हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए नाम फाइनल करने की जिम्मेदारी अब कांग्रेस आलाकमान को सौंप दी गयी है. शिमला में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पार्टी के परिपाटी पर एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया, जिसमें निर्णय लेने का अधिकार आलाकमान को सौंपा गया. यानी गेंद अब सोनिया गांधी,राहुल गांधी और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ-साथ हिमाचल में आक्रामक प्रचार करने वालीं प्रियंका गांधी के पाले में है.
हालांकि इस बैठक एक दौरान पार्टी कार्यालय के बाहर सीएम पद से दो सबसे बड़े उम्मीदवार- राज्य कांग्रेस प्रमुख और सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक एक दूसरे के सामने आ गए और अपने-अपने नेता के समर्थन में नारे लगाते रहे.
बता दें कि राजीव भवन में नवनिर्वाचित विधायक जमा हुए थे. उनके साथ-साथ हिमचाल चुनाव के लिए तैनात किये गए केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र हुड्डा, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हिमाचल के प्रभारी राजीव शुक्ला भी मौजूद रहे.
दिन भर चला शक्ति प्रदर्शन का दौर
कांग्रेस के अंदर नए मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर नतीजे आने के बाद से ही खींचतान देखने को मिल रही है. मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे नामों में से एक प्रतिभा सिंह के समर्थन में कार्यकर्ता शिमला स्थित कांग्रेस मुख्यालय के सामने नारे लगा रहे थे. इससे पहले भी आज दिन में उनके समर्थकों ने शिमला में कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की कार को रोक जमकर नारे लगाए थे.
आज सुबह, प्रतिभा सिंह ने अपनी पार्टी को याद दिलाने की कोशिश की कि चुनाव उनके पति वीरभद्र सिंह के नाम पर लड़े और जीते गए और उनके परिवार की उपेक्षा नहीं की जा सकती.
उन्होंने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि ""मुझे लगता है कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में राज्य का नेतृत्व कर सकता हूं क्योंकि सोनिया जी और आलाकमान ने मुझे चुनाव से पहले पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी थी. उन्हें मुझे मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने का आदेश देना चाहिए और मैं वह काम गरिमा और जिम्मेदारी से करूंगी".
हिमचाल कांग्रेस द्वारा एकजुटता दिखने की कोशिश
इससे पहले अगले मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में जा रहे वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी में "कोई विभाजन नहीं है." उन्होंने इस बात से भी इनकार किया है कि अलग-अलग गुट में बैठक चल रही है.
"कोई बैठकों का दौर नहीं चल रहा है. सब (विधायक) रास्ते में हैं उनके पहुंचने का इंतजार हो रहा है. यह कहना कि बैठक हो रही है, वह गलत है. कोई बैठक नहीं हो रही. विधायक दल की बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री पर प्रस्ताव पारित होगा उसके बाद आलाकमान तय करेगा"
बता दें कि प्रतिभा सिंह के अलावा शीर्ष पद के लिए कम से कम तीन और उम्मीदवार हैं - सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री और हर्षवर्धन चौहान. आज सुखविंदर सुक्खू के समर्थक भी अपने नेता के लिए धक्का-मुक्की करने के लिए होटल के बाहर जमा हो गए. हालांकि पांच बार के विधायक और अतीत में भी मुख्यमंत्री पद के लिए संघर्ष कर चुके सुखविंदर सुक्खू ने पत्रकारों से कहा है कि
"हम कोई मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं हैं. पार्टी आलाकमान जो फैसला करेगा हम उसके साथ हैं."
साथ ही हर्षवर्धन चौहान ने भी कहा है कि "जो भी फैसला कांग्रेस आलाकमान लेगा, वह हमें मंजूर होगा. हम अपनी बात रखेंगे, चुने हुए विधायकों की राय के अनुसार फैसला होगा."
बता दें कि कल कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में राज्य की 68 में से 40 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी ने 25 सीटें जीतीं और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. हिमाचल में सुखविंदर सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह को सीएम की दौड़ में माना जा रहा है.
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