आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15 के खिलाफ कानपुर में ब्राह्मण संगठनों ने एक मल्टीप्लेक्स के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस वजह से फिल्म के कई शो रद्द भी करने पड़े. शुक्रवार को ये फिल्म रिलीज हुई थी, रिलीज के बाद ही थियेटर के बाहर लोगों का धरना प्रदर्शन शुरू हो गया
ये फिल्म बदायूं गैंगरेप और मर्डर केस पर आधारित है. साथ ही ये फिल्म समाज में फैली कुरीतियों और जातिवाद को उजागर करती है. अनुभव सिन्हा के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में आयुष्मान खुराना एक पुलिस ऑफिसर का रोल निभा रहे हैं, जो गैंगरेप और मर्डर केस की जांच कर रहे हैं. जांच के दौरान आयुष्मान खुराना को जातिवाद का सामना करना पड़ता है. इस फिल्म में भारतीय संविधान के ‘आर्टिकल-15’ जो कि भारत के सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है उसपर जोर दिया गया है.
कई दिनों से हो रहा है फिल्म का विरोध
आर्टिकल 15 के रिलीज से पहले ही परशुराम सेना, कुछ ब्राह्मण समाज के लोग और करणी सेना फिल्म का विरोध कर रही थी. फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा को भी लगातार धमकी दी जा रही थी. अनुभव सिन्हा ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरी फिल्म को लेकर बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है, कोई इसके ब्राह्मण विरोधी बता रहा है, तो कोई इसे राजपूत विरोधी. इस तरह से फिल्मों को टारगेट करना सही नहीं है.
फिल्म के बढ़ते विरोध के बीच फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने ब्राह्मणों और करणी सेना के नाम एक खुला खत लिखा था-
देश के सभी ब्राह्मण संगठनों को मेरा नमस्कार. साथ ही करणी सेना को भी. साथ ही मैं इस पत्र के माध्यम से आप के उन सभी सदस्यों को क्षमा भी करता हूं, जिन्होंने असहमति और विरोध की मर्यादाओं का उल्लघंन किया. मेरी हत्या या मेरी बहनों और मेरी दिवंगत मां के बलात्कार की धमकियों से संवाद नहीं हो सकता. मेरा विश्वास है कि आप में से अधिकतर लोग इस प्रकार के विरोध का समर्थन नहीं करेंगे. ये भविष्य में भी नहीं होना चाहिए. हम एक समाज हैं और हमें एक-दूसरे का सम्मान रखना चाहिए. मेरी आगामी फिल्म भी इसी संदर्भ में ही है.
जाति पर बात करने वाली इस फिल्म का कुछ ब्राह्मण समूह भी लगातार विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि फिल्म के जरिए ब्राह्मणों के खिलाफ गलत बातें फैलाई जा रही हैं.
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