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भारत में जनवरी से शुरू हो सकता है कोविड वैक्सीनेशन : डॉ हर्षवर्धन

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीन के मामले में सरकार की प्राथमिकता हमेशा से सेफ्टी और एफिशिएंसी रही है.

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अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. भारत में भी जल्द ही वैक्सीनेशन (टीकाकरण) शुरू हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत में जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार पिछले 4 महीनों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर अपनी तैयारियों पर काम कर रही है.

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न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “मैं व्यक्तिगत तौर पर ऐसा समझता हूं कि शायद जनवरी के महीने में, किसी भी स्टेज पर, किसी भी सप्ताह में, ऐसा समय आ सकता है जब हम, भारत के लोगों को वैक्सीन का पहला शॉट देने की स्थिति में आ जाएं.”

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीन के मामले में सरकार की प्राथमिकता हमेशा से सेफ्टी और एफिशिएंसी रही है. डॉ. हर्षवर्धन ने कहा भारत इसमें किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा.

भारत में भी कुछ कंपनियों ने इमरजेंसी यूज की अनुमति के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को आवेदन किया है. फाइजर/बायोएनटेक ने सबसे पहले DCGI को अनुमति के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद SII-ऑक्सफोर्ट (कोविशील्ड) और भारत बायोटेक (कोवैक्सीन) ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए इजाजत मांगी है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि भारत में ड्रग रेगुलेटर्स गंभीरता से डेटा को स्टडी कर रहे हैं.

Co-WIN से ट्रैक होगी वैक्सीन

वैक्सीनेशन के लिए तैयार किए गए Co-WIN के जरिए सरकार वैक्सीन डिलीवरी को रियल टाइम बेसिस पर मॉनिटर करेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “Co-WIN को एक ऐसे प्लेटफॉर्म की तरह विकसित किया गया है, जहां वैक्सीन को उसके तापमान के साथ ट्रैक किया जाएगा. इसमें वैक्सीन के लिए संभावित लोगों से लेकर उनके दूसरे डोज और जब तक उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिलता, तब तक के लिए ट्रैक किया जाएगा.”

राज्य से लेकर ब्लॉक लेवल पर हो रहा काम

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत सरकार पिछले चार महीनों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है. उन्होंने कहा, “हमने राज्य, जिला और ब्लॉक स्तरों पर टास्ट फोर्स बनाई हैं. देशभर में हजारों मास्टर ट्रेनरों को ट्रेनिंग दी गई है. हमने राज्य स्तर पर ट्रेनिंग का प्रबंध किया है और 260 जिलों में करीब 20,000 कर्मचारियों को ट्रेन किया है.”

भारत में वैक्सीनेशन की पहली ड्राइव के लिए 30 करोड़ लोगों की पहचान की गई है, जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों से लेकर सैनिटेशन, पुलिस, मिलिट्री जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं. वैक्सीनेशन प्रक्रिया में 50 साल के ऊपर के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं, किसी बीमारी से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र के लोगों को भी पहली ड्राइव में शामिल किया गया है.

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