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रिव्यू: ‘स्ट्रीट डांसर 3D’ में सिर्फ डांस है, कहानी नहीं 

स्ट्रीट डांसर 3D का मूवी रिव्यू

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Street Dancer 3D

रिव्यू: ‘स्ट्रीट डांसर 3D’ में सिर्फ डांस है, कहानी नहीं

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क्या आपने एबीसीडी और एबीसीडी 2 देखी है? अलग-अलग तरह के डांस रियलिटी शो पर ईमानदारी से बनाई गई फिल्म? फिर 'स्ट्रीट डांसर' से की जरूरत क्यों? वो भी 3डी में? एक निर्देशक के तौर पर रेमो डिसूजा की इस ताजा पेशकश में वरुण धवन और श्रद्धा कपूर लंदन में डांस कर रहे हैं. दोनों अलग-अलग टीमों में हैं और एक-दूसरे के धुर-विरोधी हैं. सहज एक भारतीय और इनायत एक पाकिस्तानी है, और अन्ना उर्फ प्रभु देवा का रेस्तरां उनका मीटिंग पॉइंट है. अपने डांस फॉर्म को दिखाने से लेकर झगड़े में शामिल होने तक, इस रेस्तरां में यह सब कुछ दिखता है.

एक मशहूर कोरियोग्राफर द्वारा डांस पर बनाए गए एक फिल्म में प्रभु देवा का होना केवल स्वाभाविक ही लगता है. वरुण और श्रद्धा दोनों ही बेहतरीन डांसर के तौर पर जाने जाते हैं. इसके अलावा इस फिल्म में कुछ जाने-माने चेहरे भी हैं जिन्हें हमने डांस रिएलिटी शो में दखा है, जैसे- धर्मेश येलांदे, पुनीत पाठक और सलमान युसुफ खान. फिल्म में नोरा फतेही जैसी बहतरीन डांसर की मौजूदगी भी अच्छी है. लेकिन फिल्म में उन्हें पूरी तरह से दरकिनार किया गया है और उनका ट्रैक पूरी तरह से गड़बड़ा गया है.

फिल्म में डांस बहुत बढ़िया है, हालांकि इसमें ऐसा ज्यादा कुछ नहीं है, जिसे हमने रीमिक्स के साथ पहले देखा या सुना नहीं है. लेकिन कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि प्रभुदेवा को ‘मुकाबला 2.0’ में देखने के लिए कोई भी नहीं थकता है.  

अब डील ये है कि इन व्यक्तिगत डांस फॉर्म्स को एक साथ पेश करने के लिए हमें कोई कहानी चाहिए, जिसमें इन सबको एक साथ बांधा जा सके. और यहीं पर फिल्म मात खा जाती है. तेजतर्रार डायलॉग्स से लेकर मेलोड्रामा तक हमें सब कुछ मिलता है, सिवाय कहानी के. फिल्म में अवैध प्रवासियों की बदहाली का मुद्दा भी है. फिल्म में पगड़ी पहने अपारशक्ति खुराना भी मौजूद हैं.

फिल्म में एक प्रतिष्ठित डांस कम्पिटिशन के बीच जीत की जद्दोजेहद है. बहुत सारे डायलॉग्स और हर्टब्रेक्स के बाद चीजें कमजोर पड़ने लगती हैं. ढाई घंटे के की फिल्म में हम ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि 'ये क्या हो रहा है?

हम इंटरवल से पहले अच्छी तरह से समझ जाते हैं कि क्या होने वाला है. हालांकि सबसे दुखद बात ये है कि फिल्म में नोरा फतेही को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है.

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