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सेना के जज्‍बे को सलाम, अब सैलरी के नोट जहाजों में भरकर ला रही है

दो महीने पहले ही वायुसेना ने पाक अधिकृत कश्‍मीर में सर्जिकल स्‍ट्राइक करके देश-दुनिया में खूब वाहवाही बटोरी थी.

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ज्‍यों-ज्‍यों नवंबर का महीना अपने अंत की ओर बढ़ रहा है, त्‍यों-त्‍यों लोगों के दिल की धड़कनें तेज हो रही हैं. कैश की किल्‍लत के बीच ज्‍यादातर लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही होगा कि सैलरी के पैसे अकाउंट में आने के बाद ये हाथ में कब और किस तरह आएंगे.

हर बार की तरह इस बार भी देश के लोगों को मुसीबत से उबारने की जिम्‍मेदारी सेना संभाल चुकी है. आपकी सैलरी के नोट वायुसेना के विमानों में भर-भरकर बड़ी तेजी से देश के कई शहरों में पहुंचाए जा रहे हैं. एयरफोर्स के परिवहन विमान कई फेरे लगाकर बैंकों की कैश की जरूरत को पूरा करने में लगे हैं.

अभी से ठीक दो महीने पहले ही वायुसेना ने पाक अधिकृत कश्‍मीर में सर्जिकल स्‍ट्राइक करके देश-दुनिया में खूब वाहवाही बटोरी थी. कुछ 'विशेषज्ञ' आज तक सीमा पर इस तरह की सर्जिकल स्‍ट्राइक का दूसरा उदाहरण खोजने में जुटे हैं. तब देशवासियों ने सेना के मजबूत इरादे और जज्‍बे को सलाम किया था. सरहद पर हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. पाकिस्‍तान हर रोज नई चुनौती पेश करने की कोशिश में जुटा है, पर हमारी सेना भी उसे लगातार 'वाजिब जवाब' दे रही है.

अब एक बार फिर वायुसेना पर बड़ी जिम्‍मेदारी आ पड़ी है. नोटों की ढुलाई का काम बाढ़, सूखा, भूकंप, उपद्रव के हालात जैसा चुनौतीपूर्ण भले ही न हो, पर इसकी गंभीरता को कम नहीं आंका जा सकता.

नोटों की किल्‍लत की वजह से पिछले 20 दिनों में बैंकों और एटीएम के आगे लंबी-लंबी लाइनों को देखकर स्‍थ‍िति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. नोटबंदी से जुड़े हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार ऊपर चढ़ रहा है. अब सैलरी के पैसे अकाउंट में पहुंचते ही कैश के लिए भीड़ उमड़ना स्‍वाभाविक है.

केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक, दोनों को ही हालात का पूरा-पूरा अंदाजा है, यही वजह है कि बड़े पैमाने पर नोटों की ढुलाई के लिए पहली बार वायुसेना के जहाजों का इस्‍तेमाल किया जा रहा है.

नॉर्थ-ईस्‍ट के इलाकों में इस काम में हेलिकॉप्‍टर का इस्तेमाल तो पहले भी होता रहा है, पर पहली बार AN-32, C-130J, C-17 ग्‍लोबमास्‍टर, Mi-17 जैसे विमान प्रिंटिंग प्रेस से लेकर आरबीआई, इसके रीजनल ऑफिस और देश के अलग-अलग हिस्‍सों तक तेजी से नोट पहुंचा रहे हैं.

न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 19 नवंबर से लेकर 10 दिनों के भीतर करीब 160 टन नोट वायुसेना के जहाजों से पहुंचाए जा चुके हैं. यह सिलसिला और तेज होने वाला है.

तो अब जब आपके शहर के ऊपर वायुसेना का कोई विमान उड़ता नजर आए, तो उसे दिल से सलाम ठोकिए. उम्‍मीद है, आप भी सेना के जज्‍बे और अपनी मेहनत की कमाई के पैसों से बहुत प्‍यार करते हैं.

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