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पद्मावती: रिलीज डेट पर असमंजस, करना पड़ सकता है और इंतजार

सेंसर सर्टिफिकेट मिलने में हो सकती है देरी

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संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. विरोध प्रदर्शन और बयानबाजी के बीच फिल्म की रिलीज को लेकर असमंजस बरकरार है. मीडिया में चल रही कुछ खबरों के मुताबिक, 1 दिसंबर को फिल्म का रिलीज होना मुश्किल लग रहा है. दूसरी ओर फिल्‍म निर्माता का कहना है कि फिल्‍म तय वक्‍त पर ही आएगी.

सेंसर बोर्ड को शुक्रवार को फिल्म की कॉपी सौंपी गई है. लेकिन खबरों के मुताबिक, सेंसर बोर्ड की तरफ से फिल्म को सर्टिफिकेट मिलने में देरी हो सकती है. इस वजह से फिल्म की रिलीज डेट को आगे बढ़ाया जा सकता है.

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देशभर में हो रहा है विरोध

इस फिल्म को लेकर पिछले काफी समय से देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. राजपूत करणी सेना ने फिल्म की रिलीज के खिलाफ 1 दिसंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष अशोक परनामी, उदयुपर के पूर्व शाही परिवार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेडछाड़ करने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

कांग्रेस ने भी कहा है कि अगर ‘पद्मावती’ में भावनाएं आहत करने वाले कोई भी दृश्य हैं, तो उनकी समीक्षा की जानी चाहिए.

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फिल्म के विरोध की अगुवाई कर रहे राजपूत करणी सेना ने शुक्रवार को एक बार फिर धमकी भरे लफ्जों का इस्तेमाल किया. संगठन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह कल्वी ने कहा-

प्रसून जोशी ने भी नहीं देखी है फिल्म

सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने अब तक फिल्म नहीं देखी है. उन्होंने कहा कि उनके फिल्म देखने की खबरें बिल्कुल निराधार और गलत है. मीडिया में ऐसी खबरे थीं कि सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने पद्मावती देख ली है और उन्होंने फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया.

राजस्थान राज्य महिला आयोग (आरएससीडब्ल्यू) ने भी सेंसर बोर्ड को लेटर लिखकर कानून और व्यवस्था को लेकर भंसाली की फिल्म से जुड़े असमंजस को खत्म करने की मांग की.

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यूपी सरकार ने भी रिलीज डेट बढ़ाने की मांग की

फिल्म को लेकर जारी विरोध के बीच यूपी सरकार ने केंद्र सरकार से शांति-व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर 1 दिसंबर को फिल्म रिलीज न करने की मांग की थी. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि यूपी के गृह विभाग ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण सचिव को पत्र लिखकर रिलीज डेट आगे करने की मांग की थी.

दरअसल यूपी के निकाय चुनाव की काउंटिंग 1 दिसंबर को ही होनी है. ऐसे में कानून-व्यवस्था को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से ये अनुरोध किया था.

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