो 25 जून को 25,2,900 हो गया. वहीं, भारत में 16 जुलाई को 10 लाख 5 हजार 624 कोरोना के मरीज थे जो 14 अगस्त को 25 लाख पार कर गये. यानी 10 से 25 लाख संक्रमण तक पहुंचने में भारत ने महज 29 दिन का समय लिया.
यह अमेरिका के 59 दिन के मुकाबले 34 दिन कम है. यहां भी सुपरसोनिक स्पीड को महसूस किया जा सकता है. अमेरिका के मुकाबले कोरोना महामारी के प्रसार की दुगुने से भी ज्यादा की गति.
कोरोना से मौत में भी भारत की स्पीड हुई ‘सुपरसोनिक’
भारत में 16 सितंबर को मौत का आंकड़ा 82,091 पहुंच चुका है. 6 अगस्त को 41 हजार 641 मौत हो चुकी थी. मतलब ये कि 41 दिन में मौत का आंकड़ा भी डबल हो चुका है. अमेरिका में 21 मई को कोरोना से मरने वालों की तादाद 98,748 थी जो 16 सितंबर को 199753 हो चुका है. यानी 86 दिन में अमेरिका में मौत का आंकड़ा डबल हुआ है. इस तरह मौत के मामले में भी भारत ने सुपरसोनिक स्पीड पकड़ ली है. यह बहुत भयावह है.
एशिया के 57 फीसदी कोरोना मरीज भारत में
एशिया में 88 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज हैं. अकेले भारत में 50 लाख की तादाद पार कर चुकी है. मतलब यह कि एशिया का 57 फीसदी कोरोना मरीज सिर्फ भारत में हैं.
पूरे यूरोप में 41 लाख 68 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज हैं. भारत में यूरोप के मुकाबले करीब 8.5 लाख अधिक संक्रमण है.
चार हफ्ते में अमेरिका को ‘पछाड़’ देगा भारत
अमेरिका में 2 लाख 32 हजार कोरोना मरीज पिछले एक हफ्ते में (8 सितंबर से 14 सितंबर तक) बढ़े हैं. भारत में इसी दौरान 5 लाख 59 हजार से ज्यादा मरीज बढ़े हैं. यानी कोरोना संक्रमण की रफ्तार अमेरिका से भारत में दोगुनी है.
भारत में प्रति दिन कोरोना संक्रमण की रफ्तार 90 हजार से ऊपर है, जबकि अमेरिका में यह 40 हजार से नीचे है.अमेरिका में संक्रमण की दर कम हो रही है जबकि भारत में बढ़ती चली जा रही है. इस रफ्तार से लगता है कि अगले चार हफ्ते में भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा.
दुनिया में कोरोना से मरने वाला हर 11 वां मरीज भारतीय
दुनिया में कोरोना संक्रमण से अब तक 9 लाख 63 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में यह संख्या 82 हजार है. इसका अर्थ यह हुआ कि कोरोना की महामारी से मरने वाला हर 11वां आदमी भारतीय है. भारत में कोरोना संक्रमण की बुरी स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत के 28 राज्यों में 14 राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना का संक्रमण 1 लाख से ज्यादा है. 50 हजार से ज्यादा संक्रमण वाले राज्यों की संख्या 20 है. 10 हजार से ज्यादा 25 राज्य हैं.
भारत के 7 राज्यों में 4 हजार से ज्यादा मौत
मौत के मामलों में भी स्थिति बुरी होती चली जा रही है. 4 हजार से ज्यादा मौत वाले राज्यों की संख्या अब 7 हो चुकी है. 12 राज्य ऐसे हैं जहां 1 हजार से ज्यादा मौत हुई है.
भारत में कोरोना के हालात को हमेशा से ‘बेहतर’ बताया जाता रहा है, जबकि वास्तव में हालात बदतर होते चले गये हैं. कभी 21 दिन में कोरोना पर विजय पाने की बात कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब कह रहे हैं कि जब तक कोरोना का वैक्सीन नहीं आ जाता, तब संयम से रहना होगा. जनता को नहीं पता संयम में रहकर वह कैसे कोरोना से बचें, क्योंकि खुद सांसद, विधायक, मंत्री न सिर्फ लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे हैं बल्कि वे मौत के मुंह में भी समा रहे हैं. कोरोना ने भारत रत्न प्रणब मुखर्जी तक को छीन लिया. पीएम मोदी की बातों से ऐसा लगता है मानो कोरोना के सामने सरकार ने घुटने टेक दिए हों.
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