भारत में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी होने लगी है. राज्यों से आ रहे पिछले एक हफ्ते के नए कोविड केसों के आंकड़ों से यही लगता है. संक्रमण के आंकड़ों का ग्राफ बताता है कि या तो पीक आ चुका है या अगले कुछ दिनों में आ जाएगा.
भारत में 6 मई को रिकॉर्ड 4.14 लाख प्रतिदिन के केस के आने के बाद से नए मामलों में भारी कमी आई है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,26,098 नए मामले आए और 3890 लोगों की मौत हुई. संक्रमण की धीमी होती रफ्तार महामारी से संघर्ष करते आम लोगों और स्वास्थ्य विभाग के लिए अच्छी खबर हो सकती है.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र ,जो कि एक वक्त पर हर दिन आते नए केसों में 60% का हिस्सेदार था, वहां के पिछले 10 दिनों के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम हुई है. दो सप्ताह तक 60 हजार और 50 हजार तक प्रतिदिन नए केस आने के बाद अब वह आंकड़ा 40 हजार के नीचे चुका है.
उत्तर प्रदेश
सबसे बड़ी राहत उत्तर प्रदेश से दिख रही है, जहां की घनी आबादी और प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी उसे महाराष्ट्र से भी अधिक संवेदनशील राज्य बनाती है. लेकिन पिछले 1 सप्ताह से नए मामलों के आंकड़े बताते हैं कि संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई है. जहां 5 मई को संक्रमित हुए लोगों की संख्या 31,111 थी वहीं 14 मई को यह लुढककर 15,747 पर आ चुकी है.
दिल्ली
महाराष्ट्र की ही तरह दिल्ली के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में कोरोना का ग्राफ अपने पीक से गुजर चुका है .जहां 5 मई को आए नए मामलों के आंकड़े 21 हजार के आसपास थे वही 13 मई को यह कम होकर 8,506 तक आ चुका है.
बिहार
मेट्रोपॉलिटन सिटी से लौटते लोगों की वजह से बिहार के सुदूर गांवों तक कोरोना की दूसरी लहर के पहुंचने का खतरा बना हुआ था .लेकिन बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी पिछले 10 दिनों के आंकड़ों को देखकर लगता है कि वहां भी कोरोना की रफ्तार धीमी हुई है.
मध्य प्रदेश
उत्तर प्रदेश की तरह बड़ी जनसंख्या के कारण कोरोना संक्रमण के प्रति संवेदनशील मध्यप्रदेश में कोरोना की धीमी होती रफ्तार राहत की खबर है. यहां भी पिछले 10 दिनों के आंकड़ों से पता चलता है कि नए आते मामलों में निरंतर कमी हुई है .यह 5 मई के 12319 मामलों से 14 मई को 8,087 तक पहुंच चुकी है .
कोरोना के नए मामलों में यह कमी असम, छत्तीसगढ़ ,गुजरात ,हरियाणा, झारखंड, पंजाब तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में भी देखने को मिला.
हालांकि राज्यों से आते यह आंकड़े आशावादी संकेत हैं लेकिन दूसरी लहर की समाप्ति अभी भी दूर है .कर्नाटक, केरल ,ओडिशा ,राजस्थान ,तमिलनाडु और उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में नए मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिला है.
पहली लहर के समय 98,000 प्रतिदिन केसों को 10,000 प्रतिदिन आने में 5 महीने लग गए थे. इस बार प्रतिदिन का यह पीक और ऊंचा है. मतलब साफ है, आगे अभी भी चुनौतियां हैं और यह समय बेफिक्र होने का नहीं है.
अभी ढिलाई का वक्त नहीं
दूसरी लहर खत्म होगी तो भी सांस लेने के लिए रुकने की जरूरत नहीं है. क्योंकि तीसरी लहर भी आएगी. ऐसे में दूसरी और तीसरी लहर के बीच जो कुछ महीने मिलेंगे वो तैयारी के लिए हैं. ऐसा न हो कि फिर से हम ऑक्सीजन और बेड के लिए तड़प रहे हों. इस बीच वैक्सीनेशन बढ़ा पाए तो काफी फायदा होगा.
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