ब्रोकरेज फर्म एंबिट के मुताबिक 2019 के चुनावों में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में तगड़ा झटका लगने वाला है. फर्म ने यूपी में छोटे कारोबारियों, नेताओं और शिक्षाविदों से बातचीत के आधार पर अनुमान लगाया है कि बीजेपी यूपी में इस बार महज 30-35 सीटों तक सिमट सकती है. इसी आधार पर फर्म ने अनुमान लगाया है कि पूरे देश में बीजेपी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? फर्म के मुताबिक हालत ऐसी हो सकती है कि NDA को बहुमत लायक सीटें भी न मिलें. बता दें कि एंबिट पहला ब्रोकरेज फर्म है , जिसने लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों पर अनुमान लगाया है.
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एंबिट के अनुमान की मुख्य बातें
- बीजेपी महज 190-210 सीटों पर सिमट सकती है. 2014 के चुनाव में बीजेपी को 282 सीटें मिली थीं. यानी 72-90 सीटों का नुकसान.
- बीजेपी को यूपी में होने वाले बड़े नुकसान के कारण घटेगी राष्ट्रीय टैली
- एनडीए को 220-240 सीटें मिल सकती हैं. 2014 के चुनाव में एनडीए को 336 सीटें मिली थीं.
- ग्रामीण आबादी के बीच मोदी सरकार की घटती लोकप्रियता के कारण बीजेपी को नुकसान होगा
- एनडीए को सरकार बनाने के लिए कम से कम चार रिजनल पार्टियों के सहयोग की जरूरत पड़ेगी.
- चुनाव के बाद बीएसपी-बीजेपी गठबंधन से इंकार नहीं किया जा सकता.
यूपी में इसलिए 30-35 सीटों पर सिमटेगी BJP
फर्म को लगता है कि BSP-SP-RLD महागठबंधन का बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा. इसी कारण राज्य में पार्टी की टैली 71 से घटकर 30-35 तक आ सकती है. 2009 में एसपी-बीएसपी का वोटशेयर 51% था. पिछले चुनाव में भी ये 42% था. अब चूंकि मोदी लहर में कमी आई है इसलिए फर्म का अनुमान है कि इस बार SP-BSP का वोटशेयर 45% हो सकता है. बीजेपी का वोटशेयर 43 से घटकर 34% हो सकता है.
वोटशेयर और सीटों का गणित
- बीजेपी को 2014 में 43% वोट मिले तो उसे 71 सीटें मिलीं
- इस बार उसे 34% वोट के साथ 30-35 सीटें मिलने का अनुमान
- एसपी को 22% वोट के साथ 2014 में 5 सीटें मिलीं
- बीएसपी को 20% वोट के साथ 2014 में एक भी सीट नहीं मिली
- 2019 में SP-BSP को 45% वोट के साथ बड़ी जीत की उम्मीद
बीजेपी को मोदी नहीं योगी के कारण नुकसान
फर्म का मानना है कि यूपी में बीजेपी को मोदी नहीं, राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ के कारण नुकसान होगा. जैसे गोवध पर रोक से कसाईखानों को बड़ा माली नुकसान हुआ है. इन कसाईखानों के मालिक हिंदू भी हैं. इससे भारी नाराजगी है. इसके साथ ही बुढ़ाते पशुओं की संख्या अचानक बहुत बढ़ गई है. इनसे फसलों को भी नुकसान हो रहा है. हालांकि इस नुकसान के लिए लोग मोदी नहीं योगी को जिम्मेवार मानते हैं. हालांकि फर्म के मुताबिक गोवध बैन और शहरों के नाम बदलने के कारण हिंदू वोटर एकजुट भी हुआ है.
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