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‘पद्मावती’ की वजह से संजय लीला भंसाली को खतरा, घर की सुरक्षा बढ़ी

फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर हो रहे विवाद और धमकियों की वजह से भंसाली को महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराई है

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संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर हो रहे विवाद और धमकियों की वजह से उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराई है. फिल्म पद्मावती आजकल देशभर में बड़ा मुद्दा बन गया है. तमाम हिंदू संगठन से लेकर कई राजनेता तक इसके विरोध में सामने आए हैं. संजय लीला भंसाली को लगातार धमकियां मिल रही है. जिसके चलते उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन दी गई है. उनके घर और दफ्तर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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देशभर में हो रहा है विरोध

राजपूत करणी सेना ने फिल्म की रिलीज के खिलाफ एक दिसंबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष अशोक परनामी, उदयुपर के पूर्व शाही परिवार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेडछाड़ करने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

कांग्रेस ने भी कहा है कि अगर ‘पद्मावती’ में भावनाएं आहत करने वाले कोई भी दृश्य हैं, तो उनकी समीक्षा की जानी चाहिए.

फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर हो रहे विवाद और धमकियों की वजह से भंसाली को महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराई है

वहीं जयपुर में करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह काल्वी ने कहा-

दीपिका पादुकोण का बयान भड़काऊ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि फिल्म को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता. उनका बयान उकसाने वाला है और मैं इसे चुनौती के रूप में लेता हूं इसलिए मैंने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है.

वसुंधरा सरकार की मंत्री ने भी किया विरोध

लोकेंद्र सिंह काल्वी ने धमकी भरे लहजे में कहा- 'ये जौहर की ज्वाला है रोकना है तो पद्मिनी को रोक लो' राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री माहेश्वरी ने भी फिल्म का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि यह पूरी तरह से रुपये बनाने के लिए मनोरंजन की कोशिश है. अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा कि रानी पद्मावती ने 16,000 महिलाओं के साथ जौहर किया था, वो स्वाभिमान की प्रतीक हैं. उनका अपमान किसी को भी स्वीकार नहीं होगा.

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प्रसून जोशी ने नहीं देखी है फिल्म

सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा है कि उन्होंने 'पद्मावती’ नहीं देखी है और उनके फिल्म देखने की खबरें बिल्कुल निराधार और गलत है. मीडिया में ऐसी खबरे थीं कि सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने पद्मावती देख ली है और उन्होंने फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया.

राजस्थान राज्य महिला आयोग (आरएससीडब्ल्यू) ने भी सेंसर बोर्ड को लेटर लिखकर कानून और व्यवस्था को लेकर भंसाली की फिल्म से जुडे संशय को खत्म करने की मांग की है. दक्षिण भारत में भी फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है. करणी सेना के सदस्यों ने बेंगलुरु में प्रदर्शन किया.

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