ADVERTISEMENTREMOVE AD

FAQ | Marburg Virus: इस घातक वायरस के बारे में आपको क्या जानना चाहिए

मारबर्ग वायरस क्या है? इसके लक्षण क्या हैं? आपके अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के जवाब

Published
फिट
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

मारबर्ग, एक घातक इबोला जैसा वायरस है. इसके दो मामले रविवार, 17 जुलाई को घाना में पाए गए थे. इससे पड़ोसी देश, जिनके पास भी इस वायरस से बचने के लिए कोई वैक्सीन या ट्रीट्मेंट नहीं है, हाई अलर्ट पर चले गए.

मारबर्ग वायरस क्या है?

WHO के अनुसार, मारबर्ग वायरस, मारबर्ग वायरस डिजीज (MVD) का कारण है. MVD, इबोला परिवार से एक अत्यधिक संक्रामक वायरल हेमरेजिक बुखार है और इस बीमारी में मृत्यु दर 88% तक होती है. "बीमारी अचानक शुरू होती है, तेज बुखार, तेज सिरदर्द और अस्वस्थता के साथ," WHO ने कहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मारबर्ग वायरस कहां पाया गया है?

मारबर्ग वायरस का पहला मामला 1967 में जर्मनी के मारबर्ग शहर में पाया गया था, जो युगांडा से लाए गए अफ्रीकी ग्रीन मंकी (सर्कोपिथेकस एथियोप्स) पर किए गए प्रयोगशाला के काम से जुड़ा था.

यह दूसरी बार है, जब पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र में मारबर्ग वायरस का पता चला है. पहला सितंबर 2021 में गिनी में था पर उसके बाद गिनी के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किसी भी मामले की पुष्टि नहीं की गई थी.

डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, पश्चिमी केन्या, दक्षिण अफ्रीका और युगांडा भी कुछ ऐसे क्षेत्र थे जहां वायरस फैला था.

मारबर्ग वायरस कैसे संचारित होता है?

यह वायरस फ्रूट बैट (रूसेटस इजिपियाकस चमगादड़) से या फिर मनुष्यों के सीधे संपर्क के माध्यम से- जिसमें ब्रोकेन स्किन या म्यूकस मेम्ब्रेन से संपर्क, खून या अन्य बॉडिली फ्लूइडों से संपर्क और सतहों और सामग्रियों से (उदाहरण के लिए बिस्तर, कपड़े) जो इन इन बॉडिली फ्लूइडों से दूषित हैं से फैल सकता है.

0

मारबर्ग वायरस के लक्षण क्या हैं?

आपको बुखार, तेज सिरदर्द और गंभीर अस्वस्थता जैसे लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए. मांसपेशियों में दर्द भी एक सामान्य लक्षण है. आपको गंभीर दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन का अनुभव भी हो सकता है. तीसरे दिन नॉजिया और उल्टी भी शुरू होने की आशंका रहती है.

घातक मामलों में, लक्षण शुरू होने के 8 से 9 दिनों के बाद मृत्यु हो सकती है, आमतौर पर गंभीर ब्लड लॉस और शॉक के बाद.

मारबर्ग वायरस कितना घातक है?

1967 में, पहली बार मारबर्ग वायरस के प्रकोप ने सात लोगों की जान ली और 2005 में अंगोला में 200 से अधिक लोग मारे गए थे.

अभी तक, वायरस के लिए कोई खास उपचार नहीं है. फिलहाल डॉक्टरों को ट्रीटमेंट के लिए रोगी के संपूर्ण स्वास्थ्य को मैनेज करना होगा, जिसमें मरीज के फ्लूइड और इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस रखना, ऑक्सीजन और ब्लड प्रेशर का स्तर मेन्टेन करना, रक्त को वापस शरीर में चढ़ाना और किसी भी जटिल संक्रमण को ट्रीट करना, शामिल हैं.

मारबर्ग वायरस को कैसे रोका जा सकता है?

वायरस को रोकने के लिए अभी हमारे पास पक्के उपाय नहीं हैं, हालांकि, फ्रूट बैट (रूसेटस इजिपियाकस) और बीमार नॉन-ह्यूमन प्राइमेट से दूर रह कर हम खुद को संक्रमित होने से बचा सकते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×