जानी-मानी फिल्म निर्माता और फिल्म इतिहासकार विजया मुले का 98 साल की आयु में निधन हो गया. विजया ने ‘ 'एक, अनेक और एकता' जैसी चर्चित एनिमेशन डॉक्यूमेंट्री से देश-दुनिया में काफी नाम कमाया था. 16 मई, 1921 को जन्मी विजया मुले ने 19 मई को दिल्ली में अंतिम सांस ली.
विजया ने ‘द टाइडल बोर’ से अपने निर्देशन की शुरुआत की थी. इसके निर्माण में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे और लुइस मल्ले ने उनकी मदद की थी. फिल्म को मैनहेम फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था.
1974 में बनाई गई उनकी डॉक्यूमेट्री 'एक अनेक और एकता' बहुत ही आसान भाषा में एकता का संदेश देने वाली डॉक्यूमेंट्री है. इसके गाने ‘एक चिड़िया, अनेक चिड़िया’ के माध्यम से एकता की अहमियत को समझाने की कोशिश की गई है. डॉक्यूमेंट्री की लोकप्रियता इतनी है कि 40 साल बाद भी लोग इसे उसी उत्साह से देखते और सराहते हैं.
ये डॉक्यूमेंट्री दूरदर्शन के इतिहास की कालजयी प्रस्तुति बनी और इसका गीत 'एक चिड़िया - अनेक चिड़िया' एक पूरी पीढ़ी के लिए प्रेरणा थी.
'एक, अनेक और एकता' के लिए मुले को 1975 में बेस्ट एजुकेशनल फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था. इसके अलावा उन्हें सिनेमा पर लिखे किताब के लिए भी 2011 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला.
1959 में मुले ने दिल्ली फिल्म सोसाइटी की स्थापना की. 1960 के दशक में वे फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटीज की संयुक्त सचिव भी थीं. 70 के दशक के बाद उन्होंने सेंटर फॉर एजुकेशनल टेक्नोलॉजी के लिए शिक्षा से जुड़ी कई फ़िल्में बनाईं जिन्हें चार भाषाओं में 2400 गांवों में प्रसारित किया गया.
विजया मुले को भारत सरकार ने 2002 में डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए वी शांताराम लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा था. मुले को फिल्मों और शिक्षा पर काम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार तो मिले ही थे, इसके अलावा उनके काम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी सराहा गया था.
विजया मुले की बेटी और अभिनेत्री सुहासिनी मुले का कहना है कि उनकी मां पर बढ़ती उम्र का कोई का असर नहीं हुआ. 98 साल की उम्र में भी उन्हें कोई बीमारी नहीं थी.
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