बारिश में गिरती बूंदों को देखते हुए चाय के साथ पकोड़े खाने का मजा अनोखा होता है. गर्मी का प्रकोप कम हो चुका होता है और मौसम सुहाना हो जाता है.
पेड़ हवा में लहरा रहे होते हैं, आसमान में बिजली चमक रही होती है और कहीं मोर पुकार रहे होते हैं. पकोड़ों के साथ एक कप चाय का आनंद लेने का यह सबसे अच्छा समय है.
इसे कुछ भी कहें - पकोड़ा, भजिया, भज्जी, बोंडा, या वड़ा, यह मूल रूप से सब्जियों, खाद्य फूलों, दाल और आटे के साथ तैयार किए जाते हैं. भारत के हर क्षेत्र के अलग-अलग खास पकोड़े होते हैं.
जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर का मानना है कि मानसून तला हुआ खाना खाने का सबसे अच्छा समय है. उनका मानना है कि इस मौसम में चाय और पकोड़े आपके लिए अच्छे होते हैं.
आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद के अनुसार, कोई भी तला हुआ भोजन कफ और पित्त की परेशानी बढ़ा देता है. हालांकि यह वात के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि यह वात के हल्के और सूखे गुणों के विपरीत होता है. अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है, तो इसे पचाना आपके लिए मुश्किल होगा.
हींग और अजवाइन डालने से इन्हें पचाने में मदद मिलती है. अपने दोषों को ध्यान में रखते हुए पकोड़ों का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए.
रेसिपी जो आपको ट्राई करनी चाहिए
हर परिवार की एक पसंदीदा पकोड़ा रेसिपी होती है. इस मौसम में इन व्यंजनों को आजमाएं.
आलू चटनी पकोड़ा
सामग्री
6 उबले आलू (पके हुए लेकिन सख्त)
1 कप हरी चटनी (धनिया पत्ता, हरी मिर्च, 2 छोटे चम्मच भुने हुए तिल, नमक और जीरा पीस कर चटनी बनाएं)
1 कप लाल चटनी (1 कप सूखा नारियल, 10 लहसुन की कली, नमक और लाल मिर्च पाउडर को पीस कर बनाएं)
3 कप बेसन
½ छोटी चम्मच हल्दी पाउडर
½ छोटी चम्मच अजवाइन
स्वादानुसार नमक
तेल
विधि
आलू को काट लें (1 सेंटीमीटर चौड़े स्लाइस)
बेसन में नमक, हल्दी पाउडर और अजवाइन डालकर घोल बना लें. 2 टेबल-स्पून गरम तेल डालकर अच्छी तरह मिला लें.
आलू के दो स्लाइस लें. एक स्लाइस पर हरी चटनी और दूसरे पर लाल चटनी लगाएं. फ़िर दोनों स्लाइस चिपका लें.
तेल गरम करें.
जुड़े हुए आलू के स्लाइस को घोल में डालकर फ़्राई करें जब तक वे गोल्डन नहीं हो जाते.
एक कप गर्म चाय के साथ परोसें.
इन पकोड़ों को बिना चटनी के खाएं.
मकई के पकोड़े
बारिश के मौसम में भुट्टे बाजार में आते हैं. भुट्टे से बने पकोड़ों को ट्राई करें - इनमें क्रंच, फ्लेवर और स्वाद होता है.
सामग्री
1.5 किलो ताजा भुट्टा (मकई के दाने)
3 हरी मिर्च
½ छोटी चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच जीरा
½ छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर
2 बड़े चम्मच बेसन
1 कप ताजा हरा धनिया (कटा हुआ)
स्वादानुसार नमक
तेल
विधि
मकई के दानों को कद्दूकस कर लें.
हरी मिर्च और जीरा डालें और इसे पीसकर पेस्ट बना लें.
तेल के अलावा बाकी सारी सामग्री मिला लें और अच्छी तरह फेंटें.
अब तेल गर्म कर लें.
गरम तेल का एक चम्मच, तैयार किए गए मिश्रण में मिल लें.
अब इस मिश्रण की एक छोटी चम्मच तेल में डालें और पकोड़े बनाएं.
ये अच्छे से फूल जाते हैं. सुनहरा होने तक भूनें.
हरी चटनी के साथ परोसें.
भिंडी के पकोड़े
भिंडी के पकोड़े बनाने में आसान और स्वाद में लाजवाब होते हैं.
विधि
भिंडी को धोकर सुखा लें.
इसे लंबा-लंबा काट लें.
बेसन का घोल साधारण मसालों के साथ बना लें और उसमें एक चुटकी अमचूर पाउडर डालें.
भिंडी के टुकड़े घोल में डूबा कर गरम तेल में डालें और तल लें.
कुरकुरे और स्वादिष्ट पकोड़े परोसने के लिए तैयार हैं.
तोरई के पकोड़े
लौकी या तोरई, लोकप्रिय सब्जी नहीं है, लेकिन इससे स्वादिष्ट पकोड़े तैयार किए जा सकते हैं. ये बनाने में सबसे आसान होता है.
विधि
तोरई को धोकर, छीलकर पतला काट लें.
बेसन को हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, कटा हरा धनिया और नमक के साथ मिलाकर एक घोल बना लें.
एक टेबल स्पून गरम तेल डालकर मिला लें.
फिर तोरई के टुकड़ों को अलग-अलग डिप करके गरम तेल में तल लें.
किसी भी हरी चटनी के साथ परोसें. बाहर से कुरकुरा और अंदर से कोमल, यह पकोड़ा बहुत स्वादिष्ट होता है.
गुड़हल के पकोड़े
गुड़हल (hibiscus) के फूल के पकोड़े बहुत अच्छे होते हैं. आपको लगभग 5-6 ताजे फूलों की जरूरत पड़ेगी.
विधि
फूल के बीच के हिस्से हटाकर पंखुड़ियां अलग कर लें.
बेसन का नमक, लाल मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर के साथ एक चिकना लेकिन गाढ़ा घोल बनाएं.
एक पंखुड़ी इस घोल में डुबो कर, इसे बैटर से अच्छी तरह कोट कर लें.
फ़िर इसे गर्म तेल में मध्यम आंच पर तलें.
किसी भी चटनी के साथ इसे परोसें.
अच्छे पकोड़े बनाने के टिप्स
पकोड़े का घोल चिकना होना चाहिए और न ज्यादा गाढ़ा और न ही पतला होना चाहिए.
बैटर में 1 छोटा चम्मच चावल का आटा और 2 टेबल स्पून गरम तेल डालने से पकोड़े क्रिस्पी बनते हैं.
बैटर में बेकिंग पाउडर या सोडा नहीं डालें.
तलने के लिए तेल गर्म होना चाहिए लेकिन इतना नहीं कि उसमें से धुआं निकलने लगे.
केवल आवश्यक मात्रा में तेल डालें. जरूरत पड़ने पर बाद में और डाला जा सकता है.
पकोड़े तलने के बाद बचा हुआ तेल हटा दें. वह अस्वस्थ होता है.
पकोड़ों को ताजा खाएं. पकोड़ों को दोबारा नहीं तलें.
पकोड़े सब को पसंद होते हैं खासकर बारिश के मौसम में. मौसम का आनंद लेने के लिए इन रेसिपीज को आजमाएं!
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