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महाराष्ट्र चुनाव की 10 सीटें, जिनपर रहेगी खास नजर

महाराष्ट्र में टॉप-10 कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है

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चुनाव
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महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार में पूरा जोर लगा दिया. महाराष्ट्र की कुछ खास सीटों पर मुकाबला बराबरी का देखने को मिल सकता है.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण समेत पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार, छगन भुजबल जैसे टॉप-10 कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है.

ऐसे में उन सीटों के बारे में जानिए, जिन पर चुनाव में सबकी नजर रहेगी.

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नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट (देवेंद्र फडणवीस Vs आशीष देशमुख)

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में बीजेपी के अगले सीएम के तौर पर दोबारा प्रोजेक्ट किए जा रहे हैं. फडणवीस ने नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट पर चुनावी मैदान में हैं. पांच साल मुख्यमंत्री के तौर पर सूबे की कमान संभाल चुके देवेंद्र फडणवीस दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं.

फडणवीस को चुनौती देने के लिए विपक्ष ने स्थानीय उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस नेता आशीष देशमुख को चुनावी मैदान में उतारा है. बता दें कि देवेंद्र फडणवीस इस सीट पर 3 बार विधायक रह चुके हैं.

नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट पर करीब 341,330 वोटर हैं. 2014 विधानसभा चुनाव में फडणवीस 58,942 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे और उन्हें 59.21 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार की झोली में महज 28.57 फीसदी वोट पड़े थे.

नागपुर फडणवीस का होमटाउन है और राष्ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय भी नागपुर में ही है. इस सीट पर चुनावी मैदान में कुल 24 उम्मीदवार हैं. बीजेपी उम्मीदवार का पलड़ा काफी भारी रहा है.

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महाराष्ट्र में टॉप-10 कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है
आशीष देशमुख कांग्रेस के उम्मीदवार हैं
(फोटो: ट्विटर)

वर्ली सीट (आदित्य ठाकरे Vs सुरेश माने)

मुंबई की वर्ली सीट हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. यहां से शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं. आदित्य, ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हैं, जो चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

वर्ली विधानसभा सीट दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र में आती है. वर्ली सीट शिवसेना का अभेद्य किला रही है. इस सीट पर शिवसेना 1990 से लगातार जीत दर्ज करती आई. हालांकि 2009 के विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट शिवसेना गंवा बैठी थी.

इस सीट पर एनसीपी के पूर्व मंत्री सचिन अहीर से शिवसेना के उम्मीदवार आशीष चुनाव हार गए थे. लेकिन साल 2014 में एक बार फिर शिवसेना वर्ली सीट वापस जीत ली थी. शिवसेना नेता सुनील शिंदे ने सचिन अहीर को हराया था.

अब सचिन अहिर भी एनसीपी छोड़कर शिवसेना में शामिल हो चुके हैं. वर्ली विधानसभा सीट में कुल 265,091 वोटर हैं. इस सीट में पुरुष मतदाता 56.23 फीसदी, जबकि 43.77 फीसदी महिला वोटर हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट पर 55 फीसदी वोट पड़े थे. आदित्य ठाकरे समेत इस सीट पर कुल 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

पहली बार चुनाव लड़ रहे आदित्य ठाकरे को एनसीपी के उम्मीदवार सुरेश माने से चुनौती मिल रही है. हालांकि इस इलाके में एनसीपी का दबदबा अब नहीं रहा. एनसीपी के ज्यादातर स्थानीय नेता और कार्यकर्ता शिवसेना का दामन थाम चुके हैं.

मराठी एक्टर अभिजीत बिचकुले भी इस सीट पर चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. वर्ली सीट दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट में आती है और दोनों पर ही शिवसेना का कब्जा है. केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत दक्षिण मुंबई संसदीय सीट से सांसद हैं. कुल मिलाकर आदित्य ठाकरे की इस सीट पर स्थिति बेहद अच्छी है.

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बारामती सीट (अजित पवार vs गोपीचंद पडलकर)

सूबे में एक से एक कद्दावर नेताओं की इस चुनाव में किस्मत दांव पर है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार महाराष्ट्र के पुणे जिले की बारामती विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं. अजित फिर एक बार बारामती सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

बारामती इलाका पवार परिवार का गढ़ है. ये विधानसभा सीट बारामती संसदीय क्षेत्र में आती है और उस पर भी दशकों से एनसीपी का कब्जा है. अजित पवार की बारामती सीट बेहद सुरक्षित सीट मानी जाती है. इस बार अजित पवार को बीजेपी तगड़ी चुनौती दे रही है.

बीजेपी ने धनगर समाज (गडेरिया) के तगड़े नेता गोपीचंद पडलकर को चुनाव मैदान में उतारा है. बारामती चुनावी क्षेत्र में धनगर समाज का भी प्रभाव अच्छा है. ऐसे में पडलकर को इस सीट से बीजेपी ने उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.

पडलकर मराठा नेता संभाजी भिड़े के शिष्य माने जाते हैं. इस इलाके में संभाजी भिड़े की खासी पकड़ है. पडलकर प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस चुनाव क्षेत्र में कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं.

महाराष्ट्र में टॉप-10 कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है
बीजेपी ने धनगर समाज (गडेरिया) के तगड़े नेता गोपीचंद पडलकर को चुनाव मैदान में उतारा है.
(फोटो: ट्विटर)
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कोथरुड सीट (चंद्रकांत पाटिल vs किशोर शिंदे)

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और सूबे की बीजेपी का मराठा चेहरा की पहचान रखने वाले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की पुणे जिले की कोथरुड विधानसभा सीट खासी सुर्खियों में है. प्रदेश में सीएम कुर्सी के दावेदारों में से एक चंद्रकांत पाटिल पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.

चंद्रकांत पाटिल फिलहाल विधान परिषद के सदस्य हैं. पाटिल का गृहनगर कोल्हापुर है. लेकिन पार्टी ने सियासी तौर पर बेहद ताकतवर पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे की कोथरुड सीट पर मौजूदा बीजेपी विधायक मेधा कुलकर्णी का टिकट काटकर चंद्रकांत पाटिल को चुनावी मैदान में उतारा है.

ब्राह्मण वोटों के वर्चस्व वाली इस सीट पर बीजेपी इस बार मराठा जाति के चंद्रकांत पाटिल को चुनाव मैदान में उतार दिया है. राज ठाकरे की पार्टी के उमीदवार किशोर शिंदे को एनसीपी-कांग्रेस और दूसरी पार्टी ने भी अपना समर्थन देकर चंद्रकांत पाटिल की राह मुश्किल करने कोशिश की है.

महाराष्ट्र में टॉप-10 कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है
चंद्रकांत पाटिल को घेरने के लिए राज ठाकरे की पार्टी के उमीदवार किशोर शिंदे को एनसीपी कांग्रेस और दूसरी पार्टी ने भी दिया समर्थन
(फोटो: ट्विटर)
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कराड दक्षिण सीट (पृथ्वीराज चव्हाण vs अतुल भोसले)

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की सीट कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गयी है. पृथ्वीराज चव्हाण फिर से एक बार सातारा जिले की कराड दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

सतारा जिला प्रदेश के पश्चिम महाराष्ट्र में आता है. इस चुनाव क्षेत्र में पृथ्वीराज चव्हाण को बीजेपी के अतुल भोसले से कड़ी चुनौती मिल रही है. सतारा दक्षिण विधानसभा सीट पर कुल 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों के बीच ही है.

परली सीट (पंकजा मुंडे vs धनंजय मुंडे)

मराठवाड़ा की परली सीट पर भी सुपरहिट मुकाबला होगा. गोपीनाथ मुंडे की विरासत को आगे कौन बढ़ाएगा, इसका फैसला 24 तारीख को चुनावी नतीजे आने के बाद साफ होगा. परली सीट पर मुख्य मुकाबला महाराष्ट्र की महिला और बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे और विधान परिषद में नेता विपक्ष और पंकजा मुंडे के चचेरे भाई धनंजय मुंडे के बीच है.

जीत की हैट्रिक लगाने के दमखम से चुनाव मैदान में उतरी पंकजा मुंडे को इस बार कड़ी चुनौती मिल रही है. धनंजय मुंडे एनसीपी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. 2014 के चुनाव में पंकजा धनंजय को मात दे चुकी हैं, लेकिन 2019 में पंकजा के लिए लड़ाई इतनी आसान नहीं है.

परली जिला परिषद के लिए कुछ महीनों पहले हुए चुनाव में एनसीपी बीजेपी को हरा चुकी है. ऐसे में यहां मुकाबला कड़ा होगा, इससे लेकर किसी भी राजनीतिक विश्लेषण के नाम में कोई शक नहीं है.

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येवला सीट (छगन भुजबल vs संभाजी पवार)

महाराष्ट्र सदन घोटाले के मामले में दो साल से भी ज्यादा वक्त तक जेल में रह चुके प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल की येवला विधानसभा सीट भी खासी सुर्खियों में है. येवला सीट नासिक जिले में आती है. छगन एनसीपी का ओबीसी चेहरा हैं.

छगन भुजबल का मुकाबला शिवसेना के संभाजी साहेबराव पवार से है. हालांकि वंचित बहुजन आघाड़ी के अलगट सचिन वसंतराव के मैदान में आ जाने से त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है. भुजबल की शिवसेना में जाने की चर्चा पर्चा भरने के आखिरी दिन तक थी, लेकिन स्थानीय शिवसैनिकों के विरोध के बाद भुजबल का घर वापसी का सपना टूट गया. ये देखना दिलचस्‍प होगा कि येवला की जनता क्या फिर भुजबल का साथ देती है या नहीं.

कर्जत जामखेड सीट (रोहित पवार vs राम शिंदे)

महाराष्ट्र की कर्जत जामखेड विधानसभा सीट पर हो रहा मुकाबला भी इस बार रोचक होने की उम्मीद है. यहां से शरद पवार के पोते रोहित पवार मैदान में है. रोहित बारामती से जिला परिषद सदस्य हैं और पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.

रोहित का मुकाबला फडणवीस सरकार में ताकतवर मंत्री राम शिंदे के साथ है. राम शिंदे तीन बार से लगातार कर्जत जामखेड विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में धनगर और मराठा समाज बड़ी संख्या में है.

खुद शरद पवार ने अपने पोते की जीत सुनिश्चित करने के लिए इस सीट पर पूरी ताकत झोंक दी है, तो वहीं सीएम फडणवीस भी यहां की जनता से आह्वान कर चुके हैं कि चुनाव में बारामती के पार्सल (रोहित पवार) को कर्जत जामखेड से वापस भेजना है. नेताओं की ब्यानबाजी ने मुकाबले को सुपरहिट बना दिया है.

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कणकवली सीट (नितेश राणे vs सतीश सावंत)

कोकण की कणकवली सीट जहां चुनाव पूर्व गठबंधन के बावजूद शिवसेना और बीजेपी आमने सामने चुनाव लड़ रही है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे के बेटे और मौजूदा विधायक नितेश राणे को बीजेपी ने अपना उमीदवार बनाया, तो शिवसेना के यहां से राणे के खास सतीश सावंत को पार्टी में शामिल कर अपना अधिकृत उमीदवार बनाकर चुनाव को कड़ा बना दिया है.

राणे परिवार और ठाकरे परिवार के बीच की नोक-झोंक से पूरा महाराष्ट्र वाकिफ है. ऐसे में नितेश के सामने शिवसेना ने अपना उम्‍मीदवार उतारकर मुकाबले में रंग भर दिया है. नारायण राणे और बीजेपी, दोनों की साख इस सीट पर दांव पर लगी है.

नालासोपारा सीट (प्रदीप शर्मा vs क्षितिज ठाकुर)

महाराष्ट्र में टॉप-10 कद्दावर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है
प्रदीप शर्मा मुंबई से सटे नालासोपारा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं
(फोटो: ट्विटर)

मुंबई पुलिस के पूर्व ऑफिसर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की विधानसभा चुनाव में मौजूदगी चुनाव को खासी दिलचस्प बना रही है. प्रदीप शर्मा मुंबई से सटे नालासोपारा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

प्रदीप का मुकाबला मौजूदा विधायक क्षितिज ठाकुर से है. इस सीट पर कुल 19 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप शर्मा और बहुजन विकास आघाड़ी के क्षितिज ठाकुर के बीच माना जा रहा है.

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