लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण में सोमवार को यूपी की 14 सीटों पर वोटिंग हो रही है. इस वक्त इन सीटों में से 12 पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि 2 सीटें कांग्रेस के पास हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में इन 14 में से 10 सीटों पर एसपी या बीएसपी दूसरे नंबर पर रही थीं. इनमें से कई सीटें ऐसी थीं, जहां एसपी-बीएसपी के कुल वोट जीतने वाली पार्टी (बीजेपी) के वोटों से ज्यादा थे.
इस स्टोरी को सुनने के लिए नीचे क्लिक करें
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन 14 में से 7 सीटें (धौरहरा, रायबरेली, अमेठी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, गोंडा) अपने नाम की थीं. मौजूदा समीकरणों के हिसाब से कुछ सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर इस बार बीजेपी, एसपी-बीएसपी गठबंधन और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
चलिए देखते हैं सभी 14 सीटों पर मुकाबले की तस्वीर:
1. लखनऊ
यह सीट 28 साल से बीजेपी के कब्जे में है. इस सीट पर बीजेपी ने लगातार दूसरी बार राजनाथ सिंह को उतारा है. राजनाथ को चुनौती देने के लिए एसपी की पूनम सिन्हा और कांग्रेस के प्रमोद कृष्णम चुनावी मैदान में हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में यहां राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ीं रीता बहुगुणा जोशी को 272749 वोटों से हराया था. उस चुनाव में यहां बीएसपी तीसरे नंबर पर, जबकि एसपी चौथे नंबर पर रही थी. एसपी-बीएसपी के कुल वोट (121220) भी बीजेपी को मिले वोटों (561106) से काफी कम थे.
2. फतेहपुर
इस सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर निरंजन ज्योति को अपनी उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर उतरे अफजाल सिद्दीकी को 187206 वोटों से मात दी थी.
मौजूदा चुनाव से पहले इस सीट पर एसपी ने राकेश सचान को अपना उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया था. हालांकि एसपी-बीएसपी गठबंधन के तहत यह सीट बीएसपी के खाते में चली गई. ऐसे में अपना टिकट कटने से नाराज राकेश सचान कांग्रेस में शामिल हो गए. अब सचान यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं.
बीएसपी ने इस सीट पर सुखदेव प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के कुल वोट (485994) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (478512) से ज्यादा थे.
3. सीतापुर
इस सीट पर बीजेपी के राजेश वर्मा, बीएसपी के नकुल दुबे और कांग्रेस की कैसर जहां के बीच मुकाबला है. पिछले कुछ समय में इन तीनों ही प्रत्याशियों के खिलाफ इनकी पार्टियों में आवाजें उठती रही हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में कैसर जहां ने यहां से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में उन्हें राजेश वर्मा ने 51027 वोटों से मात दी थी. इस सीट पर 2014 में बीजेपी को मिले वोट (417546) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (522689) से कम थे.
4. धौरहरा
इस सीट पर बीजेपी की रेखा वर्मा, कांग्रेस के जितिन प्रसाद और बीएसपी के अरशद सिद्दीकी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर जितिन प्रसाद ने जीत दर्ज की थी. हालांकि 2014 के चुनाव में उन्हें ना सिर्फ इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा, बल्कि वह चौथे नंबर पर भी पहुंच गए.
उस चुनाव में यहां बीजेपी की रेखा वर्मा ने बीएसपी के दाऊद अहमद को 125675 वोटों से हराया था. धौरहरा सीट पर 2014 के चुनाव में बीएसपी और एसपी के वोटों का अंतर महज 650 था. इन दोनों पार्टियों के कुल वोट (468714) बीजेपी को मिले वोटों (360357) से ज्यादा थे.
5. मोहनलालगंज
इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व बीएसपी नेता आरके चौधरी को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. चौधरी के सामने बीएसपी के सीएल वर्मा और बीजेपी के कौशल किशोर चुनावी मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां कौशल किशोर ने बीएसपी के टिकट पर लड़े आरके चौधरी को 145416 वोटों से हराया था. उस चुनाव में यहां एसपी-बीएसपी के कुल वोट (552224) बीजेपी के वोटों (455274) से ज्यादा थे.
6. रायबरेली
कांग्रेस का मजबूत गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर पार्टी की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. 2004 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहीं सोनिया के सामने इस बार बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता दिनेश प्रताप सिंह को उतारा है. जबकि एसपी-बीएसपी गठबंधन यहां से चुनाव नहीं लड़ रहा है. हालांकि इस सीट पर अब तक एसपी और बीएसपी का खाता भी नहीं खुला है. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को 352713 वोटों से हराया था.
7. अमेठी
इस सीट को भी कांग्रेस का मजबूत गढ़ कहा जाता है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने बीजेपी ने स्मृति ईरानी को दोबारा अपनी उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर भी एसपी-बीएसपी गठबंधन चुनाव नहीं लड़ रहा है. बात पिछले लोकसभा चुनाव की करें तो उसमें राहुल गांधी ने यहां स्मृति ईरानी को 107903 वोटों से हराया था. उस चुनाव में राहुल को 46.71 फीसदी, जबकि स्मृति को 34.38 फीसदी वोट मिले थे.
8. बांदा
इस सीट पर बीजेपी, एसपी-बीएसपी गठबंधन और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. जहां बीजेपी ने पूर्व बीएसपी नेता आरके सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं एसपी के उम्मीदवार पूर्व बीजेपी नेता श्यामाचरण गुप्ता हैं. इन दोनों को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने पूर्व एसपी नेता बाल कुमार पटेल को टिकट दिया है. दल बदल करने वाले इन तीनों ही प्रत्याशियों ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के भैंरो प्रसाद मिश्रा ने बीएसपी के टिकट पर लड़े आरके सिंह पटेल को 115788 वोटों से हराया था. उस चुनाव में बीजेपी के कुल वोट (342066) एसपी-बीएसपी को मिले कुल वोटों (416008) से कम थे.
9. कौशांबी
इस सीट पर बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर, एसपी के इंद्रजीत सरोज, जनसत्ता पार्टी के शैलेंद्र कुमार और कांग्रेस के टिकट पर उतरे पूर्व बीएसपी नेता गिरीश चंद्र पासी के बीच मुकाबला है. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां विनोद कुमार सोनकर ने एसपी के शैलेंद्र कुमार को 42900 वोटों से मात दी थी. उस चुनाव में बीजेपी के वोट (331724) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (490146) से कम थे.
10. बाराबंकी
इस सीट पर बीजेपी के उपेंद्र रावत, कांग्रेस के तनुज पुनिया (पीएल पुनिया के बेटे) और एसपी प्रत्याशी राम सागर के बीच मुकाबला है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी की प्रियंका सिंह रावत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया को 211878 वोटों से हराया था. उस चुनाव में इस सीट पर बीएसपी तीसरे नंबर पर, जबकि एसपी चौथे नंबर पर रही थी. एसपी-बीएसपी के कुल वोट (326434) बीजेपी को मिले कुल वोटों (454214) से कम थे.
11. फैजाबाद
यहां बीजेपी ने एक फिर लल्लू सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के निर्मल खत्री और एसपी के आनंदसेन यादव से है. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर लल्लू सिंह ने एसपी के मित्रसेन यादव को 282677 वोटों से हराया था. उस चुनाव में बीजेपी के वोट (491663) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (350813) से ज्यादा थे.
12. गोंडा
इस सीट पर बीजेपी के कीर्तिवर्धन सिंह, एसपी के विनोद कुमार और कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहीं कृष्णा पटेल के बीच दिलचस्प मुकाबला है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां कीर्तिवर्धन सिंह ने एसपी की नंदिता शुक्ला को 160412 वोटों से हराया था. उस चुनाव में यहां बीजेपी के वोट (359639) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (315405) से ज्यादा थे.
13. बहराइच
यहां बीजेपी के अक्षयवर लाल, बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुईं सावित्रीबाई फुले और एसपी के शब्बीर अहमद के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के टिकट पर लड़ीं सावित्रीबाई फुले ने शब्बीर अहमद को 95645 वोटों से हराया था. उस चुनाव में एसपी-बीएसपी के कुल वोट (433651) बीजेपी के वोटों (432392) से ज्यादा थे.
14. कैसरगंज
इस सीट पर बीजेपी के मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह, बीएसपी के चंद्रदेव राम यादव और कांग्रेस के विनय कुमार पांडे चुनावी मैदान में हैं. कैसरगंज सीट पर साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह ने एसपी के विनोद कुमार को 78218 वोटों से हराया था. उस चुनाव में एसपी-बीएसपी के कुल वोट (450008) बीजेपी के वोटों (381500) से ज्यादा थे.
ये भी देखें- मोदीजी को मुझसे सीधा-सीधा खतरा है: तेज बहादुर यादव
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)