22 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के प्रचार अभियान की शुरुआत की. इस रैली में प्रधानमंत्री ने देश में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन पर भी कुछ चीजें साफ करने की कोशिश कीं. उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों को न डिटेंशन सेंटर भेजा जा रहा है, न हिंदुस्तान में कोई डिटेंशन सेंटर है. उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है. यूजर्स ने कहा कि पीएम ने भाषण में झूठ कहा.
जर्नलिस्ट बरखा दत्त ने रामलीला मैदान में पीएम मोदी के भाषण की आलोचना की. उन्होंने लिखा कि पीएम ने अपने भाषण में कहा कि NRC पर कोई चर्चा नहीं है लेकिन गृहमंत्री के कई बयान इसे सपोर्ट करते हैं.
जर्नलिस्ट स्वाति चतुर्वेदी ने भी पीएम पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘आप उस स्पीच का फैक्ट चेक कैसे करेंगे जो पूरी झूठी हो?’
द हिंदू के पूर्व पत्रकार ने पीएम मोदी के भाषण को झूठ से भरा बताया. उन्होंने ट्विटर थ्रेड में बताया कि कैसे राजनाथ सिंह पूरे देश में NRC लागू करने की बात कह चुके हैं.
राइटर और कॉलमिस्ट अमित वर्मा ने भी पीएम मोदी के भाषण की आलोचना की.
विल्सन इंटरनेशनल सेंटर के एशिया प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने ट्विटर पर लिखा, ‘आज, मोदी ने कहा कि देश में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है. उनकी सरकार और कई मीडिया सेंटर्स ये साफ कर चुके हैं कि डिटेंशन सेंटर्स हैं. इतना बड़ा झूठ ऐसे साफ कैसे कह सकते हैं?’
द वायर के फाउंडिंग एडिटर एमके वेणू ने ट्विटर पर गृहमंत्री का एक ट्वीट शेयर कर लिखा कि पीएम के बयान को अमित शाह के बयान से फैक्ट चेक किया जा सकता है. अमित शाह ने इस ट्वीट में लिखा है कि पहले CAA आएगा और फिर NRC लागू कर देश के घुसपैठियों को बाहर किया जाएगा.
राजनीतिक पार्टियों ने भी बोला हमला
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी के भाषण पर कहा, ‘आज मोदी ने कहा कि देशभर में NRC लागू करने पर कोई चर्चा नहीं हो रही है और ऐसा भ्रमित करने के लिए कहा जा रहा है. लेकिन झूठ बोल कौन रहा है? अगर अमित शाह गलत हैं, तो सदन को भ्रमित किया जा रहा है. किसका यकीन करना चाहिए?’
कांग्रेस ने पीएम मोदी का वीडियो शेयर कर लिखा कि वो भारतीयों का अपमान कर रहे हैं.
सीपीआई एमएल नेता कविता कृष्णन ने कहा कि गूगल पर सर्च कर ये पता लगाया जा सकता है कि असम और कर्नाटक में डिटेंशन सेंटर बनाए जा रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)