एसपी और बीएसपी दोनों ने यूपी में कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. पहले बीएसपी चीफ मायावती और फिर एसपी चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी भ्रम न फैलाए. यूपी में बीजेपी को हराने के लिए उनका गठबंधन काफी है.
इससे साफ हो गया है कि दोनों पार्टियां यूपी में कांग्रेस के खिलाफ नरम रुख अपनाने के लिए कतई तैयार नहीं हैं. कांग्रेस की ओर से दलित और अपर कास्ट वोटों में सेंधमारी की आशंका से नाराज मायावती ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस चाहे तो राज्य की 80 सीटों पर चुनाव लड़ ले. कांग्रेस गठबंधन के लिए जबरदस्ती 7 सीटें छोड़ने का भ्रम न फैलाए.उनका गठबंधन (एसपी और बीएसपी) अकेले यहां बीजेपी को हराने की ताकत रखता है. इसके बाद अखिलेश यादव ने भी ऐसा ही बयान दिया.
राजबब्बर ने एसपी-बीएसपी के लिए सात सीटों का ऐलान किया था
शनिवार को कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा था कांग्रेस ने एसपी और बीएसपी के लिए सात सीटें, एसपी, बीएसपी और आरएलडी के लिए छोड़ी हैं. यानी इन सात सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. राज बब्बर ने कहा था कि मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद, गोंडा और पीलीभीत,. इसके अलावा जिस सीट पर मायावती, आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी और अजीत सिंह लड़ेंगे, वहां भी कांग्रेस टक्कर नहीं देगी. कांग्रेस के इसी बयान पर सोमवार को मायावती ने ट्वीट कर चेतावनी दी.
यूपी में मायावती को कांग्रेस से खतरा
इससे पहले छत्तीसगढ़ में अलग गठबंधन करके और फिर मध्य प्रदेश और राजस्थान में अकेले मैदान में उतर कर बीएसपी ने साफ कर दिया था कि वह अपने वोट बैंक में किसी तरह की सेंध नहीं लगना देना चाहती. इसके बावजूद अटकलें लग रही थीं कि कांग्रेस अब भी के गठबंधन का हिस्सा बन सकती है. लेकिन मायावती ने इन अटकलों पर पूर्णविराम लगा दिया और कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ कोई गठजोड़ नहीं करेगी. इस बीच, राजबब्बर के इस बयान ने गठबंधन से जुड़ा बयान देकर मायावती को नाराज कर दिया.
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए मजबूत चुनावी गणित की जरूरत थी, इसी वजह से एसपी-बीएसपी गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया गया.
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