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चुनाव 2019, फेज 4: क्यों UP में BJP को लग सकता है बड़ा झटका

लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण में यूपी की 13 सीटों पर होगी वोटिंग

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लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण के तहत उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर 29 अप्रैल को वोटिंग होगी. इस समय इन सीटों में से 12 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. मगर इस चुनाव में इन सीटों को लेकर बीजेपी की राह काफी मुश्किल नजर आ रही है. इसकी बड़ी वजह है एसपी और बीएसपी का गठबंधन होना.

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2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से कई सीटों पर उसके वोट एसपी-बीएसपी के कुल वोटों से कम थे. ऐसे में अगर एसपी और बीएसपी एक-दूसरे को अपने-अपने वोट ट्रांसफर करवाने में सफल रहीं तो निश्चित तौर पर बीजेपी को बड़ा झटका लगेगा. 

29 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की जिन 13 सीटों पर वोटिंग होगी, उनमें से ज्यादातर सीटों पर बीजेपी और एसपी-बीएसपी के बीच सीधी लड़ाई है. मगर कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां कांग्रेस भी कड़ी चुनौती देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है. चलिए देखते हैं हर सीट पर मुकाबले की तस्वीर:

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1. कन्नौज

इस सीट की लड़ाई एसपी की डिंपल यादव और बीजेपी के सुब्रत पाठक के बीच है. हालांकि यहां डिंपल यादव का पलड़ा भारी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां डिंपल यादव ने सुब्रत पाठक को 19907 वोटों से हराया था. उस चुनाव में एसपी-बीएसपी के कुल वोट (616949) बीजेपी के वोटों (469257) से ज्यादा थे.

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2. जालौन

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर बीजेपी के भानू प्रताप वर्मा, कांग्रेस के बृजलाल खाबरी और बीएसपी के अजय सिंह पंकज के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां भानू प्रताप वर्मा ने बीएसपी के टिकट पर उतरे बृजलाल खाबरी को 287202 वोटों से हराया था. इतना ही नहीं, उस चुनाव में बीजेपी को एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (442350) से ज्यादा वोट (548631) मिले थे.

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3. झांसी

यहां मुख्य रूप से बीजेपी के अनुराग शर्मा और एसपी के श्याम सुंदर यादव के बीच मुकाबला है. इस सीट पर कांग्रेस के शिवशरण कुशवाहा भी इन दोनों के सामने चुनावी मैदान में हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी की उमा भारती ने एसपी के चंद्रपाल सिंह यादव को 190529 वोटों से मात दी थी. हालांकि उस दौरान एसपी-बीएसपी के कुल वोट (599214) बीजेपी के वोटों (575889) से ज्यादा थे.

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4. हमीरपुर

इस सीट पर बीजेपी के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, बीएसपी के दिलीप सिंह और कांग्रेस के प्रीतम सिंह लोधी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने एसपी के बिशंभर प्रसाद निषाद को 266788 वोटों से हराया था. उस दौरान बीजेपी को एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (363452) से ज्यादा वोट (453884) मिले थे.

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5. अकबरपुर

यहां का मुकाबला बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले, बीएसपी की निशा सचान और कांग्रेस के राजाराम पाल के बीच है. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर देवेंद्र सिंह भोले ने बीएसपी के अनिल शुक्ला वारसी को 278997 वोटों से हराया था. उस चुनाव में बीजेपी को एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (349589) से ज्यादा वोट (481584) मिले थे.

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6. कानपुर

इस सीट की चुनावी लड़ाई मुख्य तौर पर बीजेपी के सत्यदेव पचौरी और कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल के बीच है. इसके अलावा यहां एसपी के रामकुमार निषाद भी चुनावी मैदान में हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने श्रीप्रकाश जायसवाल को 222946 वोटों से हराया था. इतना हीं नहीं, बीजेपी के वोट (474712) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (78941) से काफी ज्यादा थे.

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7. इटावा

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट का मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी के रामशंकर कठेरिया और एसपी के कमलेश कठेरिया के बीच है. कांग्रेस ने इस सीट पर अशोक कुमार दोहरे को अपना उम्मीदवार बनाया है. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी के टिकट पर अशोक कुमार दोहरे ने एसपी के प्रेमदास कठेरिया को 172946 वोटों से हराया था. हालांकि उस चुनाव में बीजेपी के वोट (439646) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (459504) से कम थे.

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8. खीरी

इस सीट पर बीजेपी के अजय कुमार, एसपी की पूर्वी वर्मा और कांग्रेस के जफर अली नकवी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां अजय कुमार ने बीएसपी के अरविंद गिरी को 110274 वोटों से हराया था. उस चुनाव में इस सीट पर एसपी-बीएसपी के कुल वोट (448416) बीजेपी को मिले वोटों (398578) से ज्यादा थे.

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9. फर्रुखाबाद

यहां का मुकाबला बीजेपी के मुकेश राजपूत, कांग्रेस के सलमान खुर्शीद और बीएसपी के मनोज अग्रवाल के बीच है. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मुकेश राजपूत ने एसपी के रामेश्वर सिंह यादव को 150502 वोटों से मात दी थी. उस चुनाव में बीजेपी को एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (370214) से ज्यादा वोट (406195) मिले थे.

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10. उन्नाव

इस सीट पर बीजेपी के साक्षी महाराज, एसपी के अरुण शंकर शुक्ल और कांग्रेस की अनु टंडन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां साक्षी महाराज ने अरुण शंकर को 310173 वोटों से हराया था. इतना ही नहीं उस चुनाव यहां बीजेपी को एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (408837) से ज्यादा वोट (518834) मिले थे.

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11. मिश्रिख

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर बीजेपी के अशोक रावत, बीएसपी की नीलू सत्यार्थी और कांग्रेस की मंजरी राही एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में हैं. मगर यहां की चुनावी लड़ाई रावत और सत्यार्थी के बीच है. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी की अंजू बाला ने बीएसपी के अशोक कुमार रावत को 87363 वोटों से हराया था. उस चुनाव में यहां बीजेपी के वोट (412575) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (519971) से कम थे.

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12. शाहजहांपुर

यह सीट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट का मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी के अरुण कुमार सागर और बीएसपी के अमर चंद्र जौहर के बीच है. कांग्रेस ने यहां से ब्रह्मस्वरूप सागर को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी की कृष्णा राज ने बीएसपी के उम्मेद सिंह को 235529 वोट से हराया था. उस चुनाव में एसपी-बीएसपी को मिले कुल वोट (532516) बीजेपी के वोट (525132) से ज्यादा थे.

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13. हरदोई

इस सीट पर बीजेपी के जयप्रकाश रावत और एसपी की ऊषा वर्मा के बीच सीधी लड़ाई है. इन दोनों के सामने कांग्रेस के वीरेंद्र वर्मा भी चुनावी मैदान में हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर 2014 में बीजेपी के अंशुल वर्मा ने बीएसपी के शिवप्रसाद वर्मा को 81343 वोटों से हराया था. उस चुनाव में एसपी-बीएसपी के कुल वोट (555701) बीजेपी के वोटों (360501) से काफी ज्यादा थे.

ये भी देखें: क्या यूपी में कांग्रेस और एसपी के बीच ‘अघोषित गठबंधन’ है?

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