चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कहा है कि नमो टीवी के कंटेंट को प्रसारण से पहले सर्टिफिकेशन पैनल से पास कराया जाना चाहिए. आयोग ने मंगलवार को कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नमो टीवी का कंटेंट लोकल मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंट कमेटी से क्लियर होकर जाए. लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य और जिला स्तर पर ऐसी कमेटियों का गठन किया गया है. इनका काम राजनीतिक कैंपेन और विज्ञापनों को मंजूरी देने का है.
नमो टीवी पर पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण, बीजेपी की योजनाएं और पार्टी से जुड़ा कंटेंट दिखाया जा रहा है. बीजेपी सोशल मीडिया पर आधिकारिक रूप से इसका प्रचार-प्रसार भी कर रही है. ऐसे में विपक्ष इसे आचार संहिता का उल्लंघन बता रहा है.
विपक्ष की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते सूचना और प्रसारण मंत्रालय से इस चैनल की जानकारी मांगी थी. बताया जा रहा है कि मंत्रालय ने चुनाव आयोग को बताया है कि नमो टीवी एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म है, जिसके लिए सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं होती.
विपक्ष ने अपनी शिकायत में पूछा था ये सवाल
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस चैनल को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी. AAP ने अपनी शिकायत में चुनाव आयोग से पूछा था, चुनाव आचार संहिता के दौरान किसी राजनीतिक दल को उसका अपना टीवी चैनल शुरू करने की इजाजत देना क्या आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है?
नमो टीवी को लेकर टाटा स्काई ने कही ये बात
डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर टाटा स्काई ने ट्विटर पर कहा था कि नमो टीवी एक हिंदी न्यूज सर्विस है, जो नेशनल पॉलिटिक्स पर लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज देता है.
हालांकि बाद में टाटा स्काई के सीईओ हरित नागपाल ने एनडीटीवी से कहा कि नमो टीवी न्यूज सर्विस नहीं है. उन्होंने कहा, ''नमो टीवी हिंदी न्यूज सर्विस नहीं है. अगर टाटा स्काई की तरफ से किसी ने ऐसा ट्वीट किया है या ऐसा कहा है तो यह एक गलती है.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''(नमो टीवी की) फीड इंटरनेट के जरिए बीजेपी से आ रही है. स्पेशल सर्विस के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती.''
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