पीरियड्स, मेन्स्ट्रूअल साइकल के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है. यह लड़कियों/महिलाओं के साथ हर महीने होने वाली शारीरिक प्राकृतिक प्रक्रिया है. लगातार दो अवधियों के बीच के अंतराल को पीरियड्स साइकल के रूप में जाना जाता है. सामान्य तौर पर, अवधि चक्र 28 दिनों का होता है, लेकिन 26-32 दिनों के बीच का भी हो सकता है.
हालांकि, कुछ लोगों को अनियमित पीरियड्स की समस्या का अनुभव होता है, जिसमें पीरियड साइकल में अक्सर तय तारीख के बाद एक हफ्ते से ज्यादा की देरी हो जाती है.
इस मामले में स्वस्थ आहार फायदेमंद हो सकता है और बिना किसी दवा या गोलियों के पीरियड्स को नियमित करने में मदद कर सकता है. यहां उन्हीं खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है, उन्हें नियमित अवधि के लिए अपने आहार में शामिल करना चाहिए.
दालचीनी
हेल्थलाइन के अनुसार, पीसीओएस (PCOS) के लक्षणों, अनियमित पीरियड्स को मैनेज करने और दर्द को दूर करने के लिए दालचीनी को एक प्रभावी घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह डिसमेनोरीया (dysmenorrhea) के लक्षणों जैसे मतली, उल्टी, दस्त को कम करने में मददगार साबित हुआ है, और मासिक धर्म चक्र को रेगुलर करने में भी मदद करता है.
दालचीनी शरीर में इंसुलिन के स्तर को मैनेज करने में मदद करती है, जो अक्सर हार्मोन और मासिक धर्म को प्रभावित करता है.
एप्पल साइडर विनेगर
पबमेड के अनुसार, एप्पल साइडर विनेगर महिलाओं में ओवुलेटरी मासिक धर्म को रेगुलर करने में मदद करता है और महिलाओं को पीसीओएस (PCOS) से निपटने में भी मदद करता है.
कुछ लोगों को सेब के सिरके के कड़वे स्वाद के कारण इसे पीना मुश्किल हो सकता है, ऐसे में आप इसमें थोड़ा पानी मिला सकते हैं और स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें शहद की कुछ बूंदें मिला सकते हैं.
एप्पल साइडर विनेगर हार्मोन को नियंत्रित करने में भी मदद करता है और एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन के बीच के असंतुलन को दूर करता है.
यह ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करने में भी मदद करता है, ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है और लगातार ओव्यूलेशन को बढ़ावा देता है.
अदरक
अपोलो क्लीनिक के अनुसार, अदरक विभिन्न बीमारियों और लक्षणों के इलाज में प्रभावी रहा है, जिसमें अनियमित पीरियड्स भी शामिल हैं.
कच्चा अदरक पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है. अदरक में जिंजरोल होता है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है, हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करता है और गर्भाशय की मांसपेशियों को सिकोड़ने में मदद करता है.
अदरक का उपयोग अनियमित पीरियड्स, मासिक धर्म में दर्द, मूड में बदलाव, पीएमएस (PMS) के शारीरिक और व्यवहार संबंधी लक्षणों के लिए घरेलू उपचार के रूप में किया जा सकता है.
हल्दी
हल्दी भी एक एमेनगॉग (पदार्थ, जो मासिक धर्म प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है) है, जो गर्भाशय और पेल्विक में रक्त के प्रवाह को उत्तेजित करने में मददगार साबित होता है.
हल्दी में एंटीस्पास्मोडिक (antispasmodic) गुण होते हैं, जो गर्भाशय के विस्तार में मदद करते हैं और मासिक धर्म को प्रेरित करते हैं.
हल्दी अपने औषधीय गुणों, एंटी-स्पास्मोडिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है, जो हार्मोनल संतुलन को रेगुलर करने में मदद करते हैं.
प्रभावी परिणामों के लिए आप नियमित रूप से दूध में शहद के साथ थोड़ा सा हल्दी पाउडर डाल कर पी सकती हैं.
कच्चा पपीता
कच्चे पपीते का सेवन गर्भाशय में सिकुड़न (contractions) को बढ़ाता है, जो पीरियड्स आने में मदद करता है.
पपीते में कैरोटीन होता है, जो एस्ट्रोजन हार्मोन को उत्तेजित करता है, जिससे पीरियड्स जल्दी आता है.
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)