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दिल्ली के बिहारियों ने बिहार के नेताओं को किया बाहर

आम आदमी पार्टी को मिली हैं 70 में 62 सीटें

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दिल्ली चुनाव के नतीजे आ गए हैं केजरीवाल ने 62 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाई है, तो बीजेपी 8 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस के हाथ में फिर आया जीरो. दिल्ली के इस चुनाव में इस बार बिहार के क्षेत्रीय दलों ने भी खूब दिलचस्पी दिखाई, ऐसा लग रहा था कि पूरा बिहार दिल्ली में आकर बस गया हो. बिहार की सभी पार्टियां, जेडीयू, आरजेडी, हम और एलजेपी सब दिल्ली के दंगल में कूदे, लेकिन दिल्ली में बसे बिहारियों ने बिहार के इन नेताओं को नकार दिया.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दिल्ली चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी, लेकिन रिजल्ट आया तो सब फेल साबित हुए. कहा तो यहां तक जा रहा था कि दिल्ली का यह चुनाव बिहार में इस साल होने वाले चुनाव का सेमीफाइनल है, लेकिन दिल्ली के नतीजे तो सबको डराने वाले हैं.

बिहार के सभी बड़े दल मैदान में कुदे

JDU को लगा झटका

जेडीयू ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में डेरा डाले बैठे रहे. अमित शाह के साथ रैली भी की, लेकिन उनके दोनों उम्मीदवारों को जोर का झटका लगा. 67 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार थे, तो वहीं बुराड़ी और संगमविहार से जेडीयू के उम्मीदवार मैदान में उतरे, जिन्हें बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. अगर वोट शेयर की बात करें, तो उन्हें 0.91 फीसदी वोट मिले. वहीं एक सीट पर चुनाव लड़ रही एलजेपी का वोट शेयर 0.35% रहा.

RJD की भी हालत खराब

अब बात करते हैं, बिहार की विपक्षी पार्टी आरजेडी की. आरजेडी ने कांग्रेस के साथ चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, सिर्फ चार सीटों के लिए पूरा का पूरा लालू परिवार मैदान में उतर आया. राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और तेज प्रताप ने दिल्ली की गलियों में घूम-घूमकर प्रचार किया, लेकिन रिजल्ट आए, बेहद खराब. उनके उम्मीदवारों की हालत ऐसी है कि 500 वोट भी नहीं जुटा सके और आरजेडी का वोट शेयर रहा. 0.04 फीसदी.

किराड़ी से आरजेडी प्रत्याशी रियाजुद्दीन खान को तो महज 255 वोट ही मिले. वहीं पालम से प्रत्याशी निर्मल कुमार सिंह को 552 वोट मिले. इस सीट से आप की भावना गौर जीती हैं.

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‘हम’ को भी मिला बड़ा गम

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने भी 6 सीटों पर चुनाव लड़ा. खुद जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करने दिल्ली पहुंचे थे. लेकिन उनकी पार्टी की हालत भी कुछ खास नहीं रही.

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