'पानीपत' फिल्म को लेकर राजस्थान में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम गहलोत ने ट्विटर पर लिखा कि फिल्मों में ये ध्यान रखना चाहिए कि किसी जाति, धर्म, वर्ग के महापुरुषों और देवताओं का अपमान नहीं होना चाहिए. पिछले हफ्ते रिलीज हुई आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'पानीपत' में महाराजा सूरजमल के पोट्रेयल को लेकर विरोध हो रहा है. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है, जिससे महाराजा सूरजमल की छवि धूमिल हुई है. उन्हें इसमें लालची राजा के रूप में दिखाया गया है, जो वो बिल्कुल नहीं थे.
‘फिल्म बनाने से पहले किसी को भी किसी के व्यक्तित्व को सही तरह से दिखाना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि विवाद की नौबत नहीं आए. मेरा मानना है कि कला का, कलाकार का सम्मान हो लेकिन उनको भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी जाति, धर्म, वर्ग के महापुरुषों और देवताओं का अपमान नहीं होना चाहिए. फिल्म में महाराजा सूरजमल जी के चित्रण को लेकर जो प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, ऐसी स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए थी.’अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
अशोक गहलोत ने सेंसर बोर्ड से इस मामले में संज्ञान लेने को कहा है. वहीं सीएम ने लिखा है कि डिस्ट्रीब्यूटर्स, जाट समाज के लोगों से जल्द से जल्द बात करें.
फिल्म में दिखाया गया है कि मराठा योद्धा सदाशिव राव भाऊ , महाराजा सूरजमल से अफगानों को हराने के लिए मदद मांगते हैं, जिसके बदले में सूरजमल आगरा के किले की मांग करते हैं. मांग पूरी नहीं होने पर वह सदाशिव की मदद करने से इनकार कर देते हैं. फिल्म में सदाशिव राव भाऊ का रोल अर्जुन कपूर ने निभाया है.
राजस्थान में थियेटर में तोड़-फोड़
महाराजा सूरजमल के वंशज ने की फिल्म पर बैन लगाने की मांग
महाराजा सूरजमल के वंशज और राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर दी है.
विश्वेंद्र सिंह ने कहा, 'ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि महान जाट शासक महाराजा सूरजमल को अनुचित तरीके से चित्रित किया गया है और फिल्म 'पानीपत' में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. हरियाणा, राजस्थान और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में जाट समुदाय द्वारा हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए मुझे लगता है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगना चाहिए.'
‘महाराजा सूरजमल के प्रत्यक्ष वंशज के रूप में और महाराजा की 14वीं पीढ़ी के वंशज होने के नाते मैं साफ करना चाहूंगा कि ये ऐतिहासिक तथ्य है कि जब मराठा पानीपत के युद्ध से लौटे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने परोपकार करते हुए हार और घावों की पीड़ा सह रही पूरी मराठा सेना को शरण दी थी.’विश्वेंद्र सिंह, महाराजा सूरजमल के वंशज और राजस्थान के पर्यटन मंत्री
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी फिल्म में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि महाराजा सूरजमल को जिस तरह इसमें चित्रित किया गया है, वो निंदनीय है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)