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‘संजू’ में सुनील दत्त के रोल के लिए आमिर खान ने क्यों किया इनकार?

आमिर खान को सुनील दत्त टेलीग्राम भेजा करते थे

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क्या आपको पता है कि राजकुमार हिरानी की बायोपिक फिल्म संजू में आमिर खान को सुनील दत्त का रोल मिला था? लेकिन आमिर ने इस रोल के लिए मना कर दिया. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका कारण बताया.

आमिर के मुताबिक, फिल्म में सुनील दत्त का रोल काफी बेहतरीन है. और जब हम फिल्म देखेंगे तो उसमें पिता और बेटे का कमाल का रिश्ता देखने को मिलेगा.

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एक एक्टर होने के नाते मैंने राजू को कहा, यार संजय दत्त का रोल कमाल का है. मेरा दिल जीत लिया. इसलिए मैं किसी और का नहीं बल्कि संजय दत्त का रोल कर सकता हूं. लेकिन रणबीर कर रहा है इसलिए मैं नहीं कर सकता. तो मुझे कोई और रोल ऑफर मत करो क्योंकि मैं बाकी रोल के बारे में नहीं सोच सकता.
आमिर खान, एक्टर

परेश रावल कर रहे हैं सुनील दत्त का रोल

आमिर ने आगे बताया कि वो किस तरह से संजय दत्त के कैरेक्टर से प्रभावित हो गए. लेकिन उनको ये भी लगता है कि रणबीर कपूर ने इस रोल को काफी अच्छे से निभाया है. और हमारी तरह वो भी फिल्म देखने के लिए बेताब हैं. अब फिल्म में परेश रावल सुनील दत्त का किरदार निभा रहे हैं.

आमिर खान को सुनील दत्त टेलीग्राम भेजा करते थे

सुनील दत्त आमिर को भेजा करते थे टेलीग्राम

फिल्म की कास्टिंग पर बात करते हुए आमिर अपनी पिछली यादों में चले गए और सुनील दत्त के साथ बिताए अपने पलों के बारे में बताने लगे. आमिर ने बताया कि दत्त साहब इकलौते ऐसे व्यक्ति थे जो उनको टेलीग्राम भेजा करते थे. दिवाली से लेकर ईद तक त्योहारों पर तो टेलीग्राम मिलते ही थे साथ ही जन्मदिन और फिल्मी की कामयाबी के बाद भी दत्त साहब टेलीग्राम भेजते थे.

आमिर ने 1993 के मुंबई दंगों की एक घटना के बारे में बताया जो उनके दिल के काफी करीब है. उस समय, फिल्म इंडस्ट्री का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुधाकर राव नाईक से मिलने गया था ताकि वो आर्मी को बुलाएं और दंगे रोकने के लिए हर संभव कोशिश करें.

आमिर खान को सुनील दत्त टेलीग्राम भेजा करते थे

आमिर को याद आती है 1993 की रात

आमिर को याद आता है कि किस तरह से फिल्म इंडस्ट्री एक साथ आई थी. करीब 30-40 लोग मुख्यमंत्री के घर गए थे. लेकिन तुरंत कोई एक्शन नहीं लिया गया था. तब उन सभी ने मंत्रालय के पास महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया था. सभी ने कहा कि वो तब तक वहां बैठे रहेंगे जब तक हिंसा रुक नहीं जाती. पहले दिन 5 लोग मूर्ति के नीचे बैठे.

आमिर ने बताया, '' उन पांचों में दत्त साहब, यश चोपड़ा, जॉनी वॉकर, मैं और पांचवें एक प्रोड्यूसर थे जिसका मैं नाम भूल रहा हूं. बाकी सब जा चुके थे. हम लोग बिना किसी सुरक्षा के वहां रात भर बैठे रहे. वहां कोई भी नहीं था. सुबह बाकी लोग चाय के साथ आए. हम वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर 3-4 दिन बैठे थे.''

आमिर ने ये भी बताया कि उन्होंने वो रात कैसे बिताई. उन्होंने कहा कि दत्त साहब अपने पुराने दिनों की बात बता रहे थे. जॉनी साहब ने भी अपने करियर की कहानी सुनाई. वो बहुत ही यादगार रात थी.

दत्त साहब की बेहिसाब तारीफ करते हुए आमिर ने बताया कि वो एक प्रतिष्ठित, सिद्धांतवादी, मजबूत और सौम्य व्यक्ति थे.

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