नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के चीफ शरद पवार ने 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. 14 बार चुनावी मैदान में उतर चुके शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी.
शरद पवार ने कहा, "मेरे परिवार के दो सदस्य इस बार लोकसभा चुनाव में खड़े हो रहे हैं. इसलिए मैंने सोचा कि इस बार चुनाव न लड़ने का सही समय है." उन्होंने बताया कि इससे पहले वह 14 बार चुनाव लड़ चुके हैं.
शरद पवार का लोकसभा चुनाव न लड़ने की खबर पर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी के लिए बड़ी जीत बताया है. उन्होंने कहा, “ये बीजेपी के लिए एक बड़ी जीत है. ये मोदी लहर का सबूत है. उन्होंने (शरद पवार) महसूस किया है कि ये लहर मोदी के पक्ष में है.”
इससे पहले एनसीपी नेताओं की बैठक में ये बात सामने आई थी कि शरद पवार माढा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरते के लिए इच्छुक नहीं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, माढा लोकसभा से कुछ लोग पवार के खिलाफ हैं, ऐसे में अगर वो माढा से चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो उन्हें वहां प्रचार के लिए वक्त देना पड़ता. उनके लिए राज्य में दूसरी जगह प्रचार के लिए जाना मुश्किल होता.
पवार परिवार से सुप्रिया सुले और अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को पहले ही उम्मीदवारी मिलना तय है. ऐसे में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी पवार पर परिवारवाद का आरोप लगा सकती है.
2018 में भी शरद पवार ने दिए थे संकेत
इससे पहले अक्टूबर 2018 में एनसीपी की ओर से ऐलान किया गया था कि शरद पवार 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. पार्टी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने पुणे लोकसभा सीट से पवार के चुनाव लड़ने के कयासों पर विराम लगा दिया था. उन्होंने बताया था कि शरद पवार ने 2014 में ही साफ कर दिया था कि वो अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
ये भी खबर आई थी कि एनसीपी लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी के सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतारना चाहती है. ऐसा करने से महाराष्ट्र में एक बड़ा संकेत जाएगा और पार्टी के ज्यादा से ज्यादा सांसद जीत सकते हैं.
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