सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के चेयरमैन डॉ. साइरस पूनावाला ने 13 अगस्त को कहा कि वो अच्छे रिजल्ट के लिए दो अलग-अलग कोविड -19 वैक्सीन (Covid-19 vaccines) लगाये जाने के पक्ष में नहीं है और उनके अनुसार दो कोविड -19 वैक्सीनों के डोज को मिलाना “बहुत गलत” है. कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के चेयरमैन , साइरस पूनावाला ने यह बात पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही.
कंपनियों में शुरू होगी बहस
पूनावाला ने हाल ही में ICMR की एक स्टडी के बारे में पूछे जाने पर कहा, "मैं दो अलग-अलग वैक्सीनों के मिश्रण के खिलाफ हूं. दो अलग-अलग वैक्सीन को मिलाने की कोई जरूरत नहीं है."
"यदि मिश्रित वैक्सीन लगाए जाते हैं और यदि रिजल्ट अच्छा नहीं होता है, तो SII कह सकता है कि दूसरा वैक्सीन अच्छा नहीं था, इसके विपरीत, आगे वाली कंपनी कह सकती है कि चूंकि आपने सीरम के वैक्सीन को मिलाया, इसलिए इसने सही रिजल्ट नहीं दिए”डॉ. साइरस पूनावाला
यह टिप्पणी भारत के ड्रग कंट्रोलर द्वारा भारत में कोवैक्सिन और कोविशील्ड वैक्सीन के मिश्रण पर एक स्टडी करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद आई है. इस स्टडी में 300 हेल्थ वर्कर शामिल हैं और यह क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर द्वारा किया जाएगा.
ICMR की स्टडी में दिखा था बेहतर रिजल्ट
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा उत्तर प्रदेश में 98 लोगों पर किए गए एक स्टडी ने दिखाया कि दो अलग अलग वैक्सीन लेने से बेहतर इम्युनिटी प्राप्त हुई.इन 98 लोगों में से से 18 ने अनजाने में कोविशील्ड को पहले डोज के रूप में और कोवाक्सिन को दूसरे के रूप में लिया था.
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