आईपीएल (IPL) 2020 की ट्रॉफी कोई भी टीम जीतें लेकिन जब भी इस टूर्नामेंट के सबसे बेहतरीन लम्हों की बात होगी, तो असम के ऑलराउंडर रियान पराग (Riyan Parag) के बिहु डांस की चर्चा भी जरुर होगी. आखिर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों ने तो क्या, दुनिया भर के फैंस ने पहली बार ऐसा डांस देखा जिसकी कॉपी इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर ग्रेम स्वान भी टीवी स्टूडियो में करते नजर आये!
हैदराबाद के खिलाफ पराक्रम के बाद पराग की बातें
बहरहाल, सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के खिलाफ बेहद दबाव वाले लम्हें में एक शानदार पारी खेलने के बाद जो बात पराग ने कही, वो उनके बेफिक्र नजरिये को बयां करने के लिए काफी है. पराग का कहना है- “मैं बड़े सपने देखता हूं. ऐसे हालात के सपने देखता हूं. अब, ये बातें मुझे हकीकत लगती हैं. मुझे ऐसे मौके पसंद आतें है जहां मैं जिम्मेदारी के लिए अपना हाथ उठा सकूं.”
2 चौके और 2 छक्के लगाकर 42 रनों की मैच-जिताने वाली पारी खेलने वाले पराग को मैदान में और मैदान से बाहर जिम्मेदारी लेने के लिए किसी को कभी कुछ भी नहीं कहना पड़ता है. ये वही खिलाड़ी है जिसने पिछले साल राजस्थान रॉयल्स के अभ्यास कैंप में शामिल होने के बाद अपनी टीम से 12वीं क्लास की परीक्षा में शरीक होने के लिए इजाजत मांगी.
पराग के पिता और मां दोनों खिलाड़ी
कौन सा युवा खिलाड़ी ऐसा जोखिम लेने की कोशिश करेगा, जब उसे आईपीएल ऑक्शन में तीसरे राउंड के बाद सबसे आखिरी खिलाड़ी के तौर पर टीम में सिर्फ 20 लाख का कॉन्ट्रैक्ट मिला हो? लेकिन, आत्मविश्वास तो अपनी योग्यता पर भरोसा करने का ही दूसरा नाम है. वैसे भी धारा के प्रवाह के विपरीत तैराकी करने का जोखिम लेने का जज्बा शायद उन्हें अपनी मां मिठू बरुआ से मिला हो खुद राष्ट्रीय स्तर पर एक शानदार तैराक रह चुकी हैं.
लेकिन, क्रिकेट की दुनिया का शुरुआती परिचय रियान से उनकी मां की बजाए उनके पिता से शुरु हुआ, जो खुद असम के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभा चुके थे.
एम एस धोनी उनके पिता के साथ खेल चुके हैं और पिछले साल रियान के पहले ही मैच में उनका कैच धोनी ने ही जब पकड़ा तो वो सोशल मीडिया में वो चर्चा में आ गए थे.
तो पराग के नाम बन जाता एक रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलियाई के स्टीव स्मिथ पराग से काफी प्रभावित हैं, जिनके साथ वो क्रिकेट के अलावा टेबल टेनिस भी खेलतें हैं और हिंदी भी सीखने की कोशिश करतें हैं. बेन स्टोक्स के साथ वो मजाक भी कर लेतें है, तो जोस बटलर उन्हें दबाव वाले लम्हों में संयम रखने की कला को सिखाते हैं.
लेकिन, पराग ने 2019 सीजन में अर्धशतक लगाकर आईपीएल में सबसे युवा खिलाड़ी द्वारा अर्धशतक जमा कर अपना नाम सिर्फ दर्ज कराया, बल्कि ये भी दिखाया कि 2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान उन्होंने जिस प्रतिभा की झलक दिखाई है, वो सिर्फ झलक नहीं है. वैसे, आईपीएल की ही तरह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पराग के नाम सिर्फ 14 साल की उम्र में डेब्यू करने का भारतीय रिकॉर्ड हो सकता था, अगर सिर्फ उनके राज्य के चयनकर्ताओं ने तत्कालीन कोच संत कुमार की बातों पर यकीन किया होता.
टीम के मालिकों में से एक राजस्थान रॉयल्स, हमेशा ही में भारत की गुमनाम प्रतिभाओं को तराशने और हौसला अफजाई का जिम्मा ले रखा है. अभी पराग ने एक शुरुआत की है, भरोसा जीता है और हो सकता है अपनी टीम के जीत के सिलसिले को और आगे बढ़ाए.
पराग का सपना
अप्रैल 2006 में एक टीवी चैनल के लिए मैं गुवाहटी भारत-इंग्लैंड वन-डे मैच कवर करने गया था. स्थानीय पत्रकारों ने मुझसे गुजारिश की मुझे राज्य के बेहद प्रतिभाशाली गेंदबाज अबू नचीम पर एक फीचर स्टोरी जरूर करनी चाहिए ताकि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का उन पर ध्यान जाए.
17 साल की उम्र में नचीन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू भी किया, विराट कोहली के साथ अंडर 19 क्रिकेट खेली और आईपीएल में भी मुंबई इंडियंस और रायल चैलेंजर्स का हिस्सा बने लेकिन कभी भी सुर्खियों में नहीं आ पाए.
असम के क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये एक मायूस करने वाली बात थी क्योंकि उनके राज्य से अब तक किसी भी खिलाड़ी ने भारत के लिए क्रिकेट नहीं खेली है. लेकिन, पराग का सबसे बड़ा सपना है भारत के लिए खेलना. पराग ने छोटी सी उम्र में ये दिखाया है कि उनमें अपने सपनों को सच में बदलने का अनोखा जूनून और काबिलियत भी है. आईपीएल 2020 की ये पारी कहीं ना कहीं उस सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है.
(20 साल से अधिक समय से क्रिकेट कवर करने वाले लेखक की सचिन तेंदुलकर पर पुस्तक ‘क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी’ बेस्ट सेलर रही है. ट्विटर पर @Vimalwa पर आप उनसे संपर्क कर सकते हैं.)
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