लोकसभा चुनाव के नतीजों की तारीख नजदीक आते ही सरकार बनाने की हर कवायद शुरू हो चुकी है. कांग्रेस पहले ही सभी विपक्षी दलों से बातचीत करने और सरकार बनाने की हर संभव कोशिश तलाशने में जुट गई है. सोनिया गांधी ने इसके लिए 23 मई यानी नतीजों के दिन विपक्षी नेताओं की एक बैठक बुलाई है.
कांग्रेस को समर्थन करने वाली डीएमके ने इस बात की पुष्टि की है कि विपक्षी दलों की मीटिंग 23 मई को होने जा रही है. डीएमके की तरफ से बताया गया है कि पार्टी चीफ एमके स्टालिन को इसके लिए सोनिया गांधी की तरफ से न्योता मिल चुका है
सरकार को लेकर गठजोड़ में जुटी सोनिया गांधी
सोनिया गांधी पूरे लोकसभा चुनाव के प्रचार में काफी कम देखी गईं. प्रचार के दौरान उनकी गैर मौजूदगी पर कुछ लोगों ने सवाल भी खड़े किए, लेकिन अब मिली जानकारी के मुताबिक सोनिया चुपचाप नतीजों के बाद का गणित लगा रही हैं. सोनिया विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से लगातार संपर्क में हैं, जिसका नतीजा 23 मई को होने वाली विपक्ष की बैठक है.
इससे पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस नतीजों से ठीक पहले 21 मई को विपक्षी दलों की बैठक बुला सकती है. लेकिन इसके बाद बताया गया कि नतीजों से पहले बैठक के लिए मायावती, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव तैयार नहीं हैं
सीनियर नेताओं ने शुरू की बातचीत
कांग्रेस बीजेपी या एनडीए को बहुमत न मिलने की स्थिति में कोई भी मौका नहीं चूकना चाहती है. इसीलिए सोनिया गांधी ने कमलनाथ और कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं को नवीन पटनायक, जगन मोहन रेड्डी और के चंद्रशेखर राव से बातचीत के लिए कहा है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने इन नेताओं के साथ बातचीत शुरू कर दी है.
तीसरे मोर्चे की भी तैयारी
कांग्रेस के अलावा तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (केसीआर) भी तीसरे मोर्चे की सरकार बनाने की उम्मीद में हैं. हालांकि उनकी उम्मीदें फिलहाल पूरी होती नहीं दिख रही हैं. कई दल उनका समर्थन करने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में अब केसीआर नतीजों को देखकर ही तय करेंगे कि वो आखिर किस पाले में जाएंगे.
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