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श्रीदेवी खूबसूरत, लेकिन दुखी महिला थीं, रामगोपाल वर्मा ने खोले राज

राम गोपाल वर्मा अपने फेसबुक पोस्ट पर श्रीदेवी की जिंदगी की कई अहम बातों से पर्दा उठाया.

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दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी को लेकर 'ग्रेट रॉबरी', 'गोविंदा गोविंदा' और 'हैरान' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा का कहना है कि श्रीदेवी बहुत नाखुश महिला थीं. उन्होंने लिखा कि श्रीदेवी का जीवन इसका जीता जागता उदाहरण था कि किसी व्यक्ति का जीवन उसे देखने वाले की सोच से बिल्कुल अलग होता है.

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रामगोपाल वर्मा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर ‘माय लव लेटर टू श्रीदेवी फैन्स’ लिखा है. इसमें उन्होंने श्रीदेवी की जिंदगी की कई अहम बातों से पर्दा उठाया.

उन्होंने लिखा, श्रीदेवी देश की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली महिला और सबसे बड़ी सुपरस्टार थीं, लेकिन यह कहानी का सिर्फ एक हिस्सा है.

बहुतों के लिए श्रीदेवी का जीवन परिपूर्ण था. सुंदर चेहरा, महान प्रतिभा, देश की सबसे बड़ी स्टार और दो सुंदर बेटियों के साथ दूर से आदर्श दिखता उनका परिवार. दूर से ये सब देखकर लोग इस जीवन के सपने देख सकते हैं, इससे ईर्श्या कर सकते हैं. लेकिन क्या श्रीदेवी बहुत खुश इंसान थीं और क्या वो एक खुशनुमा जिंदगी जी रही थीं? 
राम गोपाल वर्मा
राम गोपाल वर्मा अपने फेसबुक पोस्ट पर श्रीदेवी की जिंदगी की कई अहम बातों से पर्दा उठाया.
रामगोपाल वर्मा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर ‘माय लव लैटर टू श्रीदेवी फैन्स’ लिखा है.
(फोटो: फेसबुक\रामगोपाल वर्मा)
मैंने अपनी आंखों से देखा था कि उनके पिता की मृत्यु तक उनका जीवन आकाश के एक पक्षी की तरह था और उसके बाद उनकी ओवरप्रोटेक्टिव मां के कारण उनका जीवन पिंजड़े में बंद पंक्षी की तरह हो गया.
राम गोपाल वर्मा

राम गोपाल वर्मा ने कहा कि 'इंग्लिश विंग्लिश' की हल्की चमक को छोड़ दें तो श्रीदेवी बहुत नाखुश जिंदगी जी रही थीं. उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ देखा था और बहुत कम उम्र में फिल्मी सफर शुरू करने के कारण जिंदगी ने उन्हें सामान्य गति से बढ़ने का वक्त कभी नहीं दिया.

राम गोपाल वर्मा ने सवाल करते हुए कहा, “बाहरी शांति से ज्यादा उनकी मानसिक अवस्था ज्यादा चिंतनीय थी. कई लोगों के लिए वो सबसे सुंदर महिला थीं. लेकिन क्या वह सोचती थीं वे सुंदर हैं?”

फिल्म निर्माताओं के लिए श्रीदेवी हमेशा बहुत शर्मीली, असुरक्षित महसूस करने वाली और कम आत्मविश्वास वाली अदाकारा थीं

श्रीदेवी अंदर ही अंदर जिस दर्द को जी रही थीं, मैं उस दर्द को उनकी आंखों में देख सकता था, क्योंकि वो वास्तव में महिला के शरीर में कैद एक बच्ची थीं. एक इंसान के तौर पर वो निष्कपट थीं और अपने कड़वे अनुभवों के कारण वहमी भी. इस दो गुणों का मिलन खतरनाक होता है
राम गोपाल वर्मा

राम गोपाल वर्मा ने कहा, "अब उनकी मौत पर आते हैं, सबसे ज्यादा संभावना इस बात की है कि हार्ट अटैक के बाद दुर्घटनावश टब में गिरने से उनकी मौत हुई हो."

उन्होंने कहा, "आत्महत्या और दुर्घटनावश मौत ज्यादातर बड़े समारोहों में होती हैं, क्योंकि तनावग्रस्त और असुरक्षाग्रस्त व्यक्ति यह नहीं समझ पाता कि दुनिया इतनी खुश क्यों है और इतना आनंद क्यों उठा रही है लेकिन वो उस खुशी को महसूस करने में सक्षम नहीं होते हैं."

उन्होंने कहा, "मैं सामान्य तौर पर किसी की मृत्यु के बाद ये नहीं कहता कि आपकी आत्मा को शांति मिले, लेकिन उनके मामले में मैं वास्तव में ये कहना चाहता हूं, क्योंकि मुझे पूरा विश्वास है कि जिंदगी में पहली बार उनको शांति मिली होगी."

(इनपुट: IANS)

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