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World Vegan Day: क्या है वीगन डाइट? फायदे और नुकसान, जानें-डॉक्टर की सलाह

वीगन डाइट फॉलो करने वालों के लिए ये फैशन या ट्रेंड नहीं जियो और जीने दो वाली बात है.

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World Vegan Day 2022: 1 नवंबर को पूरी दुनिया में वर्ल्ड वीगन डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश है लोगों को वीगन फूड/डाइट के बारे में सही जानकारी देना. साथ ही अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए जागरूक करना.

फिट रहने और वजन कम करने के लिए कई तरह की डाइट फॉलो की जाती है. पिछले कुछ सालों से वीगन डाइट ने न सिर्फ बॉलीवुड और हॉलीवुड के स्टार्स में अपनी जगह बनाई है बल्कि दुनिया भर के कई युवा फिट रहने के लिए यह डाइट फॉलो करते हैं.

आइए जानते हैं हमारे एक्स्पर्ट्स से क्या है वीगन डाइट? क्या हैं इसके फायदे और नुकसान? किन्हें ये डाइट करनी चाहिए? साथ ही हमारे एक्स्पर्ट वीगन डाइट फॉलो करने वालों को देंगे खास सलाह.

World Vegan Day: क्या है वीगन डाइट? फायदे और नुकसान, जानें-डॉक्टर की सलाह

  1. 1. क्या होता है सही वीगन डाइट?

    "मेरे लिए वीगन डाइट ट्रेंड या फैशन नहीं बल्कि जीने और जीने देने का सही तरीका है. सबको ये याद रखना चाहिए जान चाहे किसी की भी हो कीमती है. वीगन डाइट फॉलो कर के हम न सिर्फ जानवरों की जान बचाते हैं, बल्कि अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य का भी रास्ता खोलते हैं."
    सुरभि शंकर, गुरुग्राम

    सही वीगन डाइट पर फोर्टिस हॉस्पिटल में हेड – क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, दीप्ति खटूजा फिट हिंदी से कहती हैं, "वीगन डाइट का मतलब है ऐसा खानपान जिसमें मीट, पोल्‍ट्री, दूध, मछली, शहद जैसे पशु जनित उत्पाद शामिल नहीं होते. वीगन डाइट एक प्रकार की अनुशासित वेजीटेरियन डाइट को कहते हैं. सामान्य से अधिक वजन (ओवरवेट) वाले वयस्कों के मामले में वेट लॉस के लिए खासतौर से ‍वीगन डाइट का पालन किया जाता है".

    "इसके अलावा भी वीगन खानपान के कई लाभ हैं, जिनमें ग्रीनहाउस गैसों के उत्‍सर्जन (emission) और भोजन के लिए फसलों को उगाने पर पानी के प्रयोग में कमी प्रमुख है. वेजीटेरियन डाइट को अपनाने के प्रमुख कारण नैतिकता (जैसे कि गहन लाइवस्‍टॉक फार्मिंग से इंकार), पारिस्थितिकी, सस्‍टेनेबिलिटी और स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े हैं."
    दीप्ति खटूजा, हेड – क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, फोर्टिस हॉस्पिटल

    सही वीगन डाइट में शामिल होते हैं ये:

    • हरी सब्जियां

    • फल

    • बीन्स और दालें

    • अनाज और ब्राउन राइस

    • नट्स

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  2. 2. कितने तरह का होता है वीगन डाइट?

    दीप्ति खटूजा कहती हैं कि वीगन डाइट को मुख्‍य रूप से तीन भागों में बांटा गया है. वो हैं:

    1. होल फूड वीगन डाइट (Whole Food Vegan Diet) - कच्चे और पकाए हुए साबुत अनाज, फल, सब्जियां, दालें, मेवे और बीजों को शामिल किया जाता है. इसमें प्रोसैस्‍ड फूड्स, रिफाइंड ऑयल्‍स तथा कार्बोहाइड्रेट्स शामिल हो सकते हैं. इसमें सभी प्रकार का मांस (रेड, पोल्‍ट्री, फिश) तथा डेयरी खाना वर्जित होता है.

    2. रॉ फूड वेगन डाइट (Raw Food Vegan Diet) – इसमें कच्‍ची सब्जियों, फल, मेवे और बीज, भिगोए हुए अनाज शामिल होते हैं. मेवों के कारण यह अधिक रेशेदार डाइट होती है. इसमें सभी प्रकार का मांस, फिश और डेयरी, पकाया हुआ भोजन तथा आमतौर से प्रोसैस्‍ड फूड्स भी वर्जित होता है. 

    3. होल फूड वीगन (साबुत वीगन भोजन) – लेकिन इसमें कच्चा और पकाया हुआ साबुत अनाज, फल, सब्जियां, दालें, मेवे और बीजों को शामिल किया जाता है. रिफाइंड ऑयल्‍स की अनुपस्थिति में यह आमतौर से कम वसायुक्त डाइट होती है. इस डाइट में हर प्रकार का मांस (रेड, पोल्‍ट्री, फिश), डेयरी, प्रोसैस्‍ड फूड, अतिरिक्त शुगर, अतिरिक्त तेल और नमक वर्जित होता है.

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  3. 3. क्या हैं वीगन डाइट के फायदे?

    हमारे एक्स्पर्ट्स के अनुसार, आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि वीगन डाइट से शरीर को उपयोगी पोषक तत्‍व और फाइटोकेमिकल्‍स मिलते हैं और यह कई तरह के क्रोनिक रोगों के कारण बनने वाले डाइट्री फैक्‍टर्स के सेवन में कमी लाती है. जिनमें शामिल हैं हृदय रोगों (सीवीडी), मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा भी कम होता है.

    1. जल्दी वजन घटाने में मददगार - जिन लोगों को वजन घटाना है, उनके लिए यह बेस्ट डाइट कही जाती है. इससे बॉडी को कैलोरी तो मिलती है, लेकिन फैट जमा नहीं होता. वीगन डाइट में फाइबर और प्रोटीन दोनों शामिल होते हैं. जो भी स्वस्थ तरीके से अपना वजन घटना चाहते हैं उनके लिए ये मददगार साबित होती है.

    2. कैंसर के खतरे को कम करती है – अध्‍ययनों से यह सामने आया है कि मांसाहारी (नॉन-वेजीटेरियन) लोगों को कोलोरेक्‍टल या प्रोस्‍टेट कैंसर की आशंका अधिक होती है. वेजीटेरियन डाइट में कैंसर से बचाव वाले डाइट्री फैक्‍टर्स होते हैं. मोटापे की वजह से भी कई बार शरीर के कुछ खास अंगों में कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. आमतौर पर, वीगन डाइट लेने वाले लोगों का औसत बीएमआई नॉन-वेजीटेरियंस की तुलना में काफी कम होता है, जो कि कैंसर के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

    3. दिल की बीमारी का खतरा कम करती है - अध्‍ययनों से यह सामने आया है कि अन्‍य वेजीटेरियंस की तुलना में, वीगन लोग पतले (कम बीएमआई) होते हैं और उनके शरीर में टोटल एवं एलडीएल कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है, उनका ब्लड प्रेशर का लेवल भी नीचे रहता है. सभी प्रकार की खुराक लेने वाले (ऑम्‍नीवोर्स) के मुकाबले वीगंस अपनी खुराक में अधिक मात्रा में फलों एवं सब्जियों का सेवन करते हैं, जिनमें फाइबर, फॉलिक एसिड, एंटीऑक्‍सीडेंट्स तथा फाइटोकेमिकल्‍स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, उन्हें स्ट्रोक का खतरा कम होता है और स्ट्रोक तथा इस्‍केमिक हार्ट रोगों की वजह से मृत्यु की आशंका भी घट जाती है.

    4. डिप्रेशन और एंग्जायटी कम करती है - वीगन डाइट में फल, वेजिटेबल्स और नट्स की अधिकता होती है. इनमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स और ओमेगा 3 पाए जाते हैं. इसलिए इस डाइट को फॉलो करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या होने की आशंका कम रहती है.

    5. ऊर्जा बढ़ाती है - वीगन डाइट में प्रोटीन और आयरन भरपूर मात्रा में होते हैं. इस वजह से एनर्जी लेवल बढ़ता है. साथ ही इससे थकावट भी महसूस नहीं होती और शरीर को मजबूती भी मिलती है. वहीं, इन खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा में होने के कारण शरीर डिटॉक्स होता है, जिससे ये डाइट फ़ॉलो करने वाले स्वस्थ रहते हैं.

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  4. 4. क्या हैं वीगन डाइट के नुकसान?

    "वीगन साइड इफेक्ट्स में कभी-कभी एनीमिया, हार्मोन उत्पादन में व्यवधान, विटामिन बी 12 की कमी और ओमेगा -3 फैटी एसिड की कमी से अवसाद शामिल हैं. इसलिए अपने आहार में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन बी 12, विटामिन डी, आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, जिंक और ओमेगा-3 को शामिल करना महत्वपूर्ण है."
    जिनल परमार, सीनियर क्लिनिकल डायटिशियन, अपालो हॉस्पिटल्स, अहमदाबाद

    जिनल परमार फिट हिंदी से आगे कहती हैं कि वीगन डाइट के चलते पोषक तत्वों की कमी का जोखिम बढ़ जाता है और साथ ही, खानपान की आदतों में काफी हद तक बदलाव की आवश्यकता होती है. इसकी वजह से विटामिन बी 12, विटामिन डी, जिंक, कैल्शियम, आयरन और आवश्यक फैटी एसिड्स की कमी होने की भी आशंका रहती है. लेकिन नए साक्ष्यों से यह पता चला है कि विटामिन डी की कमी, जो कि वीगन आबादी में अकसर पायी जाती है, के चलते कैंसर के जोखिम बढ़ते हैं. गर्भवती महिलाओं, नवजात और युवा बच्चों में पोषण संबंधी कमियों का जोखिम बना रहता है. बुजुर्गों में भी यह हो सकता है क्योंकि वे कई बार गरिष्ट भोजन नहीं खा पाते और उससे पचाने में भी उन्हें दिक्कत होती है.

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  5. 5. वीगन डाइट के फेमस प्रोडक्ट्स

    2022 में अनुष्का शर्मा और विराट कोहली ने प्‍लांट-बेस्‍ड मीट प्रॉडक्‍ट्स के एक ब्रांड में निवेश किया है.

    वीगन डाइट की लोकप्रियता और महत्व दोनों तेजी से बढ़ रही है. जिस कारण ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें इन्वेस्ट और नए-नए प्रोडक्ट का आविष्कार कर रहे हैं. धीरे-धीरे हमारे देश में कई वीगन फार्म्स खुल रहे हैं. कुछ फेमस वीगन फूड प्रोडक्ट ये हैं:

    • मॉक मीट या प्लांट बेस्ड मीट यानी पौधे का मांस

    • वेज एग

    • प्लांट बेस्ड फिश

    • प्लांट बेस्ड मिल्क

    • सोया से बने - वेजी सॉसिजेज, वेजी सलामी, वेजी हॉट डॉग, वेजी कबाब, वेजी चिकन, सोया सॉसिजेज, सोया बर्गर, सोया लॉलीपॉप

    • वेज मटन

    • कैशू (काजू) बटर

    • पीनट बटर 

    • प्लांट बेस्ड शेक्स

    • प्लांट बेस्ड दही

    • प्लांट बेस्ड आइसक्रीम 

    • वीगन चीज 

    • वीगन घी

    • जैकफ़्रूट (कटहल) बर्गर, जैकफ़्रूट बटर

    • प्लांट बेस्ड बिरयानी

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  6. 6. किनके लिए ये डाइट ज्यादा फायदेमंद है?

    "वीगन आहार उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद है, जो लैक्टोज इंटॉलरेंस से पीड़ित हैं. कई प्रकार के कैंसर में विशेष रूप से कोलन कैंसर और स्टेम सेल प्रत्यारोपण के लिए इलाज कराने वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद है. चूंकि यह पौधे पर आधारित है, इसलिए यह वसा में इतना कम है कि यह अच्छे हृदय स्वास्थ्य और वजन घटाने को भी बढ़ावा देता है."
    जिनल परमार, सीनियर क्लिनिकल डायटिशियन, अपालो हॉस्पिटल्स, अहमदाबाद

    एक्स्पर्ट के अनुसार वीगन डाइट की लोकप्रियता और महत्व लगातार बढ़ रही है लेकिन लगातार लंबे समय तक वीगन डाइट का पालन करना मुश्किल हो सकता है. वीगन डाइट्स के कुछ लाभ हैं, तो नुकसान भी हैं, इसलिए वीगन डाइट्स का सेवन करने वाले लोगों को पोषक तत्वों की सामान्य कमियों को लेकर सजग और सतर्क रहना चाहिए.

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  7. 7. वीगन डाइट फॉलो करने वालों के लिए डॉक्टर की खास सलाह

    वीगन डाइट का पालन करने वाले लोगों के लिए फोर्टिस हॉस्पिटल की हेड– क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, दीप्ति खटूजा ने दी ये जरुरी सलाह: 

    • बी-12 की कमी से बचने के लिए, वीगन्‍स को नियमित रूप से विटामिन बी-12 फोर्टीफाइड भोजन खाना करना चाहिए, जैसे कि फोर्टीफाइड सॉय और राइस बेवेरेज, कुछ खास प्रकार के ब्रेकफास्‍ट सीरियल्‍स और मीट एनालॉग्‍स, तथा बी-12 फॉर्टीफाइड न्‍यूट्रिशनल ईस्‍ट, या फिर हर दिन विटामिन बी-12 सप्‍लीमेंट लेने चाहिए. 

    • खुराक में पर्याप्‍त मात्रा में कैल्शियम के लिए जरूरी है नियमित रूप से कैल्शियम-फॉ‍र्टीफाइड प्‍लांट फूड का सेवन और साथ ही पारंपरिक कैल्शियम स्रोतों (जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, टोफू, ताहिनी) को भी खानपान में शामिल करना चाहिए. कैल्शियम फॉर्टीफाइड फूड्स में रेडी-टू-ईट सीरियल्‍स, कैल्शियम फॉर्टिफाइड सॉय और राइस बेवेरेज, कैल्शियम फॉर्टीफाइड ऑरेंज एवं एप्‍पल जूस और दूसरे पेय पदार्थ शामिल हैं. सॉय बेवेरेजेस में कैल्शियम कार्बोनेट की बायोअवेलेबिलिटी और सेब या संतरे के रस में कैल्शियम साइट्रेट मैलेट उसी प्रकार होता है, जैसे दूध में कैल्शियम. 

    • शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करने के लिए, खासतौर से सर्दियों के दौरान, वीगन्‍स को विटामिन डी-फॉर्टीफाइड फूड्स जैसे सॉय मिल्‍क, राइस मिल्‍क, संतरे का जूस, ब्रेकफास्‍ट सीरियल्‍स, जिनमें विटामिन डी समुचित मात्रा में होता है, का सेवन करना चाहिए. 

    • वीगन फूड खाने वालों को नियमित रूप से n-3 फैटी एसिड ALA की प्रचुरता वाले वनस्‍पति पदार्थों, जैसे फ्लैक्‍सीड, वॉलनट, कनोला ऑयल, सॉय प्रोडक्‍ट का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा, वीगन्‍स को लॉन्‍ग-चेन n-3 फैटी एसिड DHA, जैसे सॉय मिल्‍क तथा सीरियल बार्स का भी सेवन करने की सलाह दी जाती है.

    • साधारण वीगन डाइट में फाइटेट कन्‍टेंट की अधिकता के चलते, यह जरूरी है कि वीगन्‍स को जिंक की प्रचुरता वाले खाद्य पदार्थों जैसे कि साबुत अनाज, दालें और सॉय प्रोडक्‍ट्स का सेवन करना चाहिए ताकि पर्याप्त मात्रा में जिंक मिल सके. इसके लिए वीगन्‍स फॉर्टीफाइड रेडी-टू-ईट सीरियल्‍स और दूसरे जिंक फॉर्टीफाइड खाद्य पदार्थों का भी सेवन किया जा सकता है. 

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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क्या होता है सही वीगन डाइट?

"मेरे लिए वीगन डाइट ट्रेंड या फैशन नहीं बल्कि जीने और जीने देने का सही तरीका है. सबको ये याद रखना चाहिए जान चाहे किसी की भी हो कीमती है. वीगन डाइट फॉलो कर के हम न सिर्फ जानवरों की जान बचाते हैं, बल्कि अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य का भी रास्ता खोलते हैं."
सुरभि शंकर, गुरुग्राम

सही वीगन डाइट पर फोर्टिस हॉस्पिटल में हेड – क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, दीप्ति खटूजा फिट हिंदी से कहती हैं, "वीगन डाइट का मतलब है ऐसा खानपान जिसमें मीट, पोल्‍ट्री, दूध, मछली, शहद जैसे पशु जनित उत्पाद शामिल नहीं होते. वीगन डाइट एक प्रकार की अनुशासित वेजीटेरियन डाइट को कहते हैं. सामान्य से अधिक वजन (ओवरवेट) वाले वयस्कों के मामले में वेट लॉस के लिए खासतौर से ‍वीगन डाइट का पालन किया जाता है".

"इसके अलावा भी वीगन खानपान के कई लाभ हैं, जिनमें ग्रीनहाउस गैसों के उत्‍सर्जन (emission) और भोजन के लिए फसलों को उगाने पर पानी के प्रयोग में कमी प्रमुख है. वेजीटेरियन डाइट को अपनाने के प्रमुख कारण नैतिकता (जैसे कि गहन लाइवस्‍टॉक फार्मिंग से इंकार), पारिस्थितिकी, सस्‍टेनेबिलिटी और स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े हैं."
दीप्ति खटूजा, हेड – क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, फोर्टिस हॉस्पिटल

सही वीगन डाइट में शामिल होते हैं ये:

  • हरी सब्जियां

  • फल

  • बीन्स और दालें

  • अनाज और ब्राउन राइस

  • नट्स

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कितने तरह का होता है वीगन डाइट?

दीप्ति खटूजा कहती हैं कि वीगन डाइट को मुख्‍य रूप से तीन भागों में बांटा गया है. वो हैं:

1. होल फूड वीगन डाइट (Whole Food Vegan Diet) - कच्चे और पकाए हुए साबुत अनाज, फल, सब्जियां, दालें, मेवे और बीजों को शामिल किया जाता है. इसमें प्रोसैस्‍ड फूड्स, रिफाइंड ऑयल्‍स तथा कार्बोहाइड्रेट्स शामिल हो सकते हैं. इसमें सभी प्रकार का मांस (रेड, पोल्‍ट्री, फिश) तथा डेयरी खाना वर्जित होता है.

2. रॉ फूड वेगन डाइट (Raw Food Vegan Diet) – इसमें कच्‍ची सब्जियों, फल, मेवे और बीज, भिगोए हुए अनाज शामिल होते हैं. मेवों के कारण यह अधिक रेशेदार डाइट होती है. इसमें सभी प्रकार का मांस, फिश और डेयरी, पकाया हुआ भोजन तथा आमतौर से प्रोसैस्‍ड फूड्स भी वर्जित होता है. 

3. होल फूड वीगन (साबुत वीगन भोजन) – लेकिन इसमें कच्चा और पकाया हुआ साबुत अनाज, फल, सब्जियां, दालें, मेवे और बीजों को शामिल किया जाता है. रिफाइंड ऑयल्‍स की अनुपस्थिति में यह आमतौर से कम वसायुक्त डाइट होती है. इस डाइट में हर प्रकार का मांस (रेड, पोल्‍ट्री, फिश), डेयरी, प्रोसैस्‍ड फूड, अतिरिक्त शुगर, अतिरिक्त तेल और नमक वर्जित होता है.

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क्या हैं वीगन डाइट के फायदे?

हमारे एक्स्पर्ट्स के अनुसार, आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि वीगन डाइट से शरीर को उपयोगी पोषक तत्‍व और फाइटोकेमिकल्‍स मिलते हैं और यह कई तरह के क्रोनिक रोगों के कारण बनने वाले डाइट्री फैक्‍टर्स के सेवन में कमी लाती है. जिनमें शामिल हैं हृदय रोगों (सीवीडी), मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा भी कम होता है.

1. जल्दी वजन घटाने में मददगार - जिन लोगों को वजन घटाना है, उनके लिए यह बेस्ट डाइट कही जाती है. इससे बॉडी को कैलोरी तो मिलती है, लेकिन फैट जमा नहीं होता. वीगन डाइट में फाइबर और प्रोटीन दोनों शामिल होते हैं. जो भी स्वस्थ तरीके से अपना वजन घटना चाहते हैं उनके लिए ये मददगार साबित होती है.

2. कैंसर के खतरे को कम करती है – अध्‍ययनों से यह सामने आया है कि मांसाहारी (नॉन-वेजीटेरियन) लोगों को कोलोरेक्‍टल या प्रोस्‍टेट कैंसर की आशंका अधिक होती है. वेजीटेरियन डाइट में कैंसर से बचाव वाले डाइट्री फैक्‍टर्स होते हैं. मोटापे की वजह से भी कई बार शरीर के कुछ खास अंगों में कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. आमतौर पर, वीगन डाइट लेने वाले लोगों का औसत बीएमआई नॉन-वेजीटेरियंस की तुलना में काफी कम होता है, जो कि कैंसर के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

3. दिल की बीमारी का खतरा कम करती है - अध्‍ययनों से यह सामने आया है कि अन्‍य वेजीटेरियंस की तुलना में, वीगन लोग पतले (कम बीएमआई) होते हैं और उनके शरीर में टोटल एवं एलडीएल कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है, उनका ब्लड प्रेशर का लेवल भी नीचे रहता है. सभी प्रकार की खुराक लेने वाले (ऑम्‍नीवोर्स) के मुकाबले वीगंस अपनी खुराक में अधिक मात्रा में फलों एवं सब्जियों का सेवन करते हैं, जिनमें फाइबर, फॉलिक एसिड, एंटीऑक्‍सीडेंट्स तथा फाइटोकेमिकल्‍स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, उन्हें स्ट्रोक का खतरा कम होता है और स्ट्रोक तथा इस्‍केमिक हार्ट रोगों की वजह से मृत्यु की आशंका भी घट जाती है.

4. डिप्रेशन और एंग्जायटी कम करती है - वीगन डाइट में फल, वेजिटेबल्स और नट्स की अधिकता होती है. इनमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स और ओमेगा 3 पाए जाते हैं. इसलिए इस डाइट को फॉलो करने से डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या होने की आशंका कम रहती है.

5. ऊर्जा बढ़ाती है - वीगन डाइट में प्रोटीन और आयरन भरपूर मात्रा में होते हैं. इस वजह से एनर्जी लेवल बढ़ता है. साथ ही इससे थकावट भी महसूस नहीं होती और शरीर को मजबूती भी मिलती है. वहीं, इन खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा में होने के कारण शरीर डिटॉक्स होता है, जिससे ये डाइट फ़ॉलो करने वाले स्वस्थ रहते हैं.

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क्या हैं वीगन डाइट के नुकसान?

"वीगन साइड इफेक्ट्स में कभी-कभी एनीमिया, हार्मोन उत्पादन में व्यवधान, विटामिन बी 12 की कमी और ओमेगा -3 फैटी एसिड की कमी से अवसाद शामिल हैं. इसलिए अपने आहार में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन बी 12, विटामिन डी, आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, जिंक और ओमेगा-3 को शामिल करना महत्वपूर्ण है."
जिनल परमार, सीनियर क्लिनिकल डायटिशियन, अपालो हॉस्पिटल्स, अहमदाबाद

जिनल परमार फिट हिंदी से आगे कहती हैं कि वीगन डाइट के चलते पोषक तत्वों की कमी का जोखिम बढ़ जाता है और साथ ही, खानपान की आदतों में काफी हद तक बदलाव की आवश्यकता होती है. इसकी वजह से विटामिन बी 12, विटामिन डी, जिंक, कैल्शियम, आयरन और आवश्यक फैटी एसिड्स की कमी होने की भी आशंका रहती है. लेकिन नए साक्ष्यों से यह पता चला है कि विटामिन डी की कमी, जो कि वीगन आबादी में अकसर पायी जाती है, के चलते कैंसर के जोखिम बढ़ते हैं. गर्भवती महिलाओं, नवजात और युवा बच्चों में पोषण संबंधी कमियों का जोखिम बना रहता है. बुजुर्गों में भी यह हो सकता है क्योंकि वे कई बार गरिष्ट भोजन नहीं खा पाते और उससे पचाने में भी उन्हें दिक्कत होती है.

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वीगन डाइट के फेमस प्रोडक्ट्स

2022 में अनुष्का शर्मा और विराट कोहली ने प्‍लांट-बेस्‍ड मीट प्रॉडक्‍ट्स के एक ब्रांड में निवेश किया है.

वीगन डाइट की लोकप्रियता और महत्व दोनों तेजी से बढ़ रही है. जिस कारण ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें इन्वेस्ट और नए-नए प्रोडक्ट का आविष्कार कर रहे हैं. धीरे-धीरे हमारे देश में कई वीगन फार्म्स खुल रहे हैं. कुछ फेमस वीगन फूड प्रोडक्ट ये हैं:

  • मॉक मीट या प्लांट बेस्ड मीट यानी पौधे का मांस

  • वेज एग

  • प्लांट बेस्ड फिश

  • प्लांट बेस्ड मिल्क

  • सोया से बने - वेजी सॉसिजेज, वेजी सलामी, वेजी हॉट डॉग, वेजी कबाब, वेजी चिकन, सोया सॉसिजेज, सोया बर्गर, सोया लॉलीपॉप

  • वेज मटन

  • कैशू (काजू) बटर

  • पीनट बटर 

  • प्लांट बेस्ड शेक्स

  • प्लांट बेस्ड दही

  • प्लांट बेस्ड आइसक्रीम 

  • वीगन चीज 

  • वीगन घी

  • जैकफ़्रूट (कटहल) बर्गर, जैकफ़्रूट बटर

  • प्लांट बेस्ड बिरयानी

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किनके लिए ये डाइट ज्यादा फायदेमंद है?

"वीगन आहार उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद है, जो लैक्टोज इंटॉलरेंस से पीड़ित हैं. कई प्रकार के कैंसर में विशेष रूप से कोलन कैंसर और स्टेम सेल प्रत्यारोपण के लिए इलाज कराने वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद है. चूंकि यह पौधे पर आधारित है, इसलिए यह वसा में इतना कम है कि यह अच्छे हृदय स्वास्थ्य और वजन घटाने को भी बढ़ावा देता है."
जिनल परमार, सीनियर क्लिनिकल डायटिशियन, अपालो हॉस्पिटल्स, अहमदाबाद

एक्स्पर्ट के अनुसार वीगन डाइट की लोकप्रियता और महत्व लगातार बढ़ रही है लेकिन लगातार लंबे समय तक वीगन डाइट का पालन करना मुश्किल हो सकता है. वीगन डाइट्स के कुछ लाभ हैं, तो नुकसान भी हैं, इसलिए वीगन डाइट्स का सेवन करने वाले लोगों को पोषक तत्वों की सामान्य कमियों को लेकर सजग और सतर्क रहना चाहिए.

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वीगन डाइट फॉलो करने वालों के लिए डॉक्टर की खास सलाह

वीगन डाइट का पालन करने वाले लोगों के लिए फोर्टिस हॉस्पिटल की हेड– क्‍लीनिकल न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, दीप्ति खटूजा ने दी ये जरुरी सलाह: 

  • बी-12 की कमी से बचने के लिए, वीगन्‍स को नियमित रूप से विटामिन बी-12 फोर्टीफाइड भोजन खाना करना चाहिए, जैसे कि फोर्टीफाइड सॉय और राइस बेवेरेज, कुछ खास प्रकार के ब्रेकफास्‍ट सीरियल्‍स और मीट एनालॉग्‍स, तथा बी-12 फॉर्टीफाइड न्‍यूट्रिशनल ईस्‍ट, या फिर हर दिन विटामिन बी-12 सप्‍लीमेंट लेने चाहिए. 

  • खुराक में पर्याप्‍त मात्रा में कैल्शियम के लिए जरूरी है नियमित रूप से कैल्शियम-फॉ‍र्टीफाइड प्‍लांट फूड का सेवन और साथ ही पारंपरिक कैल्शियम स्रोतों (जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, टोफू, ताहिनी) को भी खानपान में शामिल करना चाहिए. कैल्शियम फॉर्टीफाइड फूड्स में रेडी-टू-ईट सीरियल्‍स, कैल्शियम फॉर्टिफाइड सॉय और राइस बेवेरेज, कैल्शियम फॉर्टीफाइड ऑरेंज एवं एप्‍पल जूस और दूसरे पेय पदार्थ शामिल हैं. सॉय बेवेरेजेस में कैल्शियम कार्बोनेट की बायोअवेलेबिलिटी और सेब या संतरे के रस में कैल्शियम साइट्रेट मैलेट उसी प्रकार होता है, जैसे दूध में कैल्शियम. 

  • शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करने के लिए, खासतौर से सर्दियों के दौरान, वीगन्‍स को विटामिन डी-फॉर्टीफाइड फूड्स जैसे सॉय मिल्‍क, राइस मिल्‍क, संतरे का जूस, ब्रेकफास्‍ट सीरियल्‍स, जिनमें विटामिन डी समुचित मात्रा में होता है, का सेवन करना चाहिए. 

  • वीगन फूड खाने वालों को नियमित रूप से n-3 फैटी एसिड ALA की प्रचुरता वाले वनस्‍पति पदार्थों, जैसे फ्लैक्‍सीड, वॉलनट, कनोला ऑयल, सॉय प्रोडक्‍ट का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा, वीगन्‍स को लॉन्‍ग-चेन n-3 फैटी एसिड DHA, जैसे सॉय मिल्‍क तथा सीरियल बार्स का भी सेवन करने की सलाह दी जाती है.

  • साधारण वीगन डाइट में फाइटेट कन्‍टेंट की अधिकता के चलते, यह जरूरी है कि वीगन्‍स को जिंक की प्रचुरता वाले खाद्य पदार्थों जैसे कि साबुत अनाज, दालें और सॉय प्रोडक्‍ट्स का सेवन करना चाहिए ताकि पर्याप्त मात्रा में जिंक मिल सके. इसके लिए वीगन्‍स फॉर्टीफाइड रेडी-टू-ईट सीरियल्‍स और दूसरे जिंक फॉर्टीफाइड खाद्य पदार्थों का भी सेवन किया जा सकता है. 

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