मिर्जापुर में एक सीन हैं, जहां एक गुंडे का बेटा क्लास में घुसता है और दूसरे लड़के को इसलिए पीटता है, क्योंकि वो इसके खिलाफ कॉलेज के चुनाव में खड़ा होता है. इस दौरान क्लास में खड़ा टीचर पहले चुपचाप खड़ा होता है और फिर बाद में क्लास से बोलता है, ''अरे कोई पार्टी चल रही है क्या, पढ़ो!''
ऐसे ही सीन से अमेजन प्राइम की इंडियन ओरिजनल सीरीज भरी पड़ी है, जहां गुंडागर्दी और मारधाड़ है. हममे से ज्यादातर ने ऐसे सींस पहले भी देखें होंगे.
क्राइम और पॉलिटिक्स पर आधारित इस सीरीज में पंकज त्रिपाठी, अली फजल, विक्रांत मेस्सी, दिव्येंदु शर्मा, रसिका दुग्गल और श्वेता त्रिपाठी अहम रोल में हैं.
पंकज त्रिपाठी का रोल काफी क्रूर है, लेकिन सीरीज में उनके बेटे दिव्येंदु शर्मा यानी मुन्ना को भी कम बेरहम नहीं दिखाया गया है. वहीं, अली फजल और विक्रांत मेस्सी एक ईमानदार और साहसी वकील पंडित के मासूम बेटे बने हैं. इनकी जिंदगी तब बदल जाती है, जब पंडित मुन्ना के खिलाफ केस लेने का फैसला करते हैं.
मुझे कहना पड़ेगा कि मुझे इतनी हिंसा और मारधाड़ पंसद तो नहीं, लेकिन ये सीरीज इसी से भरपूर है. मुझे इसमें एक छोटे शहर में ताकत की जंग और सीरीज में दिखाए गए जबरदस्त डायलॉग भा गए. जैसे एक सीन है, जब पुलिसवाला त्रिपाठी के बेटी की हरकतों को बताने के लिए उसके घर पहुंचता है और हिचकिचाते हुए कहता है, ''सर, आपके दर्शन चाहिए थे.'' तो इस पर त्रिपाठी कहता है, ''क्यों मैं देवता हूं.''
इसी तरह एक और सीन है, जिसमें त्रिपाठी का सामना अली फजल (पंडित का बेटा) से होता है. त्रिपाठी अली को कह ही रहा होता है कि क्या उसे अपने परिवार की फिक्र नहीं है. इतने में सामने से अली का जवाब आता है, ''आपका मुन्ना हमारे घर पर आकर, वापस जिंदा नहीं आया तो?''
पंकज त्रिपाठी का काम बेहतरीन है. उन्हें देखकर डर लगेगा, लेकिन आप उन्हें और देखना चाहेंगे. दिव्येंदु शर्मा भी आतंक मचाते नजर आते हैं. अपने गुस्से और हिंसा को उन्होंने बहुत अच्छे से दिखाया है.
शुरू के दो एपिसोड्स में हमें महिलाओं का किरदार ज्यादा देखने को नहीं मिलता. रसिका दुग्गल सीरीज में त्रिपाठी की पत्नी बनी हैं और श्वेता त्रिपाठी एक कॉलेज स्टूडेंट है. इस सबके रोल अभी आना बाकी हैं. विक्रांत और अली अपने रोल में बिलकुल फिट बैठते हैं. उनको देखर लगेगा कि ये मासूम कहां इस बवाल में फंस गए.
मिर्जापुर की कास्ट और स्टोरीटेलिंग दोनों ही जबरदस्त हैं. सीरीज में बंदूकें, खून, मर्डर और गैंगस्टर सब कुछ है. आप चाहें इसकी फाइन डीटेल के लिए इसे देख सकते हैं या फिर सिर्फ ड्रामा के लिए भी इसे पसंद कर सकते हैं.
(ये रिव्यू मिर्जापुर के पहले दो एपिसोड देखकर लिखा गया है. मिर्जापुर 16 नवंबर को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी.)
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