ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘जिसकी उपलब्धि पर बिहार करता है गर्व, अंत में उसके साथ ये व्यवहार’

इस वीडियो में दावा किया गया कि वशिष्ठ नारायण सिंह की मौत के बाद भी उन्हें वो सम्मान नहीं मिल सका.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

मशूहर गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का 14 नवंबर को देहांत हो गया. गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. जिसके बाद वह वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए. वशिष्ठ नारायण ने नासा में भी काम किया, लेकिन वह 1971 में भारत लौट आए. पिछले कई दशकों से वो सिजोफ्रेनिया बीमारी से पीड़ित थे. बिहार के पटना में उनके निधन के बाद एक वीडियो वायरल हुआ.

इस वीडियो में दावा किया गया कि वशिष्ठ नारायण सिंह की मौत के बाद भी उन्हें वो सम्मान नहीं मिल सका. उनका पार्थिव शरीर करीब एक घंटे तक एंबुलेंस के इंतजार में अस्पताल के बाहर पड़ा रहा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. वीडियो को ट्वीट करते हुए और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को टैग करते हुए सीनियर जर्नलिस्ट ब्रजेश कुमार सिंह ने लिखा है,

ये पीएमसीएच कैंपस में महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर है, जिनके परिजनों को एम्बुलेंस तक मुहैया कराने की औपचारिकता अस्पताल प्रशासन ने नहीं निभाई। शर्मनाक है ये! जिस आदमी की उपलब्धियों पर बिहार समेत देश गर्व करता है, अंत में भी उसके साथ ऐसा व्यवहार?

मशहूर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया है,

उफ्फ, इतनी विराट प्रतिभा की ऐसी उपेक्षा? विश्व जिसकी मेधा का लोहा माना उसके प्रति उसी का बिहार इतना पत्थर हो गया? @NitishKumar @girirajsinghbjp @AshwiniKChoubey @nityanandraibjp आप सबसे सवाल बनता हैं ! भारतमां क्यूं सौंपे ऐसे मेधावी बेटे इस देश को जब हम उन्हें सम्भाल ही न सकें?

आइंस्टीन के सिद्धांत को दी थी चुनौती

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के रिलेटिविटी के सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनका एक मशहूर किस्सा है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए, तो नारायण ने उस बीच कैलकुलेशन किया और कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक जैसा ही था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×