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Dengue Cases: दिल्ली में बढ़ रहे हैं डेंगू के केस, कैसे करें अपना बचाव?

डेंगू का कोई 'इलाज' नहीं है लेकिन कुछ चीजें हैं, जो आप रोकथाम के लिए कर सकते हैं.

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देश में बढ़ते डेंगू के मामलों ने चिंता का माहौल बनाना शुरू कर दिया है. राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामले लगातार बढ रहे हैं. सोमवार को जारी एक रिपोर्ट मुताबिक दिल्ली में अक्टूबर में डेंगू के 1,200 से अधिक मामले सामने आए हैं,. 26 अक्टूबर तक दर्ज किए गए 1,238 मामले इस साल दर्ज किए गए डेंगू के कुल मामलों के आधे से अधिक हैं.

हर साल मानसून के खत्म होने के साथ डेंगू और मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियां फैलने लगती हैं. वाटर लॉगिंग और नम मौसम मच्छरों के लिए अच्छा ब्रीडिंग ग्राउंड बन जाता है.

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कोलकाता में पिछले कुछ सप्ताह से हर रोज डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है और शहर में इस साल अब तक डेंगू के लगभग 2,900 मामले दर्ज किए गए हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के कुल 37 जिले डेंगू बुखार की चपेट में हैं. 14 अक्टूबर को राज्य में डेंगू के 263 नए मामले दर्ज किए गए, जिसमें अकेले पटना में इस साल दर्ज किए गए कुल संक्रमण का 77.7% हिस्सा है. डेंगू के 196 नए मामलों के साथ पटना सबसे ज्यादा प्रभावित है, जबकि सिर्फ शहर में डेंगू से संक्रमित कुल रोगियों की संख्या 3,303 हो गयी है.

उत्तराखंड के हरिद्वार जिला में भी मामलों में वृद्धि देखने के बाद हाई अलर्ट जारी किया गया.

फिट हिंदी ने देश के विभिन्न हिस्सों में डेंगू की स्थिति पर बारीकी से नजर डाली और विशेषज्ञों से जाना कि क्या है मामला.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 11 अक्टूबर, को कहा कि वेक्टर बोर्न डिजीजों के बढ़ते मामलों को देखते हुए, राजधानी के सभी अस्पतालों में सरकार ने इन बीमारियों के रोगियों के लिए 10-15% बेड आरक्षित करने को कहा है.

भारत में अभी डेंगू की स्थिति क्या है?

"अस्‍पतालों में पिछले 4 से 5 हफ्तों के दौरान डेंगू के ऐसे मामले बढ़े हैं, जिनमें डेंगू होने की आशंका है. लेकिन साथ ही, पिछले 3 से 4 चार दिनों में इन रुझानों में कुछ कमी भी दर्ज की गई है."
डॉ अजय अग्रवाल, डायरेक्‍टर एवं एचओडी, इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्‍पीटल, नोएडा

कोलकाता के फोर्टिस हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के कन्सल्टंट, डॉ दिब्येंदु मुखर्जी बताते हैं, "पिछले तीन से चार हफ्तों में, हमने वृद्धि देखी है". उन्होंने आगे कहा कि अभी उनके अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती अधिकतर रोगी, डेंगू के मरीज हैं. डॉ मुखर्जी यह भी बताते हैं कि इनमें से कई मरीजों को गंभीर बीमारी है.

"अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीजों की स्थिति गंभीर है. उनका प्लेटलेट काउंट बहुत कम होता है, कुछ को डेंगू शॉक सिंड्रोम भी हो जाता है. कभी-कभी हम मरीजों के फेफड़ों में फ्लूइड भी देख रहे हैं. ये सभी डेंगू की जटिलताएं हैं."
डॉ दिब्येंदु मुखर्जी, इंटरनल मेडिसिन कन्सल्टन्ट, फोर्टिस अस्पताल, कोलकाता

कुछ दिनों पहले फिट से बात करते हुए अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई के संक्रामक रोग विशेषज्ञ, सलाहकार डॉ लक्ष्मण जेसानी ने कहा कि हालांकि वे कुछ महीने पहले की तुलना में अब अधिक मामले देख रहे हैं, यह चिंताजनक स्थिति नहीं है. हालांकि, डॉ जेसानी यह भी कहते हैं कि वे गंभीर बीमारी और जटिलताओं वाले रोगी भी देख रहे हैं.

"हम डेंगू के कुछ मामलों ऐसे मामले देख रहे हैं, जिनमें जटिलताएं हैं - ARDS (एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) के साथ डेंगू जो फेफड़ों को प्रभावित करता है, या डेंगू शॉक सिंड्रोम जहां रोगी का बीपी बहुत कम हो जाता है, या सेकेंडरी स्टेपसिस के साथ डेंगू, या HLH (हेमोफैगोसाइटिक लिम्फोहिस्टियोसाइटोसिस) के साथ डेंगू."
डॉ लक्ष्मण जेसानी, सलाहकार, संक्रामक रोग विशेषज्ञ, अपोलो हॉस्पिटल, नवी मुंबई

दिल्ली की स्थिति के बारे में बात करते हुए, डॉ RML अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉ आदित्य चावला कहते हैं कि हालांकि मामलों में बढ़ोतरी हुई है, पर "ज्यादातर मामले माइल्ड हैं."

क्या यह स्पाइक चिंता का कारण है, या फिर हर साल की ही तरह है?

देश में डेंगू के मामलों में यह वृद्धि असामान्य नहीं है.

"पिछले कुछ वर्षों में हमने इस समय के आसपास डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी है - मानसून के ठीक बाद. इस साल भी कुछ अलग नहीं है," डॉ. मुखर्जी कहते हैं.

"हम हर साल ऐसे मामले देखते हैं. यह मानसून के बाद के महीनों में हर साल होता है," डॉ जेसानी कहते हैं.
डॉ लक्ष्मण जेसानी
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इसका मतलब है कि हम मामलों में इस तरह के पिरिऑडिक स्पाइक्स की उम्मीद कर सकते हैं. भारत में, यह स्पाइक आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के महीनों में आता है.

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हम सावधान न रहें.

डॉ मुखर्जी कहते हैं, "इस बार डेंगू के बारे में सबसे खास बात यह है कि इस बार हम व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या में गिरावट देख रहे हैं, जो पहले नहीं होता था."

उनका कहना है कि यह डेंगू के किसी नए स्ट्रेन के कारण हो सकता है.

"यह पिछले दो वर्षों से कुछ अनोखा है, क्योंकि अगर WBC की संख्या कम हो जाती है, तो मरीज को अन्य संक्रमणों का खतरा भी बढ़ जाता है."
डॉ दिब्येंदु मुखर्जी, सलाहकार आंतरिक चिकित्सा, फोर्टिस अस्पताल, कोलकाता

डॉ दिब्येंदु मुखर्जी के अनुसार उनके राज्य में इस साल डेंगू के मामलों में कई कारणों से वृद्धि हो रही है. इस साल मॉनसून लंबे समय तक चल रहा है, जिस कारण से राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. रुके हुए पानी के कारण डेंगू के संक्रमण में काफी वृद्धि हो रही है क्योंकि यह रुका हुआ पानी मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल के रूप में काम करता है, यही कारण है कि डेंगू के मामलों की लगातार वृद्धि देखी जा रही है.

डेंगू के लक्षण 

डॉ अजय अग्रवाल बताते हैं, "WHO ने डेंगू को 2 प्रमुख श्रेणियों में बांटा है: डेंगू (लक्षणों और बिना लक्षणों के साथ) तथा गंभीर डेंगू". डेंगू के लक्षण हैं ये:

  • सिर में तेज दर्द

  • आंखों की पिछली तरफ दर्द

  • मांसपेशियों में दर्द

  • जोड़ों में दर्द

  • सिर घूमना

  • उल्‍टी आना

  • रैश

डॉक्‍टरों को इन लक्षणों पर विशेष रूप से गौर करना चाहिए:

  • पेट में तेज दर्द

  • लगातार उल्टियां होना

  • तेज-तेज सांस लेना

  • मसूढ़ों या नाक से खून आना

  • थकान

  • बेचैनी

  • उल्‍टी

  • स्टूल में खून आना

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कैसे करें अपना बचाव?

"डेंगू बुखार एक वायरल बीमारी है, जो मच्छर के काटने से होती है. हम कुछ बहुत ही सरल उपायों का पालन करके खुद को डेंगू होने से बचा सकते हैं, जैसे कि मच्छरों के प्रजनन को रोकना और मच्छरों के काटने से खुद को बचाना."
डॉ रोहित कुमार गर्ग, सलाहकार, संक्रामक रोग विभाग, अमृता अस्पताल, फरीदाबाद

इंसानों के रहने के ठिकानों के आसपास मच्छर के वेक्टर के प्रजनन स्थल होने से डेंगू का खतरा काफी बढ़ जाता है. फिलहाल, डेंगू वायरस के प्रसार को रोकने का प्रमुख उपाय इन वेक्टर के प्रसार पर रोक लगाना है. इसके लिए ये उपाय आवश्यक हैं:

  • वेक्टर हॉटस्पॉट की जांच करके मच्छरों को पनपने से रोकें

  • घरों में पानी के बर्तनों को ढक कर रखें

  • कचरे को सही तरीके से डिस्पोज करें

  • गमले में लगे पौधों से जमा पानी हटाएं

  • पानी के कंटेनरों को ढंक कर और साफ रखें

  • कीटनाशकों का छिड़काव करवाएं

  • घर की खिड़कियों पर जाली लगाएं

  • मच्छर भगाने वाले साधनों का उपयोग करें

  • ऐसे कपड़े पहने जिनसे त्वचा ढकी रहे

डेंगू होने के बाद क्या सावधानियां बरतें?

डॉ अजय अग्रवाल ने फिट हिंदी से कहा, "पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें. पूरी तरह से आराम करें. अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक बार-बार प्लेटलेट्स की जांच करवाते रहें और यदि कोई भी गंभीर लक्षण दिखायी दे, प्लेटलेट्स काउंट घट जाए या पानी की कमी होने का लक्षण दिखायी दे, तो तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहिए".

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