ADVERTISEMENTREMOVE AD

अमेठी, कौशांबी, अयोध्या, प्रयागराज,चित्रकूट.. UP Election 5th Phase की VIP सीटें

UP Election 5th phase : मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, राजा भैय्या, ददुआ के भतीजे, केंद्रीय मंत्री मां हैं मैदान पर

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

उत्तर प्रदेश चुनाव सात चरणों में संपन्न होना है, चार चरणों के मतदान हो चुके हैं. पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान है. पांचवें चरण में सबसे ज्यादा सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में 693 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 90 प्रत्याशी महिला हैं. पांचवें चरण में पांचवें चरण में अमेठी (Amethi), रायबरेली (Raebarelly), सुल्तानपुर (Sultanpur), चित्रकूट (Chitrakoot), प्रतापगढ़ (Pratapgarh), कौशांबी (Kaushambi), प्रयागराज (Prayagraj), बाराबंकी (Barabanki), अयोध्या (Ayodhya), बहराइच (Bahraich), श्रावस्ती (Shrawasti) और गोंडा (Gonda) में वोटिंग है. आइए जानते हैं इनमें कौन सी सीटे खास हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पहले जानते हैं पांचवें चरण में कौन से मंत्रियों की साख दांव पर है  

  • उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

  • कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह पट्टी सीट पर उतरे हैं.

  • कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहबाद पश्चिम से प्रत्याशी हैं.

  • नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी इलाहाबाद दक्षिण से मैदान पर हैं.

  • समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री मनकापुर सीट से हैं.

  • राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सदर से चुनाव लड़ रहे हैं.

  • योगी सरकार के मंत्री रहे मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे चुनावी मैदान में हैं.

अब जानते हैं पांचवें चरण में किन सीटों की हो रही है चर्चा, कहां किसकी प्रतिष्ठा दांव पर है...

कुंडा

बाहुबली विधायक राजा भैया 29 साल से प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक हैं. इस बार वे अपनी जनसत्ता पार्टी से मैदान पर हैं. राजा भैया के सामने सपा ने 15 साल बाद प्रत्याशी खड़ा किया है. कुंडा में उनके खिलाफ चुनावी रण में समाजवादी पार्टी SP ने गुलशन यादव को टिकट दिया है. गुलशन कभी राजा भैया के करीबी रहे हैं. ऐसे में इस बार यहां चुनौती देखने को मिल रही है.

सिराथू 

पांचवें चरण में सिराथू विधानसभा सीट के चर्चे सबसे ज्यादा है. यहां के रण में बीजेपी की तरफ से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, एसपी की पल्लवी पटेल और बीएसपी के मुनसब अली उस्मानी बीच अहम मुकाबला होने के उम्मीद है. जहां एक ओर बीजेपी इसे सेफ सीट मान रही है वहीं एसपी और बीएसपी मुकाबले को राेचक बना रही हैं. इनके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी सीमा देवी भी कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. 1977 से लेकर 2017 तक कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से एसपी कभी नहीं जीती है, लेकिन बीएसपी 4 बार यहां परचम लहरा चुकी है. जबकि बीजेपी ने दो बार इसे अपने पाले में किया है.

0

प्रयागराज जिले की इलाहाबाद पश्चिम और दक्षिण विधानसभा सीट

इलाहाबाद पश्चिम सीट पर योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह बीजेपी की ओर से मैदान में हैं. सिद्वार्थ के खिलाफ सपा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षा ऋचा सिंह को मैदान में उतारा है. जबकि बीएसपी ने गुलाम कादिर और कांग्रेस ने तसलीम उद्दीन को टिकट दिया है.

वर्तमान सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी को बीजेपी ने इलाहाबाद दक्षिण सीट पर फिर से मैदान में उतारा है. नंदी के खिलाफ सपा ने रईस चंद्र शुक्ला को टिकट दिया है. जबकि बीएसपी ने देवेंद्र मिश्र नगरहा और कांग्रेस ने अल्पना निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया है.

रामपुर खास

1980 में कांग्रेस पार्टी से पहली बार रामपुर खास से प्रमोद तिवारी विधायक चुने गए थे, जिसके बाद कभी भी प्रमोद तिवारी ने हार नहीं हुई. 2014 में प्रमोद तिवारी के राज्यसभा सांसद बन जाने के बाद चुनाव हुए. उनकी बेटी आराधना मिश्रा मोना ने जीत दर्ज की, वह मौजूदा विधायक हैं. इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से वह अपनी किस्मत आजमा रही हैं.

मोना के खिलाफ बीजेपी ने नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को मैदान पर उतारा है. बीएसपी की तरफ से बांकेलाल पटेल हैं. जबकि समाजवादी पार्टी ने मोना के समर्थन में इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है.

बाराबंकी जिले की दरियाबाद और जैदपुर सीट

बाराबंकी जिले की दरियाबाद विधानसभा से सपा के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे अरविंद सिंह गोप चुनावी मैदान मे हैं. जिनका मुकाबला बीजेपी के मौजूदा विधायक और पार्टी प्रत्याशी सतीश शर्मा से है.

जैदपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पी एल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. तनुज प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता हैं यहां इनका मुकाबला सपा विधायक और पार्टी प्रत्याशी गौरव रावत और बीजेपी के अम्बरीष रावत से है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंझनपुर

कौशांबी की मंझनपुर सीट से सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में सपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है. इस सीट पर बीजेपी की ओर से लाल बहादुर मैदान पर हैं. 2017 के चुनाव में इंद्रजीत सरोज को बीजेपी के लाल बहादुर ने करारी शिकस्त दी थी. इस सीट पर बीएसपी ने डॉक्टर नीतू कनौजिया को उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष अरुण विद्यार्थी को टिकट दिया है. अरुण विद्यार्थी मंझनपुर विधानसभा में पूर्व विधायक रहे स्व. ईश्वर शरण विद्यार्थी के बेटे हैं.

अमेठी विधानसभा सीट, अमेठी

इस चरण में सबसे अहम सीटों में अमेठी विधानसभा टॉप पर है. इस वीवीआईपी सीट में जहां एक ओर कद्दावर नेता डॉ. संजय सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. वहीं पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी प्रजापति चुनाव मैदान में हैं. इन दोनों प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर है. संजय सिंह 33 साल बाद विधानसभा चुनाव में उतरे हैं, इस बार वे बीजेपी की तरफ से मैदान पर हैं. संजय सिंह लंबे समय तक कांग्रेस की ओर से सदन में थे, वे राज्यसभा सदस्य भी थे, लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले वे बीजेपी के पाले में चले गए. बीजेपी ने इनकी पहली पत्नी गरिमा सिंह का टिकट काटकर अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं महाराजी प्रजापति सपा की ओर से चुनौती दे रही हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर आशीष शुक्ला को अपना प्रत्याशी बनाया है.

अयोध्या

राम मंदिर मुद्दे की वजह से इस बार के चुनाव में केवल यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश की नजर अयोध्या सीट पर है. बीजेपी ने यहां से वेद प्रकाश को मैदान में उतारा है. तो वहीं सपा गठबंधन ने पूर्व मंत्री तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय पर फिर से भरोसा जताया है. जबकि बीएसपी ने रवि प्रकाश और कांग्रेस ने रीता को टिकट दिया है. इस सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने की चर्चा भी जोर-शोर थी लेकिन पार्टी ने वेद प्रकाश को टिकट दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मनकापुर

गोंडा जिले की मनकापुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री की प्रतिष्ठा दांव पर है. इस सीट पर रमापति शास्त्री को टक्कर देने के लिए सपा प्रत्याशी पूर्व विधायक रमेश गौतम मैदान पर हैं. जबकि बीएसपी ने श्याम नारायण और कांग्रेस ने संतोष कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया है. रमेश गौतम ने बहुजन समाज पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए हैं वहीं रमापति शास्त्री एक कद्दावर नेता माने जाते हैं और अब तक सात बार विधायक रह चुके हैं.

बहराइच सदर

बहराइच सदर में सपा और बीजेपी के पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा साख पर है. बीजेपी से योगी सरकार में स्वतंत्र प्रभार की मंत्री रही अनुपमा जायसवाल को दूसरी बार मैदान में उतारा है. वहीं सपा ने अखिलेश सरकार में मंत्री रहे याशर शाह भी चुनावी रण में हैं. याशर शाह मौजूदा समय में बहराइच की मटेरा विधानसभा से विधायक हैं. लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें बहराइच सदर सीट से प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर बीएसपी ने नईम खान पर दांव लगाया है.

चित्रकूट

बीजेपी ने चित्रकूट सदर में योगी सरकार के राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय पर फिर से भरोसा जताया है. चंद्रिका के खिलाफ सपा की ओर से अनिल प्रधान, बीएसपी की तरफ से पुष्पेंद्र सिंह और कांग्रेस की ओर से निर्मला भारती मैदान पर हैं.

कैसरगंज

कैसरगंज विधान सभा बहराइच जिले में आती है. इस सीट पर बीजेपी ने तीन बार के विधायक और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के बेटे गौरव वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन प्रतिष्ठा मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा की ही दांव पर लगी हुई है. इस सीट पर सपा ने आनंद यादव को चुनावी रण में भेजा है. जबकि कांग्रेस ने गीता सिंह और बीएसपी ने बकाउल्लाह को अपना प्रत्याशी बनाया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रतापगढ़ सदर

अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट पर सपा की ओर से मैदान में पर हैं. बीजेपी ने यहां राजेन्द्र मौर्य को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि बीएसपी से आशुतोष त्रिपाठी और कांग्रेस से डॉ नीरज त्रिपाठी चुनावी मैदान में हैं. अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सपा-अपना दल कमेरावादी गठबंधन से मां कृष्णा पटेल को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट छोड़ दी थी.

पट्टी

प्रतापगढ़ के पट्टी विधानसभा से बीजेपी ने योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह को मैदान पर उतारा है. वहीं सपा ने तीसरी बार ददुआ डकैत के भतीजे पूर्व सांसद बालकुमार के बेटे रामसिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है. 2012 में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह को 157 वोट से हराकर रामसिंह विधायक बने थे, तो वहीं 2017 में 1407 वोटों से राजेंन्द्र सिंह विजयी हुए थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×