ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंत्री से शादी-मंदी का कनेक्शन सुन बोले लोग- ऐसे ही उड़ता है मजाक

अंगड़ी के इस बयान की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचनाएं हो रही है. 

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

मोदी सरकार के मंत्री देश में मंदी की बात स्वीकार करते नहीं दिख रहे हैं. देश की सुस्त अर्थव्यवस्था पर मंत्री लगातार अटपटे बयान दे रहे हैं. अब रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी ने मंदी जैसे हालात के बचाव में अजीब बयान दिया है. अंगड़ी का कहना है कि लोग शादी कर रहे हैं, ट्रेन में बुकिंग फुल है, इसलिए मंदी है ही नहीं. अंगड़ी के इस बयान की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचनाएं हो रही हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

शमा मोहम्मद ने कहा, "जब ऐसी बुद्धि वाले लोग सत्ता में होते हैं, तो ये समझना मुश्किल नहीं है कि भारत गंभीर मंदी में क्यों है!"

“अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का मजाक बनाने में कोई कमी नहीं”

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंत्री का क्या है बयान

सुरेश अंगड़ी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विपक्ष की आलोचना को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “हवाई अड्डे और ट्रेन भरी हुई हैं, लोग शादी कर रहे हैं. यह इस बात का संकेत हैं कि देश की अर्थव्यवस्था ठीक है.”

कर्नाटक के बेलगाम से लोकसभा सांसद और केंद्रीय रेल राज्यमंत्री अंगड़ी ने आगे कहा-

कुछ लोग आर्थिक संकट का दावा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. हर तीन साल के अंतराल में अर्थव्यवस्था में गिरावट आती है. यह एक चक्र है. इसके बाद अर्थव्यवस्था में दोबारा तेजी आती है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला आरोप लगाया है कि असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी अपने नेताओं से ऐसे बयान दिलवा रही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रविशंकर प्रसाद ने भी दिया था इकनॉमी पर ऐसा ही बयान

इससे पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इसी तरह का बेतुका बयान दिया था और कहा था कि फिल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं तो फिर देश में सुस्ती कैसी है. प्रसाद की इस पर खासी खिंचाई हुई थी. बयान पर हंगामा मचने के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया. रविशंकर ने बयान वापस लेने के लिए प्रेस स्टेटमेंट जारी किया . हालांकि इसमें उन्होंने अपने आंकड़ों को सही ठहराया है और अपने बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने का आरोप लगाया.

देश में एक के बाद अर्थव्यवस्था के अलग-अलग सेक्टर के निराशाजनक आंकड़ों ने सरकार के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर दी है. जीडीपी के गिर कर 5 फीसदी से भी नीचे जाने की आशंका जताई जा रही है. संसद के शीतकालीन सत्र में इकनॉमिक स्लोडाउन बड़ा मुद्दा बन सकता है. सरकार इस मुद्दे पर घिर सकती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×