तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'सांड की आंख' अब एक और राज्य में टैक्स फ्री कर दी गई है. राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की है. इस फिल्म में यूपी के बागपत की प्रकाशी और चंद्रो तोमर के शार्पशूटर्स बनने की कहानी को दिखाया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में ये फैसला लिया गया. प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अधिकतर यूपी में शूट हुई 'सांड की आंख' को सरकार ने टैक्स फ्री करने का तय किया है.
राजस्थान में भी टैक्स फ्री
कुछ दिन पहले राजस्थान सरकार ने भी बालीवुड फिल्म 'सांड की आंख' को टैक्स फ्री कर दिया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला सशक्तिकरण और स्पोर्ट्स पर आधारित फिल्म ‘सांड की आंख’ को राज्य में लगने वाले एसजीएसटी से छूट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
शूटर दादियों की कहानी है ‘सांड की आंख’
ये फिल्म उन दो बुजुर्ग महिलाओं पर आधारित है, जिन्होंने समाज के बंधनों को तोड़ते हुए वो कर दिखाया जो कोई सोच भी नहीं सकता है. आमतौर पर जिस उम्र में लोग रिटायर होकर पूजा-पाठ और अपने बीते दिनों को याद कर अपनी जिंदगी गुजारते हैं, उस उम्र में बागपत की चंद्रो और प्रकाशी तोमर ने अपनी जिंदगी की सेकेंड इनिंग शुरू की.
60 साल की उम्र में शुरू की ट्रेनिंग
60 साल की उम्र में चंद्रो तोमर अपनी पोती को गांव के ही एक शूटिंग रेंज में ट्रेनिंग के लिए ले गईं. चंद्रो की पोती को बंदूक उठाने से डर लगता था, तब दादी ने उसका साथ देने का फैसला किया. पोती को सिखाने के लिए चंद्रो ने बंदूक उठाई और गोली चलाई, जो बिल्कुल निशाने पर लगा.
वहां मौजूद कोच भी हैरान होकर यही सोचने लगे कि गलती से सही शॉट लग गया होगा, इसलिए उन्होंने दोबारा निशाना लगाने को कहा. दूसरा निशाना भी सटीक लगा. इसके बाद कोच फारुख ने दादी चंद्रो से वहां आकर शूटिंग सीखने के लिए कहा और यहीं से शुरू हुई उनके शूटर दादी बनने की कहानी.
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