2019 में टी-20 वर्ल्डकप क्वालिफायर समेत कई ऐतिहासिक मैचाें के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो इस टूर्नामेंट की सभी फ्रेंचाइजी के लिए यूएई में खेलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि सभी खिलाड़ी भारतीय परिस्थितियों में खेलने के आदी हैं.
यूएई में स्कोरिंग के मामले में जो फैक्टर जरूरी हो सकते हैं, वो हैं:
अबू धाबी, दुबई, शारजाह में अब तक टी-20 के 121 अंतरराष्ट्रीय मैच हो चुके हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 6 मैचों में ही स्कोर 200 के पार हुआ है. यानी ये धीमी विकेट का कमाल है.
लंबी बाउंड्रीज और धीमी पिच की वजह से लंबे शॉट यानी छक्के मारने में मुश्किल हो सकती है.
पावरप्ले में, मिडिल ओवर और डेथ ओवर में स्पिनर के भरोसे रहना पड़ सकता है, ऐसा हम सीपीएल में देख चुके हैं.
अब हम सभी आठों फ्रेंचाइजी के बारे में जानते हैं. इस बार वे यूएई की पिच का कैसे फायदा या नुकसान उठा सकते हैं.
चेन्नई सुपर किंग्स
बेहतर स्क्वॉड की बात करें तो सीएसके शायद सबसे बेहतर फ्रेंचाइजी है. उनके पास ताकतवर स्पिन अटैक और अनुभवी बल्लेबाज हैं. ऐसे प्लेयर्स जो किसी भी परिस्थिति में अपने आप को ढाल लेते हैं. धीमी और नीची विकेट पर जमे रह सकते हैं. उनके होमग्राउंड चेन्नई के चेपक स्टेडियम में लगभग यूएई जैसी ही परिस्थिति हैं. धोनी की टीम को धीमी विकेट पर कोई दिक्कत नहीं आने वाली है.
लगातार रन बनाते रहना, बचाव करना उनकी बड़ी ताकत है. यूएई में बदले हालात में चेन्नई सुपर किंग्स काफी फायदा उठा सकती है.
चेन्नई ने दुबई और अबू धाबी में 14 में से 11 मैच खेले हैं और शारजाह में तीन मैच खेले हैं, जो बैटिंग के लिहाज बेहतर विकेट है..
स्पिन अटैक की बात करें तो हरभजन सिंह टीम में नहीं हैं, फिर भी सीएसके रविंद्र जड़ेजा, इमरान ताहिर, पीयूष चावला, मिशेल सैंटनर, कर्ण शर्मा और आर साई किशोर टीम को धार देंगे.
ये बात भी याद रखनी चाहिए कि ड्वेन ब्रावो, ताहिर और सैंटनर इसी तरह के विकेट वाली सीपीएल सेशन से लौटेंगे. यानी सीएसके फिलहाल सभी विभागों में अच्छी दिख रही है.
राय: इस पिच पर खेलने के लिए टीम पूरी तरह तैयार है.
दिल्ली कैपिटल्स
2019 में भारतीय खिलाड़ियों के दमदार परफॉर्मेंस ने दिल्ली कैपिटल्स को प्लेऑफ तक पहुंचा दिया था. फ्रेंचाइजी ने अपने कोर ग्रुप के प्लेयर्स को बरकरार रखा है. आर अश्विन और अजिंक्य रहाणे को टीम में जोड़कर लोकल प्लेयर्स को मजबूती मिली है. रहाणे के टीम में होने से दिल्ली को यूएई की परिस्थितियों में फायदा हो मिल सकता है. अगर शिखर धवन के साथ पृथ्वी शॉ ओपनिंग में नाकाम रहते हैं तो हम रहाणे को उनके साथ ओपनिंग करते देख सकते हैं.
स्पिन विभाग की बात करें तो दिल्ली के तरकश में अमित मिश्रा, रविचंद्रन अश्विन, संदीप लामिछाने और अक्षर पटेल हैं.
उनके पास दो लेग स्पिनर, एक ऑफ स्पिनर और एक लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं और ये सभी शुरुआती 11 में आसानी से अपनी जगह बना सकते हैं. हालांकि फ्रेंचाइजी स्पिन में थोड़ी सी कमजोर लगती है, क्योंकि लामिछाने के अलावा इन चारों में से कोई नहीं है जिसे एक विदेशी खिलाड़ी के तौर पर गिना जाएगा. हालांकि टीम को एक चौंकाने वाले रहस्यमयी स्पिनर की बेहद जरूरत है.
ये भी बेहद अजीब है कि दिल्ली ने तेज गेंदबाज (एनरिच नॉर्टजे) और ऑलराउंडर और तेज गेंदबाज (डेनियम सेम्स) का चयन किया है. ये दोनों खिलाड़ी क्रिस वोक्स, जेसन रॉय के बाहर रहने के बाद बैकअप का काम करेंगे. हालांकि उनके पास एक शक्तिशाली बैटिंग लाइनअप और एक मजबूत स्पिन अटैक है, जिसमें कगिसो रबाडा, इशांत शर्मा, नॉर्टजे, कीमो पॉल मौजूद हैं. विदेशी प्रतिबंधों के साथ तेज गेंदबाजों के लिए ये एक चुनौती होने वाली है.
राय: यूएई की पिचों को संभालने के लिए टीम अच्छी दिख रही है.
किंग्स इलेवन पंजाब
इसमें कोई शक नहीं है कि अगर किंग्स इलेवन पंजाब का टीम संयोजन ठीक रहा तो उनके पास आईपीएल सीजन का सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम है. केएल राहुल, क्रिस गेल, ग्लेन मैक्सवेल, निकाेलस पूरन जैसे प्लेयर्स इस सीजन में सबसे खतरनाक हैं. लेकिन गौर करने वाली बात ये भी है कि क्रिस गेल और मैक्सवेल को यूएई की धीमी विकेट पर खेलने में मुश्किल आ सकती है.
मिडिल ऑर्डर में पूरन को छोड़ दें, क्योंकि वह लीग में अभी नए हैं, बाकि भारतीय खिलाड़ियों के साथ अच्छा तालमेल है, लेकिन अभी उनकी परीक्षा बाकी है.
बॉलिंग विभाग की बात करें तो किंग्स इलेवन में रवि बिश्नोई अंडर-19 टीम के स्पिनर रह चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी परखा जाना बाकी है. मुजीब-उर-रहमान अभी सीपीएल में खेले हैं और आईपीएल के लिहाज से नए हैं. मुरुगन अश्विन और जे सुचिथ भी अन्य स्पिनर हैं.
फिर भी जब तक बिश्नोई के पास इस लीग में करने के लिए कुछ अच्छा नहीं होता, तब तक किंग्स इलेवन सभी विभाग में कमजाेर ही दिखेगी. किंग्स इलेवन के लाइनअप में एक मैच जिताने वाले लेग स्पिनर की बेहद कमी है, हालांकि ऐसे दो तरह के प्लेयर्स टीम में हैं, अगर वह जल्दी ही सही स्क्वॉड बना लेते हैं तो वे इस टूर्नामेंट में अच्छे परफॉर्म कर सकते हैं.
राय: स्पिन विभाग कमजोर है, लेकिन मजबूत बैटिंग कमाल दिखा सकती है.
कोलकाता नाइट राइडर्स
धीमी विकेटों पर एक मंत्र जो काम करता है वह है बड़े और लंबे सिक्स. केकेआर के पास आंद्रे रसेल, टॉम बैंटन, सुनील नरेन, इयोन मोर्गन के साथ भारतीय प्लेयर्स में दिनेश कार्तिक और शुभमन गिल जैसे बड़े हिटर हैं. केकेआर का मिडिल ऑर्डर मजबूत है, लेकिन फिर भी जीत इस बात पर निर्भर करती है कि वे रसेल का इस्तेमाल कैसे करते हैं. जमैका तलावाज का स्टार धीमी पिच से अच्छी तरह वाकिफ है और उस हिसाब से वह अपनी भूमिका भी बदलते रहते हैं, यानी बीच के ओवरों में स्पिनर आते हैं तो रसेल कोलकाता के लिए अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं. मॉर्गन और कार्तिक भी स्पिन के सामने बेहतर प्लेयर्स हैं और केकेआर का मिडिल ऑर्डर धीमी विकेट को खेलने के लिए काफी मजबूत है. नरेन के साथ बैंटन भी स्पिन के खिलाफ बेहद निर्मम हैं.
फिर भी केकेआर की बॉलिंग चिंताजनक है. सुनील नरेन और कुलदीप यादव मुख्य स्पिनर हैं और बीच के ओवरों में अटैक करने के लिए अच्छे हैं.
लेकिन स्कॉड बनाने के लिए बैकअप अच्छा नहीं है. क्रिस ग्रीन टी20 के खौफनाक स्पिनर हैं, लेकिन चार विदेशी खिलाड़ियों के बीच उनके फिट होने की संभावना नहीं है. एम सिद्धार्थ और वरुण चक्रवर्ती से उम्मीद बांध सकते हैं, लेकिन इस लेवल पर उनकी परीक्षा होनी बाकी है. अगर तीसरे और चौथे स्पिन विकल्प पर जाएं तो केकेआर कामयाब हो सकती है. उनके पास हैरी गार्नी की जगह किसी और को लेने का विकल्प है तो उन्हें एक अच्छे तेज गेंदबाज को चुनना चाहिए, जैसे मोहम्मद सैफुद्दीन और पैट ब्राउन बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
राय: बैटिंग लाइनअप मजबूत है. तेज गेंदबाजों के लिए इस सीजन में मुश्किल हालात हैं, जबकि स्पिन गेंदबाजी का भार नरेन पर ज्यादा दिखाई दे रहा है.
मुंबई इंडियन्स
इस बार यूएई में लीग होने से पूर्व चैम्पियन मुंबई इंडियन्स खुश नहीं होंगे
2014 में मुंबई इंडियन्स ने यूएई में पांच में से पांच मैच हारे थे. लेकिन चिंता की बात ये है कि वह अभी भी इस बात से अनजान हैं कि यूएई में उनका कैसा स्वागत होने वाला है.
धीमी पिच के साथ उनके स्क्वॉड का तालमेल ठीक नहीं है. और यहां तक कि जब उनके पास फास्ट बॉलर लसिथ मलिंगा को बदलने का विकल्प था, तब फ्रेंचाइजी ने जेम्स पैटिंसन को चुना. उनके साथ मिचेल मैक्लेनघन, ट्रेंट बोल्ट, नाथन कुल्टर नाइल, धवल कुलकर्णी और जसप्रीत बुमराह टीम में हैं.
वहीं, स्पिन अटैक में अनुभवहीन क्रुणाल पांड्या और राहुल चाहर मुख्य भूमिका में हैं. मुंबई को आक्रामक स्पिन अटैक की कमी खल रही है, जो गेेम बदल सकता है और इस सीजन में अच्छा साबित हो सकता है. जब आप वानखेड़े से बाहर आकर अबू धाबी और दुबई में खेलते हैं तो बैटिंग का आत्मविश्वास भी कम हो जाता है. ठीक इसी तरह की स्थिति के साथ सीपीएल में क्रिस लिन के लिए ये सीजन भयानक गुजरा था. जबकि क्विंटन डिकॉक और राेहित शर्मा भी फास्ट बॉलर को तरजीह देते हैं. किरोन पोलार्ड और हार्दिक पांड्या इस सीजन में ट्रम्प कार्ड हो सकते हैं.
राय: यूएई में आईपीएल का सबसे खराब स्क्वॉड है. टीम संघर्ष कर सकती है, जब तक कोई युवा स्पिनर्स बेहतर परफॉर्म नहीं करता.
राजस्थान रॉयल्स
भले ही राजस्थान का बैटिंग लाइनअप भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से थोड़ा कमजाेर हो, लेकिन शीर्ष पांच बल्लेबाजों संयोजन दूसरी बाकी टीमों से थोड़ा अच्छा होगा. स्टीव स्मिथ, बेन स्टोक्स और संजू सैमसन की तिकड़ी टीम को मजबूत बनाती है. जबकि रियान पराग और डेविड मिलर खतरनाक साबित हो सकते हैं. कहा जाता है कि अगर मिलर फिट हुए तो वह बेहद खतरनाक हो सकते हैं और उनकी बैटिंग पावर जोस बटलर और स्टोक्स के बाद सबसे अच्छी है.
स्पिनर्स के तौर पर श्रेयस गोपाल, मयंक मार्कंडेय, राहुल तेवतिया और यहां तक रियान पराग एक पार्ट टाइमर गेंदबाज हैं. ये सभी लेग स्पिनर हैं और गेंदबाजी में विविधता की भी कमी है.
जोफ्रा आर्चर को छोड़कर पेस बॉलिंग में बाकी कोई भी यूएई में इतना कारगर नहीं है. धीमी गति के गेंदबाज एंड्रयू टाय और टॉम कुरन देर से अपने रंग दिखाते हैं जबकि भारतीय तेज गेंदबाज भी कुछ खास नहीं हैं.
राय: कमजोर स्पिन अटैक के कारण राजस्थान रॉयल्स पर हमला करना आसान हो सकता है.
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु शायद इस साल खिताब की दावेदार हो सकती है, इसकी वजह उनका बेहतर टीम संयोजन हैं. विराट कोहली, एबी डिविलियर्स और मोइन अली की तिकड़ी किसी भी स्पिन अटैक पर हमलावर हो सकती है. देवदत्त पडिकल, टॉप ऑर्डर में आरोन फिंच, निचले क्रम में क्रिस मॉरिस एक मजबूत बल्लेबाजी क्रम है.
केन रिचर्डसन के लीग से हटने के बाद उनकी जगह एडम जम्पा के आने से स्पिन में धार आई है और यजुवेंद्र चहल, वॉशिंगटन सुंदर, माेइन और पवन नेगी भी स्पिन का माेर्चा संभालेंगे.
फास्ट बॉलर डेल स्टेन एशियाई विकेट पर खुद को ढाल सकते हैं और क्रिस मॉरिस डेथ ओवर स्पेशलिस्ट हैं और वो धीमी पिच पर भी अपनी यॉर्कर से विरोधी खेमे को परेशान कर सकते हैं.
इसके अलावा पेस बॉलर उमेश यादव, नवदीप सैनी में भी विविधता है. श्रीलंका के इसुरु उड़ाना स्लो बॉल एक्सपर्ट हैं.
राय: यूएई की परिस्थिति के लिए टीम अच्छी बनी है. लेकिन मैदान के अंदर और बाहर के फैसले ही भविष्य तय कर सकते हैं.
सनराइजर्स हैदराबाद
यूएई की परिस्थितियों के लिहाज से इस फ्रेंचाइजी के पास आईपीएल में सबसे मजबूत स्पिन अटैक है. सनराइजर्स अपने स्पिन की ताकत और विविधता का दावा करते हैं. राशिद खान (लेग स्पिन), मोहम्मद नबी (ऑफ स्पिन) और शाहबाज नदीम (लेफ्ट आर्म स्पिन) सभी अलग-अलग तरह के स्पिनर्स हैं. वेस्टइंडीज ऑलराउंडर फैबियन एलेन भी लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं, जबकि बैकअप के सभी भारतीय स्पिनर लेफ्ट आर्म हैं. उनका शुरुआती अटैक बेहद मजबूत हैं.
भुवनेश्वर कुमार और संदीप शर्मा मुख्य रूप से तेज गेंदबाजी की बागडोर संभालेंगे. लेकिन धीमी पिचों से वाकिफ और धीमी गेंदबाजी की विविधता के लिए उन्हें टी नटराजन के तौर पर तीसरा साथी भी मिल सकता है.
बैटिंग लाइनअप में डेविड वॉर्नर, केन विलियमसन और मनीष पांडे स्पिन हमले को खेलने में सक्षम हैं. लेकिन जॉनी बेयरस्टो अभी उस स्तर पर नहीं हैं, हालांकि पावरप्ले में वह भी हमले कर सकते हैं और उन्हें मिडिल ऑर्डर की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
राय: मजबूत स्पिन अटैक, कुछ बल्लेबाजों को हो सकती है दिक्कत
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