7 मार्च को ढेर सारे लोग पीएम मोदी की रैली में जा रहे थे. सारे अपने-अपने पापा के साथ थे. सब कार से जा रहे थे. सबपर टीएमसी ने हमला किया. सबके सिर पर चोट लगी. सबको तीन टांके लगे . सारे हावड़ा के थे. ये जानकारी कई लोगों ने ट्वीटर पर शेयर की है. अगर आप चौंक गए हैं कि ये कैसे हुआ तो समझिए.
इन सभी ने ट्विटर पर अपना दुख भरा अनुभव बताते हुए लिखा - मैं हावड़ा बंगाल से हूँ आज जब मैं मोदी जी रैली के लिए पापा के साथ निकली तो TMC के गुंडों ने हमारी कार पे पत्थरों से हमला किया, जिसमें चोट आई और मेरे सर पे 3 टांके लगे हैं !! पर मैं उनको बता दूं मैं अब भी मोदी जी के साथ हूँ आखिरी सांस तक रहूंगी !!
क्या है ये माजरा ?
रिपोर्ट लिखे जाने तक तकरीबन 55 अलग-अलग ट्विटर हैंडल्स से ये एक ही मैसेज पोस्ट हो चुका है. ये माजरा है कॉपी पेस्ट कैंपेन का. सोशल मीडिया के जमाने का एक नया हथकंडा. जिसके जरिए आप किसी इवेंट, संगठन या व्यक्ति की तारीफ या आलोचना को लेकर खास नैरेटिव सेट कर सकते हैं. नैरेटिव सच पर आधारित है या झूठ पर इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता. आपके पास होने चाहिए बहुत सारे सोशल मीडिया हैंडल जो आपके दिए मैसेज को कॉपी-पेस्ट कर दें.
कॉपी-पेस्ट कैंपेन में इस्तेमाल होने वाले हैंडल्स फेक होते हैं, इसका खुलासा क्विंट की वेबकूफ टीम पहले भी कर चुकी है. किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए भी एक ऐसा ही कॉपी-पेस्ट कैंपेन चला था. जिसमें कई महिला पत्रकारों के नाम पर बनाए गए फेक ट्विटर हैंडल्स से दावा किया गया था कि आंदोलन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ हुई.
नीचे दी गई खबर पर क्लिक कर समझिए क्या होता है कॉपी पेस्ट कैंपेन-
फर्जी महिला पत्रकारों के अकाउंट से दावा- किसानों ने की अश्लील हरकत
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