पीएम नरेंद्र मोदी का मिशन शक्ति को लेकर देश के नाम संबोधन आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं इस पर आज फैसला आ सकता है. चुनाव आयोग ने बताया है कि पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन के लिए कोई इजाजत नहीं ली थी. आयोग का कहना है कि पीएम मोदी ने बिना इजाजत लिए टीवी पर देश को संबोधित किया. इससे पहले चुनाव आयोग ने इस मामले पर एक जांच कमिटी बनाई थी. इसके लिए चुनाव आयोग ने टेलीकास्ट की फीड भी मंगवाई थी.
पीएम ने बुधवार को देश के नाम संबोधन कर एंटी सैटेलाइट मिसाइल टेक्नॉलजी के बारे में देश को बताया. उन्होंने बताया कि भारत ने भी ऐसी मिसाइल तैयार कर ली है जो अंतरिक्ष में घूमती हुई किसी भी सैटेलाइट को निशाना बना सकती है.
चुनावी फायदे के आरोप
विपक्ष का कहना है कि पीएम मोदी के देश के नाम टीवी के जरिए किया गया यह संबोधन चुनावी फायदे के लिए था. इसीलिए इसकी शिकायत चुनाव आयोग में की गई. जिसके बाद चुनाव आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए आगे कार्रवाई शुरू की. कमिटी ये जांच करेगी कि क्या पीएम ने वैज्ञानिकों की उपलब्धि का इस्तेमाल चुनावी लाभ लेने के लिए किया है. पीएम ने अपने संबोधन के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इस्तेमाल किया था. जिसके लिए यह मामला चुनाव आयोग के पास गया है.
हाल ही में आचार संहिता के उल्लंघन करने पर सजा का एक मामला सामने आया है. मध्य प्रदेश में एक विधायक को आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आमतौर पर आचार संहिता के मामले में सीधे गिरफ्तारी नहीं होती है
येचुरी ने लिखा था चुनाव आयोग को लेटर
सीपीआई के महासचिव सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी पर वैज्ञानिकों की उपलब्धि का राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया है. उन्होंने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने राजनीतिक फायदा लेने के लिए देश को संबोधित किया. जो आचार संहिता का उल्लंघन है. उन्होंने पूछा था कि क्या पीएम ने आयोग से इस संबोधन की इजाजत ली थी?
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