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Air Turbulence: गंभीर एयर टर्बुलेंस कितना है खतरनाक, जानें विमान में रखी जाने वाली सावधानी

Flight Turbulence: हवाई जहाज को गंभीर से गंभीर एयर टर्बुलेंस को ध्यान में रख कर बनाया जाता है पर टर्बुलेंस आने पर क्या करें?

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Health Problems Related To Flight Turbulence: 21 मई, मंगलवार को लंदन से सिंगापुर जा रही सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) 'बोइंग 777' के भयानक एयर टर्बुलेंस (Air Turbulence) का सामना करने के बाद एक बार फिर इसे लेकर चिंताएं सामने आ रही हैं.

हालांकि, हवाई जहाज को गंभीर से गंभीर एयर टर्बुलेंस को ध्यान में रख कर बनाया जाता है और ये भी कहा जाता है कि एयर टर्बुलेंस के कारण एयर क्राफ्ट को कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंच सकता है.

पर जब सिंगापुर एयरलाइंस में हुई घटना जैसी कोई खबर आती है या जब हम खुद प्लेन में बैठे हजारों फीट ऊपर आसमान में हिलने और झटके खाने लगते हैं तो हाथ-पैर ठंडे पड़ जाते हैं, दिल की धड़कन तेज हो जाती है और मन आशंकाओं से भर जाता है.

ऐसे में आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि क्या गंभीर एयर टर्बुलेंस की वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है? गंभीर एयर टर्बुलेंस के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं क्या हैं? इस दौरान तुरंत मिलने वाली फर्स्ट एड क्या हैं? फ्लाइट में गंभीर एयर टर्बुलेंस आने पर क्या सावधानी बरतें? और गंभीर एयर टर्बुलेंस के दौरान बुजुर्ग, बच्चे और प्रेगनेंट महिला को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

Air Turbulence: गंभीर एयर टर्बुलेंस कितना है खतरनाक, जानें विमान में रखी जाने वाली सावधानी

  1. 1. क्या गंभीर एयर टर्बुलेंस की वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है?

    डॉ. निशिथ चंद्रा बताते हैं कि वैसे तो एयर टर्बुलेंस की वजह से सीधे तौर पर हार्ट अटैक की समस्या नहीं होती है. हालांकि, कुछ यात्रियों को टर्बुलेंस के दौरान तनाव और घबराहट की शिकायत होने से हृदय संबंधी समस्या बढ़ सकती है.

    फिट हिंदी से डॉ. योगेन्द्र सिंह राजपूत उन लोगों में रिस्क ज्यादा होने की बात कहते हैं जो पहले से हार्ट की किसी बीमारी के शिकार हैं या जो बीपी के मरीज हैं.

    "गंभीर टर्बुलेंस के कारण अचानक लग रहे तेज धक्के, घबराहट और स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं. इससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. इसके अलावा, अगर यात्री को पहले से ही कोरोनरी आर्टरी डिजीज है तो टर्बुलेंस के दौरान तनाव से हार्ट अटैक का खतरा और बढ़ जाता है."
    डॉ. नीति चढ़ा नेगी, सीनियर कंसल्टेंट- कार्डियोलॉजी और हेड- कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी यूनिट, मेट्रो हॉस्पिटल, फरीदाबाद
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  2. 2. गंभीर टर्बुलेंस के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं क्या हैं?

    एक्सपर्ट्स गंभीर टर्बुलेंस के दौरान कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स होने की बात कहते हैं.

    "⁠गंभीर टर्बुलेंस की स्थिति में उन लोगों को ज्यादा खतरा होता है जो सीटबेल्ट नहीं पहने होते हैं."
    डॉ. नीति चढ़ा नेगी, सीनियर कंसल्टेंट- कार्डियोलॉजी और हेड- कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी यूनिट, मेट्रो हॉस्पिटल, फरीदाबाद

    डॉ. योगेन्द्र सिंह राजपूत कहते हैं कि गंभीर टर्बुलेंस या एक्सट्रीम टर्बुलेंस, प्लेन में जब भी होती है तो लोगों का ब्लड प्रेशर और पल्स रेट काफी बढ़ जाता है.

    वहीं फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ. निशिथ चंद्रा फिट हिंदी से गंभीर टर्बुलेंस की वजह से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में बताते हुए कहते हैं कि फ्लाइट टर्बुलेंस की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि:

    • चोटें: गिरने और गिरती हुई चीजों से टकराने की वजह से खिंचाव, हड्डियों का टूटना या सिर में चोट जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

    • मोशन सिकनेस: टर्बुलेंस की वजह से जी मिचलाने, उल्टी आने और चक्कर आने जैसी समस्याएं गंभीर हो सकती हैं.  

    • घबराहट: टर्बुलेंस के कारण घबराहट बढ़ सकती है या पैनिक अटैक भी आ सकते हैं. 

    • मौजूदा समस्याओं का गंभीर हो जाना: टर्बुलेंस की वजह से दिल या सांस संबंधी परेशानियां और भी बढ़ सकती हैं.  

    • डिहाइड्रेशन: टर्बुलेंस के दौरान होने वाले सर्विस सस्पेंशन की वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है.  

    • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या: धक्का-मुक्की होने की वजह से पेट में ऐंठन और अपच जैसी समस्या हो सकती है.

    इस तरह की समस्याएं ज्यादातर एक्सट्रीम टर्बूलेंस के दौरान महसूस होती हैं.

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  3. 3. टर्बुलेंस के दौरान तुरंत मिलने वाली फर्स्ट एड क्या हैं?

    गंभीर टर्बुलेंस या एक्सट्रीम टर्बुलेंस होने पर अगर किसी यात्री को एंजायटी, स्ट्रेस या पैनिक अटैक का एपिसोड होता है तो सबसे पहले उन्हें शांत करना चाहिए. उन्हें प्रॉपर सीट बेल्ट लगा कर रखना चाहिए और अगर यात्री रिस्पांस न दे तो सीपीआर देना चाहिए. ऐसे में तुरंत प्लेन में मेडिकल अस्सिटेंस के लिए कॉल करना चाहिए ताकि अगर प्लेन में कोई भी डॉक्टर मौजूद है तो वह मदद कर सके.

    "प्लेन में ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफब्रिलेटर (AED) की सुविधा होती है जिससे हम शौक (shock) देखकर मरीज की जान बचा सकते हैं. इस तरह की फर्स्ट एड की सुविधा हमेशा प्लेन में मौजूद होनी चाहिए."
    डॉ. योगेन्द्र सिंह राजपूत, सीनियर कंसलटेंट- कार्डियोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम

    डॉ. निशिथ चंद्रा गंभीर एयर टर्बुलेंस में हेल्थ प्रॉब्लम होने पर मिलने वाली फर्स्ट एड में इन बातों के शामिल होने की बात कहते हैं:

    • चोटें, खिंचाव/हड्डी में टूट: स्थिरता रखें, कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करें.  

    • सिर में चोट: स्थिर रहें, निगरानी करें, सिर और गर्दन को सपोर्ट दें, घावों पर फ्लाइट में मौजूद एंटीसेप्टिक और पट्टी लगाएं, लैंड होने पर मदद लें.

    • मोशन सिकनेस: स्थिर होकर बैठें, एक बिंदु की ओर ध्यान केंद्रित करें, पानी पियें, गहरी सांसें लें.

    • घबराहट: शांति से बात करें, गहरी सांसें लें, ध्यान बंटाने की कोशिश करें.

    • पहले से मौजूद समस्याएं (दिल) : शांति रखें, अगर उपलब्ध हो तो दवा का इस्तेमाल करें.

    • सांस संबंधी समस्या: इनहेलर की मदद लें, आराम से सांस लें.

    • डिहाइड्रेशन: कुछ घूंट पानी पियें.

    • उल्टी आना: फ्लाइट में मौजूद सिक बैग का प्रयोग करें, मदद लें, हाइड्रेशन बढ़ाने की कोशिश करें.

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  4. 4. फ्लाइट में क्या सावधानी बरतें?

    एयर टर्बुलेंस होने पर सभी यात्री को कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए खास कर दिल के मरीजों को ताकि उन्हें तनाव न हो और वे किसी भी स्थिति से निपट सकें. दिल से जुड़ी समस्या से ग्रस्त मरीज एक्सपर्ट्स के बताए गए इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं:

    • डॉक्टर से सलाह लें: उड़ान से पहले, दिल की बीमारी के मरीज को अपनी यात्रा की योजनाओं को लेकर अपने डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए ताकि वे बेहतर सलाह दे सकें और यह पक्का किया जा सके कि यात्रा करना आपके लिए सुरक्षित है.

    • ⁠दवाएं: हर तरह की जरूरी दवाएं अपने साथ रखें. इनमें अपने साथ ले जाने वाले सामान में हृदय रोग संबंधी दवाएं भी रखें. फ्लाइट के दौरान अगर इन दवाओं की जरूरत पड़े तो ये दवाएं आपके आसपास ही होनी चाहिए.

    • सीट बेल्ट पहनें: गंभीर टर्बुलेंस के दौरान सुरक्षित रहने के लिए हमेशा सीटबेल्ट पहने रखें.

    अपने आसपास के ढीले सामान को ठीक से रखें ताकि वे हिलकर चोट न पहुंचाएं.
    • सीट पर बैठें रहें: सीट से उठने या केबिन में घूमने से बचें जब तक कि स्थिति सामान्य न हो जाए.

    • शांति से रहें: डीप ब्रिदिंग, मेडिटेशन जैसी सुकून देने वाली तकनीकों की प्रैक्टिस करें या सुकून देने वाला म्यूजिक सुनें ताकि टर्बुलेंस के दौरान होने वाले स्ट्रेस से बचा जा सके.

    • हाइड्रेशन: हाइड्रेशन का सही लेवल बनाए रखने के लिए भरपूर पानी पिएं. अधिक मात्रा में कैफीन और एल्कोहॉल पीने से बचें क्योंकि इनकी वजह से हार्ट रेट बढ़ता है.

    • बैठने की आरामदायक व्यवस्था: ऐसी सीट चुनें जो आरामदायक हो और आने-जाने में कोई दिक्कत न हो.   

    • कंप्रेशन स्टॉकिंग्स: खून का प्रवाह बेहतर करने के लिए और लंबी फ्लाइट के दौरान खून के थक्के जमने के खतरे को कम करने के लिए कंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनने के बारे में सोचें.  

    • आपातकालीन लिस्ट: अपनी मेडिकल लिस्ट के साथ एक कार्ड अपने पास रखें जिसमें आपकी स्थिति, दवाओं और आपातकालीन संपर्क के बारे में जानकारी लिखी हो ताकि जरूरत के समय उसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सके.

    • क्रू सदस्यों के निर्देशों का पालन करें: फ्लाइट के क्रू के सदस्यों के निर्देशों पर ध्यान दें और उनका पालन करें.

    "क्रू सदस्यों को फ्लाइट के भीतर होने वाली किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ट्रेन किया जाता है और वे समय पर मदद कर सकते हैं."
    डॉ. निशिथ चंद्रा, प्रिंसिपल डायरेक्टर, इंटरवेशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला रोड, नई दिल्ली

    इन सभी सावधानियों पर गौर करके, दिल से जुड़ी बीमारी से पीड़ित मरीज अपनी तबियत ठीक रख सकते हैं और हवाई यात्रा के दौरान होने वाली किसी भी मुश्किल के खतरे को कम कर सकते हैं.

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  5. 5. गंभीर टर्बुलेंस के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

    हवाई जहाज में सफर करने वाले बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं और कोमोर्बिडिटीज वाले लोगों को खास ध्यान रखना चाहिए. गंभीर टर्बुलेंस के दौरान जोखिम का सामना कर रहे यात्रियों के लिए सलाह:

    बच्चे

    • पक्का करें कि बच्चा सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें.

    • बच्चों का ध्यान बंटाकर उन्हें बैठाए रखें.

    • उन्हें पूरा भरोसा दें.

    गर्भवती महिलाएं

    • पेट के निचले हिस्से की तरफ सीटबेल्ट लगाएं.

    • हाइड्रेटेड रहें.

    • कम से कम एक्टिविटी करें.

    को-मॉर्बिड मरीज

    • दवाओं को आसपास रखें.

    • सीट बेल्ट बांधकर बैठे रहें.  

    • किसी भी तरह की मेडिकल जरूरत के बारे में क्रू के सदस्यों को बताएं.

    (क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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क्या गंभीर एयर टर्बुलेंस की वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है?

डॉ. निशिथ चंद्रा बताते हैं कि वैसे तो एयर टर्बुलेंस की वजह से सीधे तौर पर हार्ट अटैक की समस्या नहीं होती है. हालांकि, कुछ यात्रियों को टर्बुलेंस के दौरान तनाव और घबराहट की शिकायत होने से हृदय संबंधी समस्या बढ़ सकती है.

फिट हिंदी से डॉ. योगेन्द्र सिंह राजपूत उन लोगों में रिस्क ज्यादा होने की बात कहते हैं जो पहले से हार्ट की किसी बीमारी के शिकार हैं या जो बीपी के मरीज हैं.

"गंभीर टर्बुलेंस के कारण अचानक लग रहे तेज धक्के, घबराहट और स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं. इससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. इसके अलावा, अगर यात्री को पहले से ही कोरोनरी आर्टरी डिजीज है तो टर्बुलेंस के दौरान तनाव से हार्ट अटैक का खतरा और बढ़ जाता है."
डॉ. नीति चढ़ा नेगी, सीनियर कंसल्टेंट- कार्डियोलॉजी और हेड- कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी यूनिट, मेट्रो हॉस्पिटल, फरीदाबाद
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गंभीर टर्बुलेंस के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं क्या हैं?

एक्सपर्ट्स गंभीर टर्बुलेंस के दौरान कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स होने की बात कहते हैं.

"⁠गंभीर टर्बुलेंस की स्थिति में उन लोगों को ज्यादा खतरा होता है जो सीटबेल्ट नहीं पहने होते हैं."
डॉ. नीति चढ़ा नेगी, सीनियर कंसल्टेंट- कार्डियोलॉजी और हेड- कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी यूनिट, मेट्रो हॉस्पिटल, फरीदाबाद

डॉ. योगेन्द्र सिंह राजपूत कहते हैं कि गंभीर टर्बुलेंस या एक्सट्रीम टर्बुलेंस, प्लेन में जब भी होती है तो लोगों का ब्लड प्रेशर और पल्स रेट काफी बढ़ जाता है.

वहीं फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ. निशिथ चंद्रा फिट हिंदी से गंभीर टर्बुलेंस की वजह से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में बताते हुए कहते हैं कि फ्लाइट टर्बुलेंस की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि:

  • चोटें: गिरने और गिरती हुई चीजों से टकराने की वजह से खिंचाव, हड्डियों का टूटना या सिर में चोट जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

  • मोशन सिकनेस: टर्बुलेंस की वजह से जी मिचलाने, उल्टी आने और चक्कर आने जैसी समस्याएं गंभीर हो सकती हैं.  

  • घबराहट: टर्बुलेंस के कारण घबराहट बढ़ सकती है या पैनिक अटैक भी आ सकते हैं. 

  • मौजूदा समस्याओं का गंभीर हो जाना: टर्बुलेंस की वजह से दिल या सांस संबंधी परेशानियां और भी बढ़ सकती हैं.  

  • डिहाइड्रेशन: टर्बुलेंस के दौरान होने वाले सर्विस सस्पेंशन की वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है.  

  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या: धक्का-मुक्की होने की वजह से पेट में ऐंठन और अपच जैसी समस्या हो सकती है.

इस तरह की समस्याएं ज्यादातर एक्सट्रीम टर्बूलेंस के दौरान महसूस होती हैं.

टर्बुलेंस के दौरान तुरंत मिलने वाली फर्स्ट एड क्या हैं?

गंभीर टर्बुलेंस या एक्सट्रीम टर्बुलेंस होने पर अगर किसी यात्री को एंजायटी, स्ट्रेस या पैनिक अटैक का एपिसोड होता है तो सबसे पहले उन्हें शांत करना चाहिए. उन्हें प्रॉपर सीट बेल्ट लगा कर रखना चाहिए और अगर यात्री रिस्पांस न दे तो सीपीआर देना चाहिए. ऐसे में तुरंत प्लेन में मेडिकल अस्सिटेंस के लिए कॉल करना चाहिए ताकि अगर प्लेन में कोई भी डॉक्टर मौजूद है तो वह मदद कर सके.

"प्लेन में ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफब्रिलेटर (AED) की सुविधा होती है जिससे हम शौक (shock) देखकर मरीज की जान बचा सकते हैं. इस तरह की फर्स्ट एड की सुविधा हमेशा प्लेन में मौजूद होनी चाहिए."
डॉ. योगेन्द्र सिंह राजपूत, सीनियर कंसलटेंट- कार्डियोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम

डॉ. निशिथ चंद्रा गंभीर एयर टर्बुलेंस में हेल्थ प्रॉब्लम होने पर मिलने वाली फर्स्ट एड में इन बातों के शामिल होने की बात कहते हैं:

  • चोटें, खिंचाव/हड्डी में टूट: स्थिरता रखें, कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करें.  

  • सिर में चोट: स्थिर रहें, निगरानी करें, सिर और गर्दन को सपोर्ट दें, घावों पर फ्लाइट में मौजूद एंटीसेप्टिक और पट्टी लगाएं, लैंड होने पर मदद लें.

  • मोशन सिकनेस: स्थिर होकर बैठें, एक बिंदु की ओर ध्यान केंद्रित करें, पानी पियें, गहरी सांसें लें.

  • घबराहट: शांति से बात करें, गहरी सांसें लें, ध्यान बंटाने की कोशिश करें.

  • पहले से मौजूद समस्याएं (दिल) : शांति रखें, अगर उपलब्ध हो तो दवा का इस्तेमाल करें.

  • सांस संबंधी समस्या: इनहेलर की मदद लें, आराम से सांस लें.

  • डिहाइड्रेशन: कुछ घूंट पानी पियें.

  • उल्टी आना: फ्लाइट में मौजूद सिक बैग का प्रयोग करें, मदद लें, हाइड्रेशन बढ़ाने की कोशिश करें.

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फ्लाइट में क्या सावधानी बरतें?

एयर टर्बुलेंस होने पर सभी यात्री को कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए खास कर दिल के मरीजों को ताकि उन्हें तनाव न हो और वे किसी भी स्थिति से निपट सकें. दिल से जुड़ी समस्या से ग्रस्त मरीज एक्सपर्ट्स के बताए गए इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं:

  • डॉक्टर से सलाह लें: उड़ान से पहले, दिल की बीमारी के मरीज को अपनी यात्रा की योजनाओं को लेकर अपने डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए ताकि वे बेहतर सलाह दे सकें और यह पक्का किया जा सके कि यात्रा करना आपके लिए सुरक्षित है.

  • ⁠दवाएं: हर तरह की जरूरी दवाएं अपने साथ रखें. इनमें अपने साथ ले जाने वाले सामान में हृदय रोग संबंधी दवाएं भी रखें. फ्लाइट के दौरान अगर इन दवाओं की जरूरत पड़े तो ये दवाएं आपके आसपास ही होनी चाहिए.

  • सीट बेल्ट पहनें: गंभीर टर्बुलेंस के दौरान सुरक्षित रहने के लिए हमेशा सीटबेल्ट पहने रखें.

अपने आसपास के ढीले सामान को ठीक से रखें ताकि वे हिलकर चोट न पहुंचाएं.
  • सीट पर बैठें रहें: सीट से उठने या केबिन में घूमने से बचें जब तक कि स्थिति सामान्य न हो जाए.

  • शांति से रहें: डीप ब्रिदिंग, मेडिटेशन जैसी सुकून देने वाली तकनीकों की प्रैक्टिस करें या सुकून देने वाला म्यूजिक सुनें ताकि टर्बुलेंस के दौरान होने वाले स्ट्रेस से बचा जा सके.

  • हाइड्रेशन: हाइड्रेशन का सही लेवल बनाए रखने के लिए भरपूर पानी पिएं. अधिक मात्रा में कैफीन और एल्कोहॉल पीने से बचें क्योंकि इनकी वजह से हार्ट रेट बढ़ता है.

  • बैठने की आरामदायक व्यवस्था: ऐसी सीट चुनें जो आरामदायक हो और आने-जाने में कोई दिक्कत न हो.   

  • कंप्रेशन स्टॉकिंग्स: खून का प्रवाह बेहतर करने के लिए और लंबी फ्लाइट के दौरान खून के थक्के जमने के खतरे को कम करने के लिए कंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनने के बारे में सोचें.  

  • आपातकालीन लिस्ट: अपनी मेडिकल लिस्ट के साथ एक कार्ड अपने पास रखें जिसमें आपकी स्थिति, दवाओं और आपातकालीन संपर्क के बारे में जानकारी लिखी हो ताकि जरूरत के समय उसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सके.

  • क्रू सदस्यों के निर्देशों का पालन करें: फ्लाइट के क्रू के सदस्यों के निर्देशों पर ध्यान दें और उनका पालन करें.

"क्रू सदस्यों को फ्लाइट के भीतर होने वाली किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ट्रेन किया जाता है और वे समय पर मदद कर सकते हैं."
डॉ. निशिथ चंद्रा, प्रिंसिपल डायरेक्टर, इंटरवेशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला रोड, नई दिल्ली

इन सभी सावधानियों पर गौर करके, दिल से जुड़ी बीमारी से पीड़ित मरीज अपनी तबियत ठीक रख सकते हैं और हवाई यात्रा के दौरान होने वाली किसी भी मुश्किल के खतरे को कम कर सकते हैं.

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गंभीर टर्बुलेंस के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

हवाई जहाज में सफर करने वाले बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं और कोमोर्बिडिटीज वाले लोगों को खास ध्यान रखना चाहिए. गंभीर टर्बुलेंस के दौरान जोखिम का सामना कर रहे यात्रियों के लिए सलाह:

बच्चे

  • पक्का करें कि बच्चा सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें.

  • बच्चों का ध्यान बंटाकर उन्हें बैठाए रखें.

  • उन्हें पूरा भरोसा दें.

गर्भवती महिलाएं

  • पेट के निचले हिस्से की तरफ सीटबेल्ट लगाएं.

  • हाइड्रेटेड रहें.

  • कम से कम एक्टिविटी करें.

को-मॉर्बिड मरीज

  • दवाओं को आसपास रखें.

  • सीट बेल्ट बांधकर बैठे रहें.  

  • किसी भी तरह की मेडिकल जरूरत के बारे में क्रू के सदस्यों को बताएं.

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