Raebareli Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 4 चरणों के मतदाल हो चुके हैं. 20 मई को पांचवें चरण का मतदान होगा. पांचवे चरण में कई अहम सीटों पर मतदान होना है. इन्हीं में से एक है उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट. कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली से सन 2004 से सोनिया गांधी चुनाव लड़ती रहीं हैं. हालांकि इस बार यहां से कांग्रेस ने राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह से होगा.
रायबरेली लोकसभा सीट पर 66 सालों तक कांग्रेस का कब्जा रहा है. राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही ये सीट लगातार चर्चा में बनी हुई है.
क्विंट की टीम ने रायबरेली पहुंचकर यहां के लोगों की राय जानी. विकास और धर्म के मुद्दे पर रायबरेली की जनता ने खुल कर अपनी राय रखी.
रायबरेली की राय क्या है?
स्थानीय निवासी कृष्णा एक बाइक गैराज के मालिक हैं. वो बताते हैं कि कोई भी मीडिया और पत्रकार रायबरेली लोकसभा सीट के मतदाता की राय नही ले रहा हैं कि मतदाता क्या सोच रहे हैं और यहां की जनता की क्या राय है?
"तेल महंगा हो गया है. बिजली के दाम बढ़ रहे हैं. रसोई गैस महंगी हो चुकी है. 2014 में महंगाई पर रोक लगाने के दावे किए गए थे लेकिन अब सच सबके सामने हैं. 2014 से पहले जो मोटरसाइकल 50 से 60 हजार तक खरीदी जा रही थी आज जीएसटी और बीमा के दाम बढ़ने से 1 मोटरसाइकल का दाम 1 लाख से ऊपर हो गया है."कृष्णा
तकिया रायबरेली में रहने वाले सैयद फाजिल प्रधान मंत्री आवास योजना पर सवाल करते हुए कहते हैं कि पूरे देश के अंदर पक्के मकान की चर्चा सुनने को मिल रही हैं कि गरीबों को पक्के मकान बनाकर दे दिए गए हैं. लेकिन रायबरेली में हकीकत कुछ और है. आप जाकर सर्वे कर सकते हैं कि कितने किसानों को पक्के मकान मिले हैं और कितनों को नहीं.
"रायबरेली में जो भी विकास दिख कहा है, वह सब कांग्रेस की देन हैं. कांग्रेस की सरकार ने हमें आईआईटी और एम्स दिया हैं. बीजेपी ने सिर्फ लोगों को बांटने का काम किया है."सैयद फाजिल
तकिया में पान की दुकान चलाने वाले जितेन्द्र कुमार कहते हैं कि उन्हें बीजेपी पसंद है. जब उनसे PM मोदी पर सवाल किया तो उन्होंने कहा "मोदी नहीं सिर्फ बीजेपी पसंद हैं"
रायबरेली में इस बार चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प बना हुआ है. क्या राहुल गांधी कांग्रेस के गढ़ को बचा पाएंगे उनके लिए यह राह कितनी आसान होगी? सब 4 जून को नतीजे आने के बाद साफ हो जाएगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)