Madhya Pradesh Election 2023 Result Live Updates: मध्य प्रदेश चुनाव के रिजल्ट फाइनली आज घोषित किए जा रहे हैं. एमपी के किस सीट से कौन सी पार्टी आगे चल रही या जीत रही है, इस इंटरेक्टिव मैप के जरिए पल-पल का अपडेट जानें...
प्रमुख दलों ने कितनी सीटों पर लड़ा चुनाव?
इस साल एमपी की 230 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में थे. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. जबकि एसपी ने 72 और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 187 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए . वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के 68 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे. एमपी में 2,533 उम्मीदवारों में से 2280 पुरुष, 252 महिला और 1 ट्रांसजेंडर ने इस चुनाव में अपना किस्मत आजमाया.
एमपी विधानसभा चुनाव 2023
मध्य प्रदेश के इस चुनाव में काफी राजनीतिक गहमागहमी और उठापटक देखने को मिली. बीजेपी और उसके सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को 18 साल की सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा है. यही कारण है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया और मध्य प्रदेश के मैदान में तीन केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों, चार संसद सदस्यों और राष्ट्रीय महासचिव को उतारा.
बीजेपी ने लाडली बहना योजना के तहत 32 लाख से अधिक महिलाओं को 1,250 रुपये देकर कुछ हद तक सत्ता विरोधी लहर को संभालने की कोशिश की.
इस बार, मध्य प्रदेश में बीजेपी के अंदर गुटबाजी देखने को मिली. खासकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी में आने के बाद खींचतान सामने आई. वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने सिंधिया के पाला बदलने को लेकर लोगों की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की. कांग्रेस, लोगों से यह कहते देखी गई कि सिंधिया के चलते ही कमल नाथ की सरकार महज 15 महीने ही चल सकी.
बीजेपी इस बार अपने सीएम का चेहरा बताने से कतराती दिखी. वहीं कांग्रेस ने पहले से ही कमलनाथ को सीएम का चेहरा बताया. कांग्रेस ने ओबीसी वोट को लुभाने के लिए जाति जनगणना का मुद्दा उठाया. बता दें कि एमपी में ओबीसी कुल आबादी का लगभग 50 प्रतिशत है.
2018 में कैसा रहा प्रदर्शन
पिछले चुनावी आंकड़ों की बात करें तो 2003 से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. साल 2003 में उमा भारती के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता में आई और दिग्विजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा. 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 109 सीटें जीतीं. कांग्रेस छोटे दलों और निर्दलीयों की मदद से 116 के बहुमत के आंकड़े को छूने और सरकार बनाने में कामयाब रही. हालांकि, बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया 20 से अधिक विधायकों को तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और कांग्रेस की सरकार गिर गई.जिसके बाद एमपी में बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई.
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