फ्लॉप पर फ्लॉप.. फ्लॉप पर फ्लॉप.. फ्लॉप पर फ्लॉप मिलती जा रही हैं माई लॉर्ड, पर एक हिट फिल्म कब मिलेगी, वैसे तो यह एक मीम है लेकिन अब बॉलीवुड की सच बनते जा रहा है. आमिर खान (Aamir Khan) की लाल सिंह चड्ढा (Lal Singh Chaddha) और अक्षय कुमार की 'रक्षा बंधन' (Raksha Bandhan) से भी कोई मरहम नहीं लगा. इन दोनों ही फिल्मों से बॉलीवुड को खूब उम्मीदें थीं कि सूनी पड़ी टिकट खिड़कियों पर भीड़ लौटेगी लेकिन चार दिनों के लंबे वीकेंड में चारों ही दिन ये दोनों ही फिल्में दर्शकों का दिल नहीं जीत सकीं. दोनों ही फिल्मों के करीब 2300 शोज दूसरे ही दिन से कैंसल हो गए. स्टारडम धरा का धरा रह गया. अच्छी कहानी का असर भी नहीं हुआ. अब यहां सवाल उठना लाजिमी है कि आमिर खान और अक्षय कुमार जैसे सुपरस्टार की फिल्में कैसे फ्लॉप हो गईं? क्या दोनों फिल्में बायकॉट की आंधी में उड़ गई? आइये जानते हैं ट्रेड एनलिस्ट से इन दोनों फिल्मों के असफल होने की क्या है वजह ?
आमिर की लाल सिंह चड्ढा और अक्षय की रक्षा बंधन 11 अगस्त को रिलीज हुईं थीं. 180 करोड़ के बजट में बनी लाल सिंह चड्ढा का पहले दिन का कलेक्शन 11 करोड़, तो वहीं 70 करोड़ में बनी रक्षा बंधन का पहले दिन का कलेक्शन 8.2 करोड़ था. पाचवें दिन तक आमिर की लाल सिंह का कलेक्शन 46 करोड़ और अक्षय की रक्षा बंधन का 35 करोड़ रहा. एक अनुमान के मुताबिक आमिर खान की फिल्म को करीब 100 करोड़ और अक्षय की फिल्म रक्षा बंधन को 20 करोड़ का नुकसान हो सकता है
कंटेंट में दम नहीं
'बॉलीवुड हंगामा' से बातचीत में ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श कहते हैं कि अगर ठग्स ऑफ हिंदोस्तान का उदाहरण लें, तो इसने पहले दिन 50 करोड़ रूपये कमाए, लेकिन लाल सिंह चड्डा अपनी रिलीज के पहले दिन से ही संघर्ष कर रही है, जो दर्शाता है कि फिल्म के कंटेंट में बहुत गड़बड़ है. यहां फिल्म का कंटेंट बहुत कमजोर है,जिसने फिल्म को संकट में डाला है. खासतौर से सेकंड हाफ में फिल्म कई लोगों को बोर कर रही है. तरण कहते हैं कि आमिर को फिल्मों को लेकर कहीं न कहीं दोबारा सोचने और खुद के अंदर झांकने की जरूरत है.
वहीं फिल्म रक्षा बंधन के असफल होने की बात करें, तो लोगों का कहना है कि रक्षा बंधन की कहानी घिसे-पिटे फॉर्मूला यानी दहेज प्रथा और एक भाई का बहनों की शादी को लेकर किए जाने वाला संघर्ष पर बेस्ड है,जो कई बार पहले कई फिल्मों में दिखाया जा चुका है.
क्लैश होगा, बिजनस बंटेगा
ट्रेड एनालिस्ट अतुल मोहन कहते हैं लाल सिंह चड्ढा थोड़ी स्लो फिल्म है और यह फॉरेस्ट गम्प से भी लंबी है. पिक्चर स्लो हो तो उसे दो घंटे देखना भी मुश्किल होता है. ऐसे में 2 घंटे 45 मिनट की फिल्म को पब्लिक कैसे देखेगी? ऐसे में यह कह सकते हैं कि इस फिल्म को बनाने का निर्णय ही गलत था. 'बॉलीवुड हंगामा' से बातचीत करते हुए अतुल मोहन कहते हैं, 'मेरा ऐसा मानना है कि जहां भी क्लैश होगा, बिजनस तो बंटेगा ही. यदि यही रक्षा बंधन सोलो रिलीज होती तो यह हर दिन 4-5 करोड़ रुपये अधिक कमाती.
OTT ने किया बेड़ा गर्क
बिजनस एनालिस्ट गिरीश जौहर कहते हैं 'ओटीटी ने भी चीजों को नुकसान पहुंचाया. अगर फिल्म अच्छी नहीं चल रही है, तो दर्शक मूवी टिकट पर खर्च करने के बजाय 4 सप्ताह तक इंतजार करना पसंद करते हैं. हालांकि अब इस 4 हफ्ते के इंतजार को बढ़ाकर आठ सप्ताह कर दिया गया है, लेकिन यह बात भी शायद अभी तक दर्शकों तक ठीक से पहुंची नहीं है
बायकॉट की मांग
लाल सिंह चड्ढा और रक्षाबंधन दोनों को बहिष्कार का भी सामना करना पड़ा है. हिंदुत्वा ब्रिगेड का एक धड़ा लाल सिंह चड्ढा का विरोध कर रहा है और सोशल मीडिया पर बाकायदा मुहिम चला रहा है. वजह है आमिर का एक पुराना बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी तब की पत्नी ने कहा था कि उन्हें इस देश में डर लगता है.
उधर रक्षा बंधन का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि फिल्म की राइटर कनिका ढिल्लों ने सीएए प्रोटेस्ट के समय ट्वीट किया था कि - कागज नहीं दिखाएंगे.
हालांकि ये पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि बहिष्कार की इन अपीलों का ही असर है कि फिल्में नहीं चल रही हैं.
अक्षय कुमार ने लगाई फ्लॉप की हैट्रिक
बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार साल में कई फिल्मों के लिए जाने जाते हैं. अक्षय की फिल्म किसी न किसी मुद्दे पर आधारित होती है, लेकिन साल के 8वें महीने तक अक्षय की तीन फिल्में रिलीज हुई हैं, और तीनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुईं हैं. पहली फिल्म 'बच्चन पांडे' और दूसरी फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' ज्यादा कमाल नहीं दिखा सकी थी. अब इस कड़ी में तीसरी फिल्म 'रक्षाबंधन' भी जुड़ने जा रही है.
इस बीच साउथ की फिल्में लगातार नॉर्थ में भी अच्छा परफॉर्म कर रही हैं.
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