पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. पार्टी ने रविवार को सीपीएम की अगुवाई वाले लेफ्ट फ्रंट के साथ गठबंधन की संभावनाओं को खारिज कर दिया.
रविवार शाम बंद कमरे में हुई पार्टी की बैठक के बाद पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा, ‘’हमारी पार्टी इकाई ने तय किया है कि वह अपने सम्मान के साथ समझौता कर कोई तालमेल या गठबंधन नहीं चाहती है. लेफ्ट हमारे ऊपर हुकुम नहीं चला सकता है कि कौन उम्मीदवार होगा और कौन नहीं. हम बंगाल में अकेले लड़ेंगे.’’
आगे की रणनीति बनाने के लिए सोमवार को लेफ्ट फ्रंट की बैठक
इस मामले पर सीपीएम के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की ओर से औपचारिक मेसेज मिलने तक वह कोई बयान नहीं देंगे. लेफ्ट फ्रंट ने आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को बैठक बुलाई है.
सोमेन मित्रा के बयान ने दिलचस्प बनाया पश्चिम बंगाल का चुनावी मुकाबला
सोमेन मित्रा के बयान ने पश्चिम बंगाल में चुनावी मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है. गठबंधन ना होने की सूरत में वहां टीएमसी, बीजेपी, लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला होगा.
सोमेन मित्रा ने कहा, ''लेफ्ट फ्रंट ने 15 मार्च को पश्चिम बंगाल कांग्रेस के साथ चर्चा किए बिना राज्य में 25 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए. सीपीएम के हठीले व्यवहार की वजह से हम राज्य में प्रस्तावित सीट बंटवारे को रद्द कर रहे हैं. बंगाल में हमने बीजेपी और टीएमसी से अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है.'' बता दें कि सोमेन मित्रा ने पिछले महीने आगामी लोकसभा के लिए टीएमसी के साथ गठबंधन की संभावनाओं को खारिज किया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ताओं सहित पार्टी में कोई भी इस गठबंधन के पक्ष में नहीं है.
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