दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई, इस दौरान हजारों लोगों की मौत हुई. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जो कमजोर हेल्थ सिस्टम की भेंट चढ़ गए. ऑक्सीजन की कमी के चलते राजधानी में कई लोगों की मौत हो गई. जिनके परिवार को दिल्ली सरकार की तरफ से 5 लाख मुआवजे की बात कही गई. लेकिन अब मुआवजे के लिए बनाई गई कमेटी केंद्र सरकार ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. ऐसा दिल्ली सरकार का आरोप है.
5 लाख मुआवजे के काम में बाधा पहुंचा रही सरकार - सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले लोगों की पुष्टि कर मुआवजा देने के लिए बनी कमेटी को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है. ये कमेटी कोर्ट के आदेश पर मुआवजा देने के लिए बनाई गई थी. उन्होंने कहा कि,
“दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 5 लाख की सहायता राशि देने का ऐलान किया था, लेकिन केंद्र सरकार बेवजह इस काम में बाधा पहुंचा रही है.”
सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि, राज्य सरकारों की मदद के बजाय केंद्र सरकार उनके कामों में टांग अड़ा रही है. सरकार दिल्ली के लोकहित के कार्यों में भी गैर जरूरी हस्तक्षेप कर रही है.
‘केंद्र सरकार कर रही अडंगा लगाने का काम’
सिसोदिया ने केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि, जब भी कोई राज्य सरकार कुछ अच्छा करने का प्रयास करती है चाहे वो महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बंगाल या दिल्ली हो, केंद्र सरकार उनके काम में अड़ंगा जरूर लगाती है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ऑक्सीजन का प्रबंध नहीं किया और ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन का भट्टा बिठा दिया और जब जिम्मेदार सरकार के नाते दिल्ली सरकार ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले लोगों के परिजनों की मुआवजा देकर मदद करना चाह रही है तो केंद्र सरकार इसमें टांग अड़ा रही है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपील करते हुए केंद्र सरकार को 'गैर जरूरी हस्तक्षेप' बंद करने का आग्रह किया. साथ ही कहा कि केंद्र सरकार बचकानी हरकत बंद करे. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता चाहती है कि उनके द्वारा चुनी हुई काम करें लेकिन केंद्र सरकार उन्हें काम करने से रोक रही है और जनता के हितों के हर काम में हस्तक्षेप कर उसे रोक रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)