उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से सांसद महेश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अपने संसदीय क्षेत्र के एक गांव कचहैड़ा को गोद लिया. लेकिन आज इसी गांव में सिर्फ महेश शर्मा पर ही नहीं, बल्कि बीजेपी के हर नेता के दाखिल होने पर सख्त मनाही है.
गांववालों ने गांव के एंट्री रोड पर ही एक बोर्ड लगा दिया है, जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है, ‘इस गांव में बीजेपी वालों का आना सख्त मना है’.
ग्रामीणों ने क्यों की BJP की एंट्री बैन?
दरअसल, इस विरोध की कहानी तब शुरू हुई जब एक रिएल्टी कंपनी और ग्रामीणों के बीच लड़ाई हो गई. गौतमबुद्ध नगर के कचहैड़ा में अक्टूबर 2018 में हुई हिंसा के मामले में 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसे लेकर ग्रामीणों में आज भी आक्रोश है.
जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन अब भी जारी है और करीब दो दर्जन पुरुष और महिलाएं, युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक अपने लोकसभा सांसद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
एक पोस्टर में लिखा है, ‘‘महेश शर्मा के गोद लिए गांव कचहैड़ा में BJP वालों का आना सख्त मना है.’’ इस तरह के पोस्टर गांव के कई स्थानों पर लगे दिख रहे हैं.
विकास न होने के कारण फूटा गांववालों का गुस्सा
ग्रामीणों में खास तौर पर सांसद महेश शर्मा के खिलाफ नाराजगी है. ग्रामीण उन्हें गांव तक विकास न पहुंचा पाने के लिए जिम्मेदार मानते हैं. यहां ‘‘मोदी तुझसे बैर नहीं, महेश शर्मा की खैर नहीं’’ के नारे भी सुनने को मिल रहे हैं. कचहैड़ा में करीब 4500 मतदाता हैं, जिन्होंने 2014 में शर्मा के पक्ष में मतदान किया था.
गांववालों का आंदोलन राजनीतिक: शर्मा
महेश शर्मा ने बताया कि गांव में आंदोलन राजनीतिक कारणों से हो रहा है. शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘‘वहां विकास धीमा है, फिर भी काफी काम किया गया है.”
बता दें, गौतमबुद्ध नगर संसदीय सीट से साल 2009 के लोकसभा चुनाव में BSP के सुरेंद्र नागर निर्वाचित हुए थे.
ग्रामीणों में आक्रोश की वजह?
स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने 2010 में अपनी जमीन एक निजी बिल्डर को बेच दी थी और उन्हें मुआवजा मिला था. उनसे वादा किया गया था कि सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएं, सामुदायिक केंद्र, एक डिग्री कॉलेज, खेल का मैदान और सुविधाओं से युक्त श्मशान घाट का निर्माण किया जाएगा. सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक धर्मपाल सिंह ने कहा कि बिल्डर ने केवल सड़क बनवाई और वह भी घटिया किस्म की जिस पर बारिश के समय पानी भर जाता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)