ADVERTISEMENTREMOVE AD

World Haemophilia Day: चोट लगने या कटने पर खून न रुके तो कराएं हीमोफीलिया की जांच

लड़कों में हीमोफीलिया का रिस्क ज्यादा होता है जबकि लड़कियां आमतौर से इस रोग की कैरियर होती हैं.

Published
फिट
4 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

World Haemophilia Day 2024: हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है. ये समस्या एक तरह का ब्लड डिसऑर्डर है, जो बच्चों और बड़ों दोनों में होता है. हीमोफीलिया होने पर चोट लगने या कटने पर खून नहीं रुकने का खतरा रहता है और इसमें ब्लीडिंग कहीं से भी और कभी भी शुरू हो सकती है.

क्या है हीमोफीलिया? बच्चों और बड़ों में क्या हैं हीमोफीलिया के लक्षण? क्या हीमोफीलिया का डायग्नोसिस बचपन में ही हो जाता है? हीमोफीलिया होने पर किन बातों का रखें ख्याल? यहां एक्सपर्ट्स दे रहे हैं इन सवालों के जवाब.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है हीमोफीलिया?

हीमोफीलिया (Haemophilia) एक तरह का ब्लड डिसऑर्डर (Blood Disorder) है, जिसमें हमारा खून पतला हो जाता है.

"इसमें ब्लीडिंग कहीं से भी और कभी भी शुरू हो सकती है. हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों में चोट लगने पर लंबे वक्त तक ब्लीडिंग की समस्या बनी रहती है.
डॉ. सत्य प्रकाश यादव, डायरेक्टर- बोन मैरो ट्रांसप्लांट, मेदांता, गुरुग्राम

डॉ. सत्य प्रकाश यादव कहते हैं कि ऐसा मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर्स (Blood clotting factors) की कमी की वजह से ऐसा होता है.

यहां क्लॉटिंग फैक्टर्स को अगर आसान शब्दों में समझें, तो क्लॉटिंग फैक्टर एक तरह का प्रोटीन होता है, जो ब्लीडिंग कंट्रोल करने में खास भूमिका निभाता है. जब भी हमें चोट लगती है, तो हमारा खून जम जाता है. खून जमने के लिए ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर चाहिए होते हैं. अगर वो न हो तो खून नहीं जमेगा और बहता रहेगा.

ब्लीडिंग होने के 2 कारण होते हैं, पहला अगर प्लेटलेट्स की कमी हो, दूसरा अगर खून में ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर्स नहीं हो.

हीमोफीलिया के दो प्रकार हैं

हीमोफीलिया (Haemophilia) दो तरह का होता है, हीमोफीलिया ए (Haemophilia A) और हीमोफीलिया बी (Haemophilia B) और ये दोनों ही जेनेटिक रोग हैं. ये माता-पिता से बच्चों में X क्रोमोसोम में मौजूद एक जीन के जरिए पहुंचते हैं. महिलाओं में XX क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों में XY क्रोमोसोम मौजूद होते हैं.

"इसका मतलब यह हुआ कि लड़कों में हीमोफीलिया का रिस्क ज्यादा होता है, जबकि लड़कियां आमतौर से इस रोग की कैरियर (वाहक) होती हैं."
डॉ. प्रियांशी पचौरी, एसोसियेट कंसलटेंट– हेमेटो ओंकोलॉजी एंड बीएमटी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
दरअसल, हीमोफीलिया ए में फैक्टर 8 की कमी होती है और हीमोफीलिया बी में फैक्टर 9 की कमी होती है. ये दोनों ही शरीर में खून के ​थक्के बनाने के लिए जरूरी होते हैं.

ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर (Blood clotting factor) का स्तर जितना कम होगा, बच्चों में ब्लीडिंग होने की आशंका उतनी ही ज्यादा होगी.

"हीमोफीलिया जेनेटिकल कारणों से होने वाली समस्या है. ज्यादातर हीमोफीलिया ‘X' लिंक डिसॉर्डर होता है. इसका मतलब है, यह समस्या मां से बच्चे में जाती है".
डॉ. सत्य प्रकाश यादव, डायरेक्टर- बोन मैरो ट्रांसप्लांट, मेदांता, गुरुग्राम
0

बच्चों में हीमोफीलिया के ये लक्षण नजर आते हैं

"बच्चों में हीमोफीलिया का डायग्नॉसिस 12 से 18 माह की उम्र में होता है जबकि वे शारीरिक रूप से सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं और इस वजह से चोट वगैरह लगना भी आम होता है. इस रोग में नाक, मुंह और मसूढ़ों से ब्लीडिंग के साथ-साथ मामूली ट्रॉमा भी देखा गया है."
डॉ. प्रियांशी पचौरी, एसोसियेट कंसलटेंट– हेमेटो ओंकोलॉजी एंड बीएमटी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

शरीर से जरूरत से ज्यादा खून बहना, किसी सर्जरी या चोट लगने की वजह से देर तक ब्लीडिंग की समस्या होना, बच्चों में हीमोफीलिया (Haemophilia) के प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं. जैसे:

  • नाक से लगातार खून निकलना

  • मांसपेशियों एवं जोड़ों से ब्लीडिंग होना

  • किसी सर्जरी के बाद ज्यादा वक्त तक ब्लीडिंग होना

  • मसूड़ों से लगातार ब्लीडिंग होना

  • स्किन के अंदर नीले निशान का आना

  • जॉइन्ट्स या ऐंकल में सूजन होना, जिसकी वजह से बच्चा लंगड़ा कर चलने लगे

  • कोहनी में सूजन, जिसकी वजह से बाहं हिलाने में दर्द हो

  • नीले पड़े निशान पर गांठ महसूस होना

  • पेट में ब्लीडिंग होने से पेट दर्द रहना

  • ब्रेन में ब्लीडिंग से सिर में तेज दर्द और बेहोशी आना

वयस्कों में दिखने वाले वो लक्षण जो हीमोफीलिया के होते हैं?

वयस्कों में हीमोफीलिया के ये लक्षण दिख सकते हैं:

  • सर्जरी, डेंटल वर्क और शरीर पर कटने-फटने या चोट की जगह पर बहुत अधिक खून निकलना

  • वैक्सीनेशन के बाद असामान्य ब्लीडिंग होना

  • पेशाब या मल में खून आना

  • जोड़ों और मांसपेशियों में ब्लीडिंग की समस्या बने रहना जिससे आर्थराइटिस (गठिया) हो सकता है

"वयस्कों में, जेनेटिक हीमोफीलिया नहीं लेकिन एक्वायर्ड हीमोफीलिया (जो कि ऑटोइम्यून रोगों, मैलिग्नेंसी, ड्रग्स या इडियोपैथिक के बराबर होता है) हो सकता है."
डॉ. प्रियांशी पचौरी, एसोसियेट कंसलटेंट– हेमेटो ओंकोलॉजी एंड बीएमटी, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बच्चों का रखें खास ख्याल 

  • समय-समय पर डॉक्टर से कंसल्ट करते रहें

  • दवाईयों को नियम से देते रहें

  • बच्चे के बीमार पड़ने पर डॉक्टर को पहले ही बता दें कि बच्चा हीमोफीलिक है

  • बच्चे को चोट लगने से और साथ ही कांटेक्ट स्पोर्ट्स खेलने से बचाना चाहिए

  • डेंटल केयर पर ध्यान दें क्योंकि दांतों से जुड़ी परेशानी होने पर ब्लीडिंग की समस्या का खतरा बना रहता है

बच्चे के स्कूल में टीचर को हीमोफीलिया (Hemophilia) की जानकारी देकर रखें, ताकि अगर बच्चे को स्कूल में किसी भी कारण चोट लगने की वजह से ब्लीडिंग की समस्या होती है, तो ऐसे में वो परिवार और डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें.

बच्चा अगर इस बीमारी के बारे समझने लगा है, तो उसे भी सावधानी बरतने की सलाह दें.

हीमोफीलिया के मरीज डायट का रखें ऐसे ख्याल

  1. विटामिन के युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से हीमोफीलिया के मरीजों को फायदा मिलता है और इससे ब्लीडिंग को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों में एस्पेरेगस, ब्रोकोली, पालक, पत्ता गोभी, गहरे हरे रंग के लेटस, जैतून का तेल और चोकर शामिल हैं.

  2. विटामिन बी और विटामिन सी युक्त भोजन विटामिन बी6 और बी12 शरीर में आरबीसी के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जबकि विटामिन सी से शरीर में आयरन अब्सॉर्प्शन में मदद मिलती है. खून का थक्का जमने की प्रक्रिया और कोलेजन के निर्माण में भी सुधार होता है. विटामिन बी युक्त खाद्य पदार्थों में मीट, अंडे और पोल्ट्री, पत्तेदार सब्जियां, ड्राइ मिल्क, साबुत अनाज, बीन्स और मटर शामिल हैं. विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों में अनानास, कीवी, स्ट्रॉबेरी, नींबू, ब्लूबेरी, टमाटर और ब्रोकोली प्रमुख हैं.

  3. कैल्शियम महत्वपूर्ण मिनरल है, जो मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए जरूरी होता है. हीमोफीलिया के मरीजों में जोड़ों में ब्लीडिंग की वजह से बोन हेल्थ काफी खराब रहती है. इसलिए उन्हें दूध, दही और कम फैट वाले पनीर का सेवन करना चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×