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अखिलेश की दो टूक, राजा भैया के लिए समाजवादी पार्टी के दरवाजे बंद

अखिलेश ने कहा- मोदी, योगी के सत्ता से जाने के बाद कहां जाएंगे राजा भैया

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राज्यसभा चुनाव के दौरान ऐन मौके पर समाजवादी पार्टी को गच्चा दे गए राजा भैया पर गुरुवार को अखिलेश यादव का गुस्सा फूटा. अखिलेश यादव ने प्रतापगढ़ में चुनावी जनसभा के दौरान बिना नाम लिए राजा भैया पर जोरदार जुबानी हमला बोला. अखिलेश ने कहा कि राजाभैया के लिए समाजवादी पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं.

बता दें, राज्यसभा चुनाव के वक्त समाजवादी पार्टी के समर्थित बीएसपी उम्मीदवार को वोट देने के बजाय निर्दलीय उम्मीदवार राजा भैया ने बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को वोट दे दिया था. कहा जाता है कि राजाभैया ने अखिलेश यादव के कहने के बाद भी बीएसपी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया था.

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राजा भैया पर अखिलेश यादव का जोरदार जुबानी हमला

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतापगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बिना नाम लिए राजा भैया पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘क्षत्रियों के लिए एक पुरानी कहावत है- रघुकुल रीत सदा चल आई, प्राण जाएं पर वचन ना जाई. लेकिन उनका (राजा भैया) वचन ही चला गया...कैसे लोग हैं, जिनका वचन ही चला गया...जो आदमी झूठ बोलता है, उससे खराब आदमी कोई नहीं हो सकता.’

अखिलेश यादव ने कहा-

वादा किया था कि वोट देंगे...पता नहीं वो वचन कहां ध्वस्त हो गया. ..कहां उड़ गया...और जब वचन उड़ गया तो हमने भी तय कर लिया कि जाएं, जहां जाना चाहें...ये समाजवादी पार्टी दोबारा उनके (राजा भैया) लिए दरवाजे नहीं खोलेगी. ये नई समाजवादी पार्टी है. ये दोबारा दरवाजा नहीं खोलेगी.

अखिलेश के निशाने पर रहे मोदी, योगी और राजा भैया

अखिलेश यादव ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर जुबानी हमला बोलते हुए राजा भैया को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा, ‘केवल चौकीदार ही नहीं, आपको ठोकीदार भी हठाना है...सुना है यहां एक धमकीदार भी हैं...जब चौकीदार का पता नहीं, ठोकीदार का पता नहीं तो धमकीदार कहां रहेंगे.'

‘लोकतंत्र में जनता राजा होती है’

राजा भैया का असल नाम रघुराज प्रताप सिंह है. वह भदरी रियासत के वारिस हैं, ऐसे में उन्हें स्थानीय जनता राजा मानती है. राजा भैया अपने महल पर जनता दरबार भी लगाते हैं, जहां वह जनता की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान कराते हैं. इस पर भी अखिलेश यादव ने निशाना साधा. अखिलेश ने कहा-

कौन से राजा हैं... लोकतंत्र में कोई राजा नहीं है....अगर कोई राजा है तो जनता राजा है...ये जिसको चाहेगी राजा बनाएगी, जिसकी चाहेगी उसकी कुर्सी छीन लेगी. 

‘समाजवादी पार्टी ने राजा भैया पर एहसान किया’

राजा भैया प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से लगातार छह बार से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीतते आ रहे हैं. निर्दलीय विधायक होने के बाद भी वह बीजेपी की कल्याण सिंह, समाजवादी पार्टी की मुलायम सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं. अखिलेश सरकार में उन्हें खाद्य एवं रसद मंत्री बनाया गया था.

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने राजा भैया को उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाकर उन पर एहसान किया था. उन्होंने कहा-

समाजवादी पार्टी को उनकी (निर्दलीय विधायक राजा भैया) कोई जरूरत नहीं थी. समाजवादी पार्टी ने बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. अगर किसी ने एहसान किया तो समाजवादी पार्टी ने उन्हें (राजा भैया) मंत्री बनाकर उन पर एहसान किया...हमें बताएं कि बाबा मुख्यमंत्री उन्हें मंत्री कब बना रहे हैं...इस चुनाव में चौकीदार जा रहे हैं और फिर ठोकीदार भी जा रहे हैं...तब कहां बचेंगे...उसके बाद वो (राजा भैया) कहां जाएंगे.

राजा भैया को लेकर अखिलेश यादव का ताजा बयान बताता है कि ये तल्खी जल्द खत्म होने वाली नहीं है.

बता दें, बाहुबली और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया ने हाल ही में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी बनाई है. उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 में दो उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है. इनमें प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह हैं और कौशांबी से पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार मैदान में हैं. हालांकि, इन दोनों नेताओं को जिताने की जिम्मेदारी राजा भैया के ही कंधों पर है.

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