बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की हॉरर थ्रिलर फिल्म ‘परी’ आखिरकर लोगों को डराने में कामयाब रही. शुक्रवार को रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पहले ही दिन अपना कमाल दिखा दिया. इस फिल्म का पहले दिन का कलेक्शन 4.36 करोड़ रुपये रहा. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी है.
फिल्म क्रिटिक्स ने फिल्म में अनुष्का की परफॉर्मेंस को खूब सराहा है. अनुष्का का भूतिया अंदाज लोगों को थ्रिलिंग एक्सपीरियंस देने सफल रहा है या ये भी कहा जा सकता है कि ‘फिल्लौरी’ में भूतनी का किरदार निभाने वाली अनुष्का ‘परी’ में सबको डराने में कामियाब रही हैं.
‘परी’ भारत में कुल 1,400 स्क्रीन पर रिलीज हुई जबकि ओवरसीज में यह 165 स्क्रीन पर रिलीज हुई. इस तरह ‘परी’ को वर्ल्डवाइड कुल 1,565 स्क्रीन मिले हैं.
आपको बता दें कि फिल्म ‘परी’ को 18 करोड़ के बजट में बनाया गया. इस फिल्म ने अपनी रिलीज के पहले अपने सॅटॅलाइट राइट्स, डिजिटल राइट्स के जरिए करीब 10 करोड़ रुपए की कमाई कर ली थी. और पहले ही दिन लगभग साड़े चार करोड़ की कमाई से ये तो सबित हो गया है कि फिल्म आने वाले समय में अच्छा कलेक्शन जुटा लेगी.
फिल्म की अगर बात की जाए तो ये पहलू गौर करने लायक थे.....
अनुष्का की दमदार एक्टिंग
डायरेक्टर प्रोसित रॉय ने अपनी डेब्यू फिल्म में ठीक ठाक काम किया है, डराने के लिए सुनसान जगह, अजीब सी झोपड़ी, खूंखार कुत्ते और चेन में बंधी औरत जैसे काफी सीन इस्तेमाल किए गए हैं. कहानी की शुरुआत होती है एक कार एक्सीडेंट से, इसके बाद कई तरह की डरा देने वाली घटनाओं से फिल्म आगे बढ़ती है. अर्नब नाम के शख्स का किरदार निभा रहे परमब्रत चटर्जी, रुखसाना यानी अनुष्का शर्मा को अपने घर में जगह देते हैं और फिर शुरू होती हैं मुसीबतें.
फिल्म का पहला हाफ काफी धीमा
परी का पहला हाफ बेहद धीमी गति से आगे बढ़ता है. बॉलीवुड की टिपिकल हॉरर फिल्मों जैसा ही बैकग्राउंड स्कोर, कई सारे अपशकुन वाले सीन और 'डरावनी औरत' कहानी को आगे बढ़ाते नजर नहीं आते. ऐसा लगता है कि कहानी को आगे बढ़ाने के लिए नहीं बस डराने की कोशिश के लिए ये सीन दिखाए जा रहे हैं. रजत कपूर बांग्लादेशी तांत्रिक के किरदार में नजर आए हैं जो अर्नब को 'शैतान' से बचाने के लिए आते हैं.
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दर्शकों को उम्मीद बंध सकती है कि दूसरे हाफ में कहानी तेजी से आगे बढ़ेगी, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है. दरअसल, ये फिल्म हॉरर से ज्यादा खून-खराबे और हिंसा से भरी हुई है. ऐसे में हॉरर के नाम पर ये फिल्म निराश करती दिखती है.
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